हाल ही में खिलाड़ी कुमार के घर में नन्हीं परी ने जन्म लिया है लेकिन आजकल अक्षय जो हंसते-मुस्कुराते नजर आ रहे हैं उसकी वजह बस उनका दोबारा पिता बनना नहीं बल्कि उनकी फिल्म ओह माय गॉड और इसमें उनके कृष्ण अवतार को मिलने वाला रिस्पॉंस भी उनकी चेहरे की खुशी को बढ़ा रहा है. आलोचकों ने भले ही ओह माय गॉड फिल्म को एक कमजोर फिल्म करार दिया हो पर उनके प्रशंसकों को तो अक्षय का यह नया रूप बहुत लुभा रहा है.
यह बात तो सभी जानते हैं कि अक्षय कुमार और परेश रावल अभिनीत यह फिल्म भगवान के अस्तित्व और इंसान के लालच पर केन्द्रित है लेकिन इस फिल्म में भगवान कृष्ण का किरदार निभाने के बाद अक्षय कुमार पर क्या प्रभाव पड़ा यह शायद आप नहीं जानते.
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ओह माय गॉड में भगवान के अस्तित्व को स्थापित करने वाले अक्षय कुमार ने अब यह प्रण ले लिया है कि वह अपने जीवन में कभी किसी धार्मिक स्थल की यात्रा नहीं करेंगे. अरे इससे पहले आप यह समझें कि इस फिल्म के बाद अक्की पूरी तरह नास्तिक हो गए हैं तो आपको यह भी जान लेना चाहिए कि फिल्म रिलीज से पहले ही अक्षय ने शाकाहार लेना और गीता पाठ करना शुरू कर दिया था और अब जब फिल्म रिलीज हो गई तो उन्होंने यह निश्चय कर लिया है कि वह कभी मंदिर, गुरुद्वारा या फिर अन्य किसी पूजा स्थल नहीं जाएंगे क्योंकि अब उन्हें यह समझ आ गया है कि भगवान केवल इमारतों में नहीं बल्कि इंसान के दिल में भी रहते हैं. अक्षय कुमार अब इस बात पर विश्वास करने लगे हैं कि ईश्वरीय शक्ति हर समय और हर जगह साथ होती है उसे किसी विशेष स्थान पर ही नहीं पाया जाता.
फिल्म ओह माय गॉड ने भगवान के प्रति खिलाड़ी के नजरिए को पूरी तरह बदल कर रख दिया है. उनका मानना है कि आस्था का मतलब भगवान की मूर्ति के सामने हाथ जोड़ना ही नहीं है बल्कि मन और कर्म से भी साफ रहना चाहिए. अक्षय के अनुसार भगवान हम सभी के दिलों में है जिसे कभी भी देखा और महसूस किया जा सकता है.
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धार्मिक स्थान पर यात्रा ना करने के अलावा अक्की ने यह भी निर्णय लिया है कि वह अपनी यात्रा पर होने वाले खर्चे को कैंसर पीड़ितों को दान में दिया करेंगे.
भले ही कुछ लोगों को अक्षय का यह निर्णय रास ना आए लेकिन उनकी ऐसी सोच है बहुत ही काबिल-ए-तारीफ है.
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