अगले महीने यानी नंवबर में सिनेमा के महाकुंभ का आयोजन होने वाला है। इसमें रूस समेत दुनियाभर की सबसे मशहूर 200 से ज्यादा फिल्मों को दिखाया जाएगा। यह महाकुंभ गोवा में 20 नवंबर से शुरू होगा। इस दौरान भारत समेत दुनिया के कई देशों के सिनेमाप्रेमी हिस्सा लेंगे। इस महाकुंभ का आयोजन भारत सरकार नवंबर से गोवा में करने जा रही है।
फिल्म के महाकुंभ की गोल्डेन जुबली
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ऐलान किया है कि फिल्मों के महाकुंभ यानी 50वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल का आयोजन गोवा में किया जाएगा। उन्होंने घोषणा करते हुए बताया कि इस दौरान करीब 76 देशों की 200 फिल्मों को प्रदर्शित किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए भी यह जानकारी लोगों से साझा की है।
अमिताभ बच्चन को विशेष सम्मान देने की तैयारी
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने सिनेमा जगत को बहुमूल्य योगदान दिया है इसलिए इस फेस्टिवल में उनकी मशहूर फिल्मों को दिखाया जाएगा। बता दें कि हाल ही में भारत सरकार ने अमिताभ बच्चन को भारतीय सिनेमा का सबसे प्रतिष्ठित अवॉर्ड दादा साहब फाल्के प्रदान किया है। केंदीय मंत्री के अुनसार फेस्टिवल में इंडियन पैनोरामा सेक्शन के तहत जो पहली फिल्म दिखाई जाएगी वह गुजराती भाषा की हेल्लारो होगी। इसे अभिषेक शाह ने बनाया है।
ब्लॉकबस्टर फिल्में हिस्सा बनीं
फिल्मों के इस महाकुंभ में 2018 और 2019 में ब्लॉकबस्टर रहीं बॉलीवुड की फिल्मों को भी दिखाया जाएगा। इसमें विकी कौशल की उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक को शामिल किया गया है। इसके अलावा रितिक रोशन की सुपर 300, रणवीर सिंह की गली ब्वॉय और आयुष्मान खुराना की फिल्म बधाई हो को भी फेस्टिवल में दिखाया जाएगा। इंडियन पैनोरामा सेक्शन के तह फेस्टिवल 26 फीचर और 15 नॉन फीचर फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा।
मील का पत्थर 12 फिल्मों की विशेष स्क्रीनिंग
मील का पत्थर साबित हुईं 12 ऐसी फिल्मों को भी इस महाकुंभ में जगह दी गई है जो 2019 में अपनी रिलीज के 50 साल पूरी कर रही हैं। इन फिल्मों को भी दर्शकों के सामने लाने के लिए प्रदर्शित किया जाएगा। इस बार फीचर फिल्म की ज्यूरी का नेतृत्व मशहूर फिल्ममेकर प्रियदर्शन करेंगे। नॉन फीचर फिल्म की ज्यूरी का नेतृत्व फिल्ममेकर राजेंद्र जांगले करेंगे। फेस्टिवल का आयोजन 20 से 28 नंवबर तक गोवा में होगा।
एशिया का सबसे बड़ा फेस्टिवल
सिनेमाजगत में बेहतरीन काम करने वाले लोगों को सम्मानित करने और फिल्मों के विकास के उद्देश्य से 1952 में इस फेस्टिवल की शुरुआत की गई थी। इस फेस्टिवल को एशिया का सबसे बड़ा फेस्टिवल भी कहा जाता है। इस फेस्टिवल को पहली बार मुंबई में भारत सरकार के सहयोग से आयोजित किया गया था। इसके बाद यह फेस्टिवल अपने 34वें संस्करण तक अलग अलग शहरों में आयोजित होता रहा। 35वें संस्करण के बाद इस फेस्टिवल को पूर्ण रूप से गोवा में ही आयोजित किया जाने लगा। …Next
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