मशहूर फिल्म निर्देशक जेपी दत्ता को बॉलीवुड में देशभक्ति फिल्में बनाने के मामले सबसे आगे रखा जाता है। जेपी दत्ता खासकर भारतीय जंग और सैनिकों पर केंद्रित फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। 3 अक्टूबर को वह अपना 70वां जन्मदिन सेलीब्रेट कर रहे हैं। उनके चाहने वाले जेपी दत्ता को बॉलीवुड में देशभक्ति का जज्बा पैदा करने वाला भी मानते हैं। उनकी फिल्मों को देखकर दर्शक जोश से भरकर हिंदुस्तान जिंदाबाद और पाकिस्तान मुर्दाबाद नारे लगाने लगते थे।
जेपी दत्ता को बॉर्डर फिल्म के लिए सबसे ज्यादा सराहना हासिल हुई। 1997 में आई यह फिल्म पाकिस्तान से 1971 में हुए युद्ध पर केंद्रित थी। फिल्म में सनी देओल, जैकी श्रॉफ, सुनील शेट्टी, अक्षय खन्ना जैसे धुआंधार कलाकारों सजी फिल्म ने सफलता के झंडे गाड़ दिए थे। सैनिकों के जज्बे को दिखाती इस फिल्म को देखकर दर्शक जोश से भर उठते थे। यह ऐसी फिल्म थी कि लोग सिनेमाघरों और थिएटरों में पाकिस्तान मुर्दाबाद और हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने लगते थे। इस फिल्म के गानों ने तो लोगों के जहन में कब्जा जमा लिया था। फिल्म को भारत के अलावा विदेशों में भी जबदरदस्त सराहना मिली थी। फिल्म उस वर्ष की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी थी। इसके अलावा फिल्म को तीन राष्ट्रीय अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।
जेपी दत्ता ने अपने जीवन काल में सर्वाधिक ख्याति वॉर फिल्मों से ही पाई। 2003 में जेपी दत्ता ने फिर से वॉर बेस्ड कहानी पर भारतीय सैनिकों के जज्बे को दर्शकों के सामने रख दिया। मल्टीस्टारर इस फिल्म का नाम रखा गया एलओसी कारगिल। यह फिल्म पाकिस्तान के साथ हुए कारगिल युद्ध में भारतीय सैनिकों की साहसिक लड़ाई और उनके भावनात्मक पहलू को दिखाने का प्रयास किया गया। अजय देवगन, संजय दत्त, सुनील शेट्टी, सैफ अली खान, अभिषेक बच्चन, अक्षय खन्ना जैसे धुआंधार अभिनेताओं के अभिनय से सजी इस फिल्म को भी जबरदस्त प्यार हासिल हुआ। 33 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस कलेक्शन भी बड़े पैमाने पर किया। 45 करोड़ से भी ज्यादा की कमाई करने वाली साल की सबसे बड़ी फिल्मों की लिस्ट में शामिल हो गई थी।
जेपी दत्ता ने 2000 में रिफ्यूजी फिल्म से दोबारा भारत-पाकिस्तान के बॉर्डर पर रहने वाले लोगों की मनोदशा और हालात को पर्दे पर उतार दिया। इस फिल्म से अभिषेक बच्चन और करीना कपूर ने अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की। जेपी दत्ता इस फिल्म के जरिए युद्ध पर केंद्रित फिल्मों को बनाने की छवि खुद से हटाने के इरादे से यह कहानी लेकर दर्शकों के सामने आए। सैनिकों के जज्बे और उनके संघर्ष देखने की इच्छा पाले दर्शकों को रिफ्यूजी कुछ खास पसंद नहीं आई। कई फिल्म क्रिटिक्स ने कहानी को अच्छा बताया और फिल्मांकन के साथ अभिषेक बच्चन और करीना कपूर की अदायगी की प्रशंसा भी की। इन सबके बावजूद फिल्म ने अपनी लागत करीब 15 करोड़ से दोगुने 35 करोड़ की कमाई की।
दर्शकों में फिल्म की कहानी को लेकर बदलते मिजाज को भांपकर जेपी जेपी दत्ता ने अपनी फिल्मों का जॉनर बदल दिया और 2006 में वह उमराव जान के साथ सिनेमाघरों में पहुंचे। ऐश्वर्य राय के अभिनय से सजी इस फिल्म को खूब सराहना मिली, लेकिन बॉर्डर और एलओसी कारगिल जैसी सफलता हासिल नहीं हो सकी। फिल्म को उम्मीद पर खरा न उतरते देख जेपी दत्ता लंबे समय के लिए डायरेक्शन से दूर हो गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक वह अपनी फिल्म बॉर्डर और एलओसी कारगिल जैसी एक और फिल्म बनाने का ख्वाब देख रहे थे। आखिरकार उन्होंने 1967 में चीन सीमा पर नाथुला दर्रे को लेकर हुए क्लैश पर फिल्म बनाने का ऐलान किया। 12 साल बाद वह फिल्म पलटन के साथ डायरेक्शन में उतरे। जेपी दत्ता की पिछली वॉर फिल्मों की तरह यह फिल्म भी मल्टीस्टारर थी। इसमें जैकी श्रॉफ, अर्जुन रामपाल, सोनू सूद, हर्षवर्धन राणे, गुरमीत चौधरी और इशा गुप्ता जैसे कलाकारों ने काम किया।
महाराष्ट्र राज्य के मुंबई में 03 अक्टूबर 1949 में जन्मे जेपी दत्ता का पूरा नाम ज्योति प्रकाश दत्ता था। 1985 में बॉलीवुड में फिल्ममेकिंग में करियर बनाने के इरादे से उतरे जेपी दत्ता ने जेपी फिल्म्स के नाम प्रोडक्शन हाउस बनाया और फिल्मों के काम में जुट गए। सबसे पहली फिल्म सरहद उन्होंने 1976 में ही बना दी थी, लेकिन वह पर्दे पर नहीं आ सकी। 1985 में उन्होंने गुलामी बनाकर करियर की शुरुआत कर दी। इसके बाद फिल्म बंटवारा, यतीम, हथियार और क्षत्रिय जैसी दर्जना सुपरहिट फिल्मों का निर्माण किया। जेपी दत्ता की फिल्मों को कई बार राष्ट्रीय पुरस्कारों से भी नवाजा गया।…Next
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