रूपहले पर्दे पर दर्द भरी भूमिकाओं को साकार करने वाली कमसिन अभिनेत्री कंगना राणावत का फिल्मी सफर अब उस स्तर पर पहुंच चुका है जहां उन्हें स्वयं को सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं है. वे हिन्दी फिल्मों की मुख्यधारा की अभिनेत्रियों में अपना स्थान सुरक्षित कर चुकी हैं.
उत्तराखंड के मनोरम शहर मनाली के मध्यम वर्गीय परिवार में पली-बढ़ी कंगना को बचपन से ही हिन्दी फिल्मों की चकाचौंध आकर्षित करती थी. उनका जन्म 20 मार्च 1987 को हुआ था. उन्नीस वर्ष की उम्र में ही कंगना ने फिल्मों में अभिनय के प्रति अपनी रूचि से प्रेरित होकर पहले दिल्ली और फिर मुंबई का रूख कर लिया. दिल्ली के अस्मिता ग्रुप ऑफ थिएटर से वे एक वर्ष तक जुड़ी रहीं. उन्होंने सुप्रसिद्ध रंगमंच निर्देशक अरविंद गौड़ से अभिनय की बारीकियां सीखी. अपनी अभिनय-प्रतिभा निखारने के बाद कंगना मुंबई आयीं और यहां उन्होंने संघर्ष प्रारंभ किया. धीरे-धीरे उनकी लगन रंग लाने लगी. भट्ट कैंप ने कंगना की अभिनय-प्रतिभा पर विश्वास किया और उन्हें “गैंगेस्टर” में नायिका सिमरन की भूमिका निभाने का अवसर मिल गया. पहली ही फिल्म गैंगेस्टर में कंगना के अभिनय और आकर्षण ने दर्शकों को अपने मोह-पाश में बांध लिया. गैंगेस्टर के बाद कंगना के अभिनय ने “वो लम्हे” में पुन: नयी ऊंचाइयां छूयी. इन दोनों ही फिल्मों में कंगना में दर्द की मल्लिका मीना कुमारी की छवि को दर्शकों ने महसूस किया. बेहतरीन अभिनय के साथ-साथ परिधान और हाव-भाव के मामले में कंगना का बिंदास अंदाज युवा दर्शकों को भी आकर्षित करने लगा. देखते ही देखते कंगना मुख्य धारा की अभिनेत्रियों की सूची में शुमार हो गयीं. तीसरी फिल्म शाका लाका बूम बूम से कंगना ने अपनी छवि में परिवर्तन करना प्रारंभ किया. इस फिल्म में वे हल्की-फुल्की भूमिका में दिखीं. हालांकि,इस फिल्म में कंगना दर्शकों को प्रभावित नहीं कर पायीं.
कंगना की प्रतिभा से प्रभावित होकर सम्मानित निर्देशक मधुर भंडाकर ने अपनी महत्वाकांक्षी फिल्म “फैशन” में सोनाली गुजराल की चुनौतीपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर उन्हें दिया. मधुर भंडारकर की उम्मीदों पर कंगना खरी उतरीं. पिछले वर्ष प्रदर्शित “फैशन” में कंगना के भावपूर्ण अभिनय ने नयी ऊंचाइयां छूयीं. प्रियंका चोपड़ा जैसी सफल अदाकारा की मौजूदगी में भी कंगना का अभिनय चर्चा का विषय बना रहा.
कंगना की पिछली प्रदर्शित फिल्म राज 2 थी. इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर सफलता हासिल की जिसका श्रेय कंगना के अभिनय और आकर्षण को जाता है.
पारंपरिक अभिनेत्रियों से जुदा छवि के कारण कंगना हमेशा चर्चा में रही हैं. उनका बिंदास व्यक्तित्व और निजी जीवन भी अखबारों की सुर्खियां बनता रहा है. कभी, आदित्य पंचोली के साथ उनके कड़वे रिश्ते की दास्तां सुर्खियों में रही, तो कभी अध्ययन सुमन के साथ प्रेम-प्रसंग की खबरें.
गैर फिल्मी पृष्ठभूमि की कंगना चार वर्षो के अंतराल में ही शीर्ष अभिनेत्रियों की सूची में दस्तक देने लगी हैं. यह सब उनकी प्रतिभा और लगन के कारण संभव हो पाया है. उम्मीद है आने वाले कई वर्षो तक कंगना हिन्दी फिल्मों में अपनी आकर्षक उपस्थिति दर्ज कराती रहेंगी और अभिनय-कला में नयी ऊंचाइयां छूती रहेंगी.
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