फिल्मों में अक्सर हिरोइनें शराबी या निगेटिव रोल करने से परहेज करती हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि ऐसे रोल करने से उनकी इमेज को खतरा पहुंचता है. पर कई ऐसी हिरोइनें भी हैं जो ऐसे रोल करके ही आगे बढ़ती हैं. अभिनय के हर क्षेत्र में बखूबी काम करना उनका पैशन बन जाता है. ऐसी हिरोइनें किसी भी रोल में फिट हो जाती हैं और ऐसी ही एक अदाकारा हैं कंगना रानावत.
गैंगेस्टर फिल्म में एक डॉन की गर्लफ्रेंड बनने से लेकर तनु की चुलबुली लड़की तक के सभी किरदारों में खुद को फिट करने वाली कंगना की काबिलियत की सभी प्रशंसा करते हैं. कैमरे के सामने हों या बिना कैमरे के, उनका बर्ताव और हावभाव हमेशा एक जैसा रहता है.
कंगना रानावत का जन्म 20 मार्च 1987 को हिमाचल प्रदेश में हुआ था. बचपन से ही फिल्मी गलियों की चकाचौंध से प्रभावित कंगना रानावत ने उन्नीस वर्ष में ही अपने कैरियर को फिल्मी मोड़ देने के लिए दिल्ली और मुंबई की दौड़ लगा दी थी. दिल्ली के अस्मिता ग्रुप ऑफ थिएटर से वे एक वर्ष तक जुड़े रहने के बाद मुंबई लौट गईं और वहां अपने आत्मविश्वास और कुशलता के बल पर संघर्ष प्रारंभ कर दिया.
कंगना रानावत को 2005 में पहली बार रुपहले पर्दे पर आने का मौका मिला जब उन्हें अनुराग बसु की फिल्म गैंगेस्टर में रोल मिला. पहली ही फिल्म गैंगेस्टर में कंगना के अभिनय और आकर्षण ने दर्शकों को स्तब्ध कर दिया. गैंगेस्टर के बाद कंगना के अभिनय ने “वो लम्हे” में पुन: नयी ऊंचाइयां छूईं. दोनों ही फिल्मों में कंगना ने ऐसे कैरेक्टरों को पर्दे पर निभाया जिसे आम हिरोइनें करने से परहेज करती हैं. दर्द और शराब में डूबी किरदार की भूमिका को कंगना ने बेहद संजीदा कर दिया.
बेहतरीन अभिनय के साथ-साथ परिधान और हाव-भाव के मामले में कंगना का बिंदास अंदाज युवा दर्शकों को भी आकर्षित करने लगा. देखते-ही-देखते कंगना मुख्य धारा की अभिनेत्रियों की सूची में शूमार हो गईं. तीसरी फिल्म शाका लाका बूम बूम से कंगना ने अपनी छवि में परिवर्तन करना प्रारंभ किया. इस फिल्म में वे हल्की-फुल्की भूमिका में दिखीं. हालांकि, इस फिल्म में कंगना दर्शकों को प्रभावित नहीं कर पाईं. लाइफ इन ए मेट्रो में एक बार फिर कंगना ने अपने संजीदा अभिनय से दर्शकों का ध्यानाकर्षण किया. “लाइफ इन ए मेट्रो” में रूपहले पर्दे के कई जगमगाते सितारों के बीच कंगना का अभिनय सबसे अधिक प्रभावी रहा. धीरे-धीरे कंगना के प्रशंसकों की संख्या में वृद्धि होने लगी. निर्माता-निर्देशकों ने भी उन्हें गंभीरता से लेना शुरू किया.
2008 में आई फिल्म “फैशन” में एक बार फिर कंगना ने दिखा दिया कि उनके अंदर कितनी प्रतिभा है. अपने रोल से उन्होंने दर्शकों को रोने पर मजबूर कर दिया और फिल्म में सहायक अभिनेत्री होने के बाद भी सबसे ज्यादा चर्चा बटोरी. इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवार्ड भी मिला. इस साल हाल ही में उनकी फिल्म “तनु वेड्स मनु” में भी कंगना ने एक बिंदास गर्ल को पर्दे पर उतारा. इस फिल्म ने फिर दिखा दिया कि इस समय बॉलिवुड में कंगना रानावत से बेहतर बहुप्रतिभा किसी में नहीं है जो अपने एक ही कैरेक्टर में दो दो रुपों को ढ़ाल सके.
पारंपरिक अभिनेत्रियों से जुदा छवि के कारण कंगना हमेशा चर्चा में रही हैं. उनका बिंदास व्यक्तित्व और निजी जीवन भी अखबारों की सुर्खियां बनता रहा है. कभी आदित्य पंचोली के साथ उनके कड़वे रिश्ते की दास्तां सुर्खियों में रही, तो कभी अध्ययन सुमन के साथ प्रेम-प्रसंग की खबरें.
कंगना रानावत आने वाले दिनों में और भी कई बेहतरीन फिल्में देने वाली हैं. साथ ही कंगना समय के साथ और परिपक्व होती जा रही हैं जो एक अच्छी खबर है. देखना है आने वाले समय में कंगना और किन किरदारों में जान फूंकती हैं.
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