Kishore Kumar Songs
बॉलिवुड में किशोर कुमार को संगीत की दुनिया का महानायक कहा जाता है. किशोर कुमार की आवाज ना होती तो शायद राजेश खन्ना का रोमांटिक अंदाज ना होता, अमिताभ की अदाकारी में वह बात ना होती. किशोर कुमार की मस्ती भरी आवाज ने कई सितारों की जिंदगी बना दिया. हाजिर हैं हमेशा अपनी शर्तों पर जीवन जीने वाले इस बेहतरीन गायक, अभिनेता और इंसान की जिंदगी से जुड़ी कुछ यादें.
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किशोर एक ऐसे संजीदा इंसान थे जिनकी उपस्थिति मात्र से माहौल खुशनुमा हो उठता था. अपने हंसते-हंसाते रहने की प्रवृति को उन्होंने अपने अभिनय और गायकी में भी खूब बारीकी से उकेरा. उनका यह अंदाज आज भी उनके चहेतों की यादों में तरोताजा है.
बाथरूम सिंगर से बॉलिवुड के बेस्ट सिंगर
एक दिन उनके घर पर एस.डी. वर्मन अशोक कुमार से मिलने आए जहां उन्होंने किशोर कुमार को बाथरूम में गाते सुना तो उन्हें किशोर कुमार के गाने का अंदाज काफी अच्छा लगा. उन्होंने किशोर कुमार को बुलाकर कहा ‘आप के. एल. सहगल की नकल न करें. यह बड़े कलाकारों का काम नहीं. है आप खुद अपना एक अलग अंदाज बनाएं’.
इसके बाद किशोर कुमार ने गायकी का एक नया अंदाज बनाया जो उस समय के नामचीन गायक रफी, मुकेश और सहगल से काफी अलग था.
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खुद की मेहनत लाई रंग
किशोर कुमार यूं तो अशोक कुमार यानि दादामुनी के भाई थे जो हिन्दी सिनेमा में किशोर कुमार से पहले स्थापित थे लेकिन फिल्मों में काम के लिए किशोर कुमार ने खुद मेहनत की.
फिल्म “बॉम्बे टॉकीज” से किशोर कुमार ने अपने गायन कॅरियर की शुरुआत की. इस फिल्म में उन्होंने पार्श्व गायक की भूमिका निभाई. 1946 में आई फिल्म “शिकारी” उनकी पहली ऐसी फिल्म थी जिसमें उन्होंने अभिनेता की भूमिका निभाई थी.
लेकिन उन्हें असली पहचान मिली फिल्म अराधना से. वर्ष 1969 में निर्माता निर्देशक शक्ति सामंत की फिल्म आराधना के जरिए किशोर गायकी के दुनिया के बेताज बादशाह बने. इस फिल्म में किशोर कुमार ने “मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू” और “रूप तेरा मस्ताना” जैसे गाने गाए. रूप तेरा मस्ताना गाने के लिए किशोर कुमार को बतौर गायक अपना पहला फिल्म फेयर पुरस्कार भी मिला.
इसके बाद तो किशोर कुमार ने कभी पीछे मुड़कर भी नहीं देखा. किशोर कुमार ने अपने सम्पूर्ण फिल्मी कॅरियर में 600 से भी अधिक फिल्मों के लिए अपना स्वर दिया. हिन्दी फिल्मों के अलावा उन्होंने बंगला, मराठी, आसामी, गुजराती, कन्नड़, भोजपुरी और उड़िया फिल्मों के लिये भी उन्होंने अपनी दिलकश आवाज के जरिये श्रोताओं को भाव विभोर किया.
किशोर कुमार की मौत (Kishore Kumar’s Death)
वर्ष 1987 में किशोर कुमार ने यह निर्णय लिया कि वह फिल्मों से संन्यास लेने के बाद वापस अपने गांव खंडवा लौट जाएंगे. वह अकसर कहा करते थे कि “दूध जलेबी खायेंगे खंडवा में बस जाएंगे.” लेकिन उनका यह सपना अधूरा ही रह गया. 13 अक्टूबर, 1987 को दिल का दौरा पड़ने की वजह से उनकी मौत हो गई. उनकी आखिरी इच्छा के अनुसार उनको खंडवा में ही दफनाया गया. किशोर कुमार की मौत से भारतीय सिनेमा जगत को बहुत बड़ा झटका लगा था.
किशोर कुमार के कुछ प्रसिद्ध गीत
1. सागर जैसी आंखों वाली…
2. रात कली एक ख्वाब में आई…
3. तेरे चेहरे में…
4. सिमटी सी शरमाई सी…
5. ये नैना ये काजल…
6. पल भर के लिए…
7 हमें तुमसे प्यार कितना…
8. पल पल दिल के पास…
9. छूकर मेरे मन को…
10.प्यार दीवाना होता है…
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