यूं तो भारतीय बालाओं की सुंदरता का डंका पूरे विश्व में बजता है लेकिन जब प्रतिस्पर्धा की बात आती है तब थोड़ी सी भी चूक भारी गलती बन जाती है. शायद यही वजह है कि प्रियंका चोपड़ा के बाद आज तक कोई भी भारतीय सुंदरी विश्व सुंदरी का खिताब अपने नाम करने में सफल नहीं हो पाई है. लेकिन मिस इंडिया फर्स्ट रनर अप वान्या मिश्रा उम्मीद की एक किरण बनकर आज मंगोलिया (चीन) में लगे सौंदर्य मेले में शामिल होने वाली हैं. दुनिया भर की हसीनाओं को टक्कर देना कोई आसान काम तो नहीं है लेकिन इस बार उनका जिस भारतीय प्रतिद्वंदी से सामना होने वाला है उसने बहुत ही कम उम्र में अपनी सुंदरता और काबीलियत के बल पर एक लंबी फैन फॉलोइंग तैयार कर ली है. इतना ही नहीं कम उम्र में वान्या मिश्रा ने कई सौंदर्य प्रतियोगिताएं भी अपने नाम की हैं. आइए जानें भारत की इसी ब्यूटी विद ब्रेन सुंदरी के बारे में कुछ खास बातें.
बॉलिवुड की टॉपलेस ब्रिगेड
30 मार्च, 2012 को फेमिना मिस इंडिया की पहली रनर अप रही वान्या मिश्रा का जन्म 27 फरवरी, 1992 को जालंधर (पंजाब) में हुआ था. डाबर गुलाबरी मिस रोज कॉंटेस्ट जीतने के कारण वान्या मिश्रा को फेमिना मिस इंडिया कम्पटीशन के फायनल्स में सीधे प्रवेश मिल गया था. फेमिना मिस इंडिया में ताज पहनने के लिए वान्या को 19 सुंदरियों का सामना करना पड़ा था लेकिन अपनी जी तोड़ मेहनत और जीतने की इच्छाशक्ति के कारण वान्या मिश्रा मिस इंडिया बनने में कामयाब रहीं.
पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई कर रही वान्या मिश्रा बचपन से ही समाज सेवा में भी दिलचस्पी रखती हैं. मंगोलिया (चीन) स्थित डॉंगशेंग फिटनेस सेंटर स्टेडियम में होने वाले मिस वर्ल्ड कॉंपीटिशन में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही वान्या मिश्रा फेमिना मिस इंडिया कॉंपीटिशन 2012 में डाबर गुलाबरी मिस रोज ग्लो, भारतीय विद्यापीठ मिस फोटोजेनिक 2012, मेबेलिन फेमिना मिस कोलोजल आयस का खिताब भी जीत चुकी हैं.
कभी अमृता तो कभी करीना – आखिर कौन है सैफ की पसंद ?
खाने की शौकीन वान्या को फिल्में देखने का भी बहुत शौक है. उनकी पसंदीदा फिल्म है ड्यू डेट. प्रियंका चोपड़ा, रॉबर्ट डॉउनी और टेनिस स्टार रोजर फेडरर उनके फेवरेट सिलेब्रिटी हैं. खाली समय में वान्या बैडमिंटन खेलना, डांस करना, संगीत सुनना पसंद करती हैं और उन्हें गाड़ियों का भी बहुत शौक हैं.
चेहरे की मुस्कान को किसी व्यक्ति का सबसे आकर्षक फीचर समझने वाली वान्या आज भारतीयों के चेहरे पर मुस्कान ला पाती हैं या नहीं यह तो कुछ देर में स्पष्ट हो जाएगा. हम तो बस उन्हें बेस्ट ऑफ लक ही कह सकते हैं.
किस्सा आधे पैसे और आधे मेक-अप का !!
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