कई कलाकार ऐसे होते हैं, जो हमारी पहुंच से बहुत दूर होने के बाद भी हमेशा दिल के करीब महसूस होते हैं। हम अपनी हर खुशी और गम में उन्हें याद करते हैं। यहां उन्हें याद करने का मतलब उनकी कला को याद करने से है। ऐसे ही कलाकार थे मोहम्मद रफी, जिनकी आवाज में वो जादू था, जो आज भी उनके गाने सुनने वालों को दीवाना बना देता है। आज सुरों के ऐसे ही फनकार मोहम्मद रफी की पुण्यतिथि है। आइए, एक नजर उनसे जुड़े दिलचस्प किस्सों पर-
आइए, बात करते हैं रफी की जिंदगी से जुड़े बेहतरीन किस्सों की।
म्यूजिक डायरेक्टर नौशाद की बॉयोग्राफी ‘नौशादनामा : द लाइफ एंड म्यूजिक ऑफ नौशाद’ में मोहम्मद रफी से जुड़ा एक बहुत ही रोचक किस्सा लिखा है।
‘ओ दुनिया के रखवाले’ गाने को गाते वक्त गले से आने लगा था खून
इस किताब में एक किस्सा है कि मोहम्मद रफी ने इस गाने को गाने में इतनी कड़ी मेहनत की थी कि कई दिनों तक और कई घंटों तक रियाज करने की वजह से उनके गले में कई परेशानियां हो गई थी। कई दिनों की लगातार मेहनत के बाद यह गाना पूरा हो पाया था और गाने के अंत में उनकी आवाज इतनी ऊंचे स्केल तक जाने की वजह से खराब हो गई थी और कई दिनों तक वह दूसरे गाने नहीं गा पाए थे। इतना ही नहीं यह भी बात पता चली थी कि फाइनल रिकॉर्डिंग के दौरान गाना खत्म होने पर उनके गले से खून भी आ गया था। हालांकि, इसकी उन्होंने नौशाद से कभी शिकायत नहीं की।
जब कैदी की आखिरी इच्छा थी मोहम्मद रफी का गाना सुनना
इस किताब के अलावा खुद नौशाद ने एक कार्यक्रम के दौरान मोहम्मद रफी से जुड़े एक और किस्से का जिक्र किया था ‘वो दुनिया के रखवाले’ गाना इतना मार्मिक और अपील करने वाला बन गया था कि एक कैदी जिसे फांसी की सजा हुई थी, उसने उस गाने को आखिरी ख्वाहिश के रूप में सुनने की फरमाइश की। बाद में जेल अधिकारियों ने कैदी की ख्वाहिश पूरी करने के लिए जेल में रिकॉर्डर बजाकर पूरा गाना सुनाया था और उसके बाद ही फांसी दी गई। इस दौरान वहां खड़े कई लोगों की आंखों से आसूं बह रहे थे…Next
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