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खय्याम साहब की जिंदगी के इस हादसे ने उन्हें इतना ‘निर्मोही’ बना दिया कि उन्होंने सारी दौलत दान कर दी थी

‘करोगे याद तो हर बात याद आएगी’ फिल्म बाजार के वो सदाबहार गाने जो आज दशकों बाद भी दिल में कहीं बस से गए हैं। कई बेहतरीन फिल्मों का म्यूजिक कंपोज करने वाले खय्याम साहब हमारे बीच नहीं रहे। संगीतकार मोहम्मद जहूर खय्याम का 92 साल की उम्र में सोमवार को निधन हो गया। उनका निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ। कई बेहतरीन गानों की सौगात देने वाले खय्याम का नाम हमेशा सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। आइए, एक बार खय्याम साहब की जिंदगी के पन्नों को पलटते हैं-

Pratima Jaiswal
Pratima Jaiswal20 Aug, 2019

 

 

अपनी दौलत ट्रस्ट के नाम कर देने वाले खय्याम
आपने आम बोलचाल में एक बात सुनी होगी ‘वो आदमी तो संत टाइप है एकदम, बिल्कुल ‘निर्मोही’ जिसे दुनियादारी से कुछ लेना-देना नहीं है। कुछ ऐसा ही पड़ाव आया था खय्याम साहब की जिंदगी में। 17 साल की उम्र से कॅरियर शुरू करने वाले खय्याम साहब ने 2012 में अपने बेटे प्रदीप को खो दिया था। दिल की धड़कन रूक जाने की वजह से प्रदीप की मृत्यु हो गई थी। इसके बाद खय्याम साहब ज्यादातर वक्त अपने कमरे में ही बिताया करते थे। उन्हें किसी पब्लिक इवेंट में बहुत कम देखा जाता था। अपने 90वें जन्मदिन पर उन्होंने अपनी जिंदगी की सारी कमाई लगभग 10 करोड़ रुपए ट्रस्ट में दान कर दिए। उन्होंने ‘खय्याम जगजीत कौर केपीजी चैरिटेबल ट्रस्ट’ में अपने सारी दौलत दान कर दी। ये फिल्म इंडस्ट्री में स्ट्रगल कर रहे लोगों की हेल्प करता है। इसके ट्रस्टी हैं गायक तलत अजीज है। खय्याम साहब ने मुश्किल के दिनों में तलत अजीज को उमराव जान में काम दिलवाया था। इस फिल्म के गाने सुपरहिट रहे थे। खय्याम तलत को अपना बेटा मानते थे।

 

 

इन फिल्मों में किया बेहतरीन काम
1953 में फुटपाथ फिल्म से उन्होंने अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की। साल 1961 में आई फिल्म शोला और शबनम में संगीत देकर खय्याम साहब को पहचान मिलनी शुरू हुई। आखिरी खत, कभी-कभी, त्रिशूल, नूरी, बाजार, उमराव जान और यात्रा जैसी फिल्मों में धुनें दीं। अपने शानदार काम के लिए उन्हें कई सारे अवॉर्ड भी मिले हैं। उन्हें साल 2007 में संगीत नाटक एकेडमी अवॉर्ड और साल साल 2011 में पद्म भूषण जैसे सम्मानों से नवाजा गया। कभी-कभी और उमराव जान के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड और उमराव जान के लिए नेशनल अवॉर्ड भी मिला।…Next

 

खय्याम साहब का सदाबहार गाना-

फिल्म : उमराव जान

 

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