पा का ‘ऑरो’ हो या अग्निपथ का विजय दीनानाथ चौहान. बालीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने आपने आपको जिस भी किरदार में ढाला है उस किरदार के साथ उन्होंने पूरा न्याय किया है. अगर हम क्रिकेट में सचिन को भगवान मानते हैं तो बालीवुड के भगवान बिग बी ही हैं. चाहे देश हो या विदेश भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में बच्चन जी का योगदान अतुल्य है. 67 वर्ष की उम्र में भी उनकी अदाकारी को देख ऐसा प्रतीत नहीं होता कि ‘सात हिंदुस्तानी’ से अपना फ़िल्मी सफ़र शुरू करने वाला यह शख्स बूढा हो गया है.
15 सितम्बर 2010 को एक बार फिर मेगास्टार अमिताभ बच्चन के खाते में एक नयी उपलब्धि दर्ज हुई जबकि वर्ष 2009 के 57वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में उन्हें पा में किए गए किरदार ‘ऑरो’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता चुना गया. उन्होंने ‘पा’ में प्रोजेरिया से पीड़ित बच्चे ‘ऑरो’ की भूमिका में यादगार अभिनय किया था. इससे पहले वह ‘अग्निपथ’ के लिए 1990 और ‘ब्लैक’ के लिए 2005 में भी राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजे जा चुके हैं.
फीचर फिल्म श्रेणी की चयन समिति के अध्यक्ष रमेश सिप्पी ने पुरस्कारों की घोषणा करते हुए बताया कि सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए अमिताभ बच्चन के नाम पर सर्वसम्मति थी. उन्होंने कहा, ‘अमिताभ ने ‘पा’ में अपने अभिनय से ऑरो को जीवंत कर दिया. और सही मायनों में इस साल पुरस्कार के सही हकदार वही हैं.
राष्ट्रीय पुरस्कारों में आर. बाल्की की फिल्म ‘पा’ ने चार पुरस्कार जीते. सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के अलावा, ‘पा’ को सर्वश्रेष्ठ हिन्दी फिल्म भी चुना गया. पा में ‘ऑरो’ की नानी का किरदार निभाने वाली अरुंधति नाग को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री और क्रिश्चियन टिंसले और डोमिनी टिल को सर्वश्रेष्ठ मेकअप कलाकार के पुरस्कार के लिए चुना गया.
‘थ्री इडियट्स’ की भी रही धूम
आमिर खान अभिनीत तीन दोस्तों की कहानी ‘थ्री इडियट्स’ को सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म चुना गया. इसी फिल्म के गीत ‘बहती हवा सा था वो’ के लिए स्वानंद किरकिरे को सर्वश्रेष्ठ गीतकार चुना गया.
इसके अलावा इस बार भी 57वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में अन्य श्रेणी की फिल्मों का बोलबाला रहा. अगर पा ने चार पुरस्कार जीते तो मलयालम फिल्म ‘कुट्टी स्रांक’ को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म सहित कुल पांच अवार्ड्स मिले. इनमें सर्वश्रेष्ठ सिनेमेटोग्राफी (अंजुली शुक्ला और पी.एफ. मैथ्यूज), सर्वश्रेष्ठ स्क्रीन प्ले (हरिकृष्णा) और सर्वश्रेष्ठ कास्ट्यूम डिजाइन (जयकुमार) शामिल हैं.
इस फिल्म के साथ बॉलीवुड फिल्म ‘कमीने’, और मलयालम फिल्म ‘केरला वरमा पझास्सी राजा’ में संपादन के लिए श्रीकर प्रसाद को जूरी (चयन समिति) के विशेष पुरस्कार के लिए चुना गया.
पुरस्कारों का लेखा-जोखा
सर्वश्रेष्ठ अभिनेता अमिताभ बच्चन को रजत कमल के साथ 50 हजार रुपये दिए जाएंगे. सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म ‘कुट्टी स्रांक’ के निर्माता निर्देशक को स्वर्ण कमल और ढाई लाख रुपये दिए जाएंगे. सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म ‘थ्री इडियट्स’ के निर्माता निर्देशक को स्वर्ण कमल के साथ दो लाख रुपये मिलेंगे. गैर फीचर फिल्मों के निर्माता और निर्देशकों को स्वर्ण कमल और 75-75 हजार रुपये दिए जाएंगे.
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