Menu
blogid : 319 postid : 2061

साल 2011 में जुदा हुई फिल्मी दुनियां की हस्तियां

साल 2011 देखा जाए तो भारत के लिए बहुत सी परेशानियां लेकर आया. आधा साल महंगाई, लोकपाल, 2 जी, घोटालों और ऐसी ही बुरी चीजों में चला गया. रही सही कसर पूरी की इस साल हुई मनोरंजन जगत में बड़ी हस्तियों के निधन ने. इस साल नियमित अंतराल पर कला और मनोरंजन जगत की कई मशहूर हस्तियों जैसे देवानंद, शम्मी कपूर, जगजीत सिंह और भूपेन हजारिका ने दुनिया को अलविदा कह दिया.

साल की शुरूआत में ही गायक पंडित भीमसेन जोशी का निधन हुआ तो वहीं साल के अंत में हिंदी सिनेमा के एवरग्रीन देवानंद ने दुनिया को अलविदा कह दिया. आइए एक नजर डालते हैं इस साल हमसे जुदा हुए उन सितारों पर जो कभी हमारे मनोरंजन का कारण हुआ करते थे.


Bhimsen Joshiशास्त्रीय संगीत के पुरोधा पंडित भीमसेन जोशी

शास्त्रीय संगीत के पुरोधा और भारत रत्न सम्मानित पंडित भीमसेन जोशी का साल की शुरूआत में ही देहांत हो गया. हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत और किराना घराने के गायक पंडित भीमसेन जोशी का महाराष्ट्र के पुणे में 24 जनवरी, 2011 को निधन हो गया था. सुप्रसिद्ध गीत “मिले सुर मेरा तुम्हारा” पंडित भीमसेन जोशी के ही आवाज और संगीत से सजा था. यह गीत ना सिर्फ भारत का लोकप्रिय गीत बना बल्कि हर भारतीय के दिलों पर हमेशा के लिए एक अमिट छाप छोड़ गया.

(For More About Pandit Bhimsen Joshi Click Here)


एमएफ हुसैन

मशहूर भारतीय चित्रकार मकबूल फिदा हुसैन का 09 जून, 2011 को लंदन के रायल ब्राम्पटन अस्पताल में निधन हो गया था. अपनी चित्रकारी के लिए वह विश्व विख्यात थे. हालांकि हिंदू देवी-देवताओं की अश्लील चित्रकारी के लिए उनका जमकर विरोध भी हुआ और जीवन के अंत में उन्हें भारत छोड़ना भी पड़ा. तमाम विवादों के बाद भी देश में कई ऐसे लोग हैं जो एम.एफ. हुसैन को भारत रत्न योग्य मानते थे. कला के क्षेत्र में एम.एफ. हुसैन ने काफी सहयोग दिया है. चित्रकारी में देश की पहचान बनकर एम.एफ. हुसैन ने दुनिया भर में नाम कमाया.


सिनेमा के पोस्टरों से पेंटिंग की शुरूआत करने वाले हुसैन को सिनेमा के साथ उनके लंबे रोमांस के कारण याद किया जाएगा. यहां तक कि वह फिल्म निर्माता बन गए और दो फिल्में गज गामिनी और मीनाक्षी-ए टेल ऑफ टू सिटी भी बनाई. इन फिल्मों में उन्होंने क्रमश: माधुरी और तब्बू को लिया था. हिंदू देवी-देवताओं के नग्न चित्र बनाने के कारण उग्रपंथी उनसे खफा हो गए जिसके बाद हुसैन ने हिन्दुस्तान छोड़ दिया और स्वनिर्वासित जीवन जिया.

(Full Profile of M F Hussain)


शम्मी कपूर

फिल्मी पर्दे पर ऊर्जावान हीरो की पहचान रखने वाले और बॉलीवुड में पहले स्टार के तौर पर माने जाने वाले 69 वर्षीय अभिनेता शम्मी कपूर का किडनी खराब हो जाने के कारण 14 अगस्त को निधन हो गया था. 60 से 70 की दशक के बीच जंगली, जानवर, प्रोफेसर, कश्मीर की कली सहित दर्जनों गोल्डेन जुबली फिल्मों में यादगार भूमिका निभाने वाले सदाबहार अभिनेता शम्मी कपूर हर दिल अजीज थे. आज वह हमारे बीच तो नहीं हैं पर उनकी यादें और शैली हमेशा हमारे बीच ही रहेंगी.


dev anandदेवानंद के साथ खत्म हुआ हिन्दी सिनेमा का एक इतिहास

बॉलिवुड में अगर कोई ऐसा अभिनेता था जिसे असल मायनों में सिनेमा के प्रति समर्पित माना जाता था तो वह थे देवानंद. अपने जीवन के अंतिम पल तक उन्होंने फिल्में बनाईं और सिर्फ बनाई नहीं बल्कि उसमें लीड हीरो का रोल भी किया. कुछ दिन पहले ही उन्होंने अपना 88वां जन्मदिन बनाया था और अपनी नई फिल्म “चार्जशीट” अपने चाहने वालों के सामने रखी थी. लेकिन किसी ने सोचा नहीं था कि एक महीने पहले जिस इंसान ने एक फिल्म में अभिनेता, निर्देशक और निर्माता की भूमिका निभाई थी वह इतनी जल्दी जिंदगी का साथ छोड़ जाएगा.


हर फिक्र को धुएं में उड़ाने का जज्बा रखने वाले देवानंद ने अपनी जिंदगी को पूर्णत: सिनेमा को समर्पित कर दिया था. एक सदाबहार अभिनेता कैसा होता है इसका आदर्श उदाहरण थे वह. देवानंद एक सीख थे कि इंसान को अपनी आखिरी सांस तक अपने काम के प्रति किस तरह समर्पित रहना चाहिए.


देवानंद को उनकी फिल्म गाइड, हम दोनों और ज्वेलर्स थीप के लिए याद किया जाएगा. भारत और हिन्दी सिनेमा से लगाव रखने वाले इस महान अभिनेता ने अपनी अंतिम सांसें लंदन में ली ताकि इनके चाहने वाले इनका मरा हुआ मुख ना देख सकें.

(For More About Devanand Click Here)


जगजीत सिंह

शम्मी कपूर के बाद हजारों ख्वाहिशें ऐसी, ए कागज की कश्ती और झुकी झुकी सी नजर गाने वाले गजल गायक जगजीत सिंह ने दुनिया छोड़ दी. उनका 10 दिसंबर को मस्तिष्काघात होने के कारण निधन हो गया. भारत में गजल की दुनिया को उनका योगदान बेमिसाल है.


असमी संगीत औरगीत के जादूगर भूपेन हजारिका

इस साल भारत ने एक और संगीत के दिग्गज को खो दिया. परंपरागत असमी संगीत और गीत के जादू को बिखेरने वाले प्रसिद्ध गायक और संगीतकार भूपेन हजारिका का भी पांच नवंबर को निधन हो गया. वह 71 वर्ष के थे. वह चार महीनों से जीवन रक्षक प्रणाली पर थे. इस संगीतकार को उनके सुमधुर गीतों और धुनों जैसे दिल हू हू करे और गंगा बहती हो क्यों के लिए याद किया जाएगा.


Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh