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R. Madhavan Biography : मस्त-मौला अभिनेता आर. माधवन

madhavanदूरदर्शन पर दिखाए जाने वाले सी हॉक्स में एक चुलबुले नेवी के कप्तान की भूमिका निभाने वाले आर. माधवन को हम कैसे भूल सकते हैं. इस सीरियल में माधवन की अभिनय की काफी तारीफ हुई और दर्शकों ने भी उनके मस्त-मौला अभिनय को काफी पसंद किया. आइए माधवन के जन्म दिवस पर उनके जीवन और कॅरियर के बारे में जान लेते हैं.


01 जून, 1970 को जन्मे आर माधवन का जन्म जमशेदपुर में हुआ था. बिहार में पले बढ़े माधवन को साल 1988 में राजाराम कॉलेज की तरफ से कनाडा में भारतीय सांस्कृतिक प्रतिनिधि की भूमिका में भेजा गया था. 22 साल की उम्र में माधवन को एनसीसी की तरफ से बेस्ट कैडेट का अवार्ड दिया गया था. इसके बाद उन्हें रॉयल आर्मी से ट्रेनिंग लेने का मौका भी मिला था लेकिन उम्र अधिक होने के कारण वह यह कर ना सके.


दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में शीर्ष अभिनेताओं की सूची में शुमार आर माधवन हिंदी फिल्मों में समय-समय पर अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराते रहे हैं. अभिनय की दुनिया में माधवन का प्रवेश छोटे पर्दे से हुआ. बदलते रिश्ते और सी हॉक्स जैसे धारावाहिकों में केंद्रीय भूमिका निभाकर सुर्खियों में आए आर. माधवन बेहद कम वक्त में छोटे पर्दे के लोकप्रिय अभिनेता बन गए. अपने प्रशंसकों की प्रेरणा से धीरे-धीरे माधवन ने फिल्मों की ओर रूख करना शुरू किया. सबसे पहले उन्होंने दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में अपनी किस्मत आजमायी. देखते-ही-देखते अपने आकर्षण और अभिनय प्रतिभा के बल पर वहां उन्होंने अपनी प्रभावी पहचान बना ली.


दक्षिण भारतीय फिल्मों में अपनी जमीन तलाशने के बाद आर माधवन ने हिंदी फिल्मों में प्रवेश किया. “रहना है तेरे दिल में” फिल्म में पहली बार माधवन हिन्दी फिल्मी दर्शकों से रूबरू हुए. दर्शकों ने आकर्षक मुस्कान वाले इस चिर-परिचित चेहरे को सिर आंखों पर बिठाया. माधवन हिंदी फिल्मों में अपनी प्रारंभिक पहचान बनाने में सफल रहे. हालांकि, दक्षिण भारतीय फिल्मों में उन्होंने अपनी सक्रियता बरकरार रखी. रन, दिल विल प्यार व्यार जैसी फिल्मों के बाद माधवन ने रंग दे बसंती में छोटी मगर, प्रभावी भूमिका में दर्शकों का ध्यानाकर्षण किया. रंग दे बसंती, मुंबई मेरी जान और थ्री इडियट्स जैसी फिल्मों में आर. माधवन के संवेदनशील अभिनय का जादू दर्शकों के सर चढ़कर बोला. वर्ष 2011 में आई ‘तनु वेड्स मनु’ ने यह साबित कर दिया कि वह अकेले दम पर किसी फिल्म को सफलता की उंचाइयों पर भी ले जा सकते हैं. लेकिन 2012 में आई ‘जोड़ी ब्रेकर’ की असफलता ने उन्हें काफी निराश किया.


तमिल, तेलगू, अंग्रेजी, कन्नड़, हिंदी भाषाओं पर पकड़ रखने वाले आर माधवन छोटे पर्दे पर रियलिटी कार्यक्रमों की क्रांति का हिस्सा बन चुके हैं. उन्होंने सोनी एंटरटेनमेंट चैनल के गेम शो डील या नो डील में अपनी संचालन क्षमता का भी परिचय दिया. बहुभाषी और बहुमुखी प्रतिभा के धनी माधवन इन दिनों दक्षिण भारतीय फिल्मों से अधिक हिंदी फिल्मों में सक्रिय हैं.


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