Menu
blogid : 319 postid : 1623

रितुपर्णो घोष : एक बेहतरीन फिल्म निर्देशक (जन्मदिन विशेषांक)

मेनस्ट्रीम सिनेमा और बॉक्स ऑफिस पर अधिक से अधिक पैसा बनाने की चाह में आजकल के निर्देशक आर्ट फिल्मों की तरफ कम ही जाते हैं. लेकिन ऐसे समय में भी कुछ ऐसे निर्देशक हैं जो आर्ट फिल्मों की कद्र जानते हैं. इनमें से ही एक हैं निर्देशक रितुपर्णो घोष. आठ राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत चुके रितुपर्णो घोष बांग्ला फिल्मों के मशहूर निर्देशक हैं.


Rituparnoरितुपर्णो घोष काजीवन

31 अगस्त, 1963 को कलकत्ता में जन्मे रितुपर्णो घोष के पिता भी फिल्मों से जुड़े थे. रितुपर्णो घोष ने अपनी स्कूली पढ़ाई साउथ पॉइंट हाई स्कूल(South Point High School) से पूरी की. इसके बाद जाधवपुर यूनिवर्सिटी(Jadavpur University, Kolkata) से इकनॉमिक्स में स्नातक की डिग्री हासिल की.


रितुपर्णो घोष का कॅरियर

रितुपर्णो घोष (Rituparno Ghosh) ने अपना कॅरियर विज्ञापन के जरिए शुरू किया. 1992 में उन्होंने पहली बार बच्चों पर आधारित एक फिल्म बनाई थी जिसका नाम था हिरेर अंग्ति(Hirer Angti). उनकी दूसरी फिल्म थी उनीसे अप्रैल (Unishe April) मतलब 19 अप्रैल. इस फिल्म के लिए उनको 1995 का सर्वश्रेष्ठ फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था.


इसके बाद रितुपर्णो घोष ने दहन, उत्सब ( Utsab), चोखेर बाली (Chokher Bali), असुख (Asukh), बारीवली (Bariwali), अंतरमहल (Antarmahal) और रेनकोट (Raincoat) जैसी शानदार फिल्में बनाईं जिसके लिए उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिले.


रितुपर्णो घोष को मिले पुरस्कार

बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में रितुपर्णो घोष की फिल्म बारीवली को नेटपैक अवार्ड (NETPAC Award) दिया गया था.


राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार

1995 में पहली बार उनकी फिल्म “उनीसे अप्रैल” (Unishe April) को सर्वश्रेष्ट फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिया गया था.

1998 में उनकी फिल्म “दहन” (Dahan) को बेस्ट स्क्रीनप्ले के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिया गया था.

2001 में रितुपर्णो घॉष को फिल्म “उत्सब” (Utsab) के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिया गया था.

2003 में रितुपर्णो घोष की फिल्म “शुभो महूरत” (Shubho Mahurat) को सर्वश्रेष्ठ बंगाली फिल्म (Best Feature Film in Bengali) का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिया गया था.


2004 में फिल्म “चोखेर बाली” (Chokher Bali) को सर्वश्रेष्ठ बंगाली फिल्म (Best Feature Film in Bengali) का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिया गया था.

2005 में फिल्म “रेनकोट “ को सर्वश्रेष्ठ हिन्दी फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया था.

2008 में उनकी फिल्म “द लास्ट लियर” (The Last Lear) को सर्वश्रेष्ठ अंग्रेजी फिल्म (Best Feature Film in English) का राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया था.

2009 में उनकी फिल्म “शोब चरित्रो काल्पोनिक” (Shob Charitro Kalponik) को सर्वश्रेष्ठ बंगाली फिल्म (Best Feature Film in Bengali) का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिया गया था.

2010 में रितुपर्णो घोष को फिल्म “अबोहोमान” (Abohoman) के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया था. इसी फिल्म को सर्वश्रेष्ठ बंगाली फिल्म (Best Feature Film in Bengali) का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी दिया गया था.


रितुपर्णो घोष लीक से हटकर और आर्ट फिल्में बनाने के लिए मशहूर रहे हैं. उनकी अधिकतर फिल्में सामाजिक मुद्दों और रिश्तों पर आधारित हैं जो समाज की अंदरुनी छवि को उजागर करती हैं.


Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh