कभी चबंल की घाटियों में दहशत का दूसरा नाम बनने वाली लेडी डकैत सीमा परिहार की जिंदगी बिग बॉस में आने के बाद जैसे बदल ही गई है. बिग बॉस के घर में एक से बढ़कर एक हुस्न वाली लड़कियों के बीच सिंपल गांव वाली सीमा परिहार ने पूरे परिवार में अपनी छवि बिलकुल साफ रखी है. अभी तक वही अकेली ऐसी हैं जिनके साथ किसी की लड़ाई नही हुई है.
उत्तर प्रदेश के ओरैया जिले के दिबियापुर की रहने वाली 35 वर्षीय सीमा परिहार ने 13 वर्ष की आयु में ही बन्दूक उठा ली. लालाराम और निर्भय गूजर के गिरोह की सदस्य रह चुकी दस्यु सुंदरी सीमा परिहार पर करीब 70 हत्याओं और 200 लोगों के अपहरण का आरोप था. जिस समय उन्होंने कानपुर पुलिस के सामने 2003 में आत्मसमर्पण किया, उस समय भी उन पर हत्या के 29 मुक़दमे चल रहे थे. चम्बल के बीहड़ों में उनके जीवन पर निर्माता आनंद ने फिल्म वुंडेड बनाई. चम्बल के बीहड़ों में शूट हुई इस फिल्म में सीमा ने अपना किरदार खुद किया.
लेकिन डकैत होने के बाद भी उनके घर की आर्थिक हालत बेहद गंभीर थी, किंतु सीमा ने राजनीतिक और सामाजिक रूप से महत्वाकांक्षी होने के साथ भविष्य से तमाम उम्मीदें लगायी थीं और उनके इसी हौसले की उड़ान को हवा दिया है बिग बॉस के घर ने.
सीमा के साथ अब उनके परिवार वालों को भी समाज में नई पहचान और अपेक्षित सम्मान मिलने लगा है. वहीं दूसरी और सीमा परिहार को बिग बॉस के घर में देखने वाले पहली नजर में यह जान ही नहीं पाते कि वह पहले डकैत थीं. उनकी सभ्य बोली और व्यवहार घर के अन्य सदस्यों के बीच अनपढ़ और पढ़े लिखे अनपढ़ का फर्क जाहिर कर देता है.
हालांकि अभी यह कहना मुश्किल है कि बिग बॉस सीजन 4 का विजेता कौन होगा लेकिन यह कहना भी गलत नहीं होगा कि सीमा परिहार विजेता पद की सबसे प्रबल दावेदार हैं.
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