पांच सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है. इस दिन गुरू-शिष्य के संबंधों के बारे बहुत कुछ सुनने को मिलता है. इसी प्रकार हिन्दी सिनेमा के कई फिल्मों में हमें गुरू-शिष्यों की कुछ बेहतरीन जोड़ियां पर्दे पर देखने को मिली हैं. अगर हाल की बात करें तो फिल्म ‘तारें जमीं पर’, ‘चक दे’, ‘मोहब्बतें’ में हमें शिक्षक और छात्रों का अच्छा उदाहरण देखने को मिला. आइए बात करते हैं बॉलिवुड की उन फिल्मों का जिनमें गुरू शिष्य की जोड़ी देखने को मिली.
मोहब्बतें: फिल्म ‘मोहब्बतें’ में किंग खान ने एक संगीत शिक्षक की भूमिका अदा की थी. “गुरूकुल” नामक विद्यालय में जहां अमिताभ बच्चन अपने सख्त कानूनों के लिए मशहूर थे वहां जैसे ही शाहरुख खान की एंट्री होती है सब बदल जाता है. हमेशा अनुशासन और मर्यादा में रहने वाले बच्चे संगीत में इतना खो जाते हैं कि वह अपने विद्यालय के सभी कानून तोड़ डालते हैं. लेकिन इन सबको जगाने में इनके टीचर यानि शाहरुख खान का बहुत बड़ा हाथ होता है.
चक दे इंडिया: इस फिल्म में स्कूल या कॉलेज के किसी शिक्षक की नहीं बल्कि एक कोच की जिंदगी के बारे में दिखाया गया था. भारतीय महिला टीम के कोच की भूमिका इस फिल्म में शाहरुख खान ने ही निभाई थी. फिल्म हिट हुई थी साथ ही हिट हुआ था छात्र और शिक्षक का रिश्ता भी. किस तरह एक आदर्श शिक्षक अपने छात्रों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है यह फिल्म में बहुत ही बेहतरीन तरीके से दिखाया गया था.
तारे जमीं पर: बॉलिवुड में आमिर खान को मिस्टर परफेक्टनिस्ट माना जाता है. वह जो भी करते हैं दिल लगा कर करते हैं. फिल्म “तारे जमीं पर” में भी आमिर खान ने शिक्षक और छात्रों के बीच के रिश्ते को बेहद संजीदगी से पर्दे पर उतारा. “तारे ज़मीं पर” आमिर खान की बतौर डाइरेक्टर पहली फिल्म थी और यह फिल्म भी एक हिट साबित हुई थी. फिल्म में टीचर के रोल में आमिर खान और शिष्य के तौर पर दर्शील सफारी का रोल सबके दिलों को भा गया था.
इकबाल: कहते हैं एक जौहरी ही हीरे को पहचान और तराश सकता है. फिल्म “इकबाल” में भी नसीरूद्दीन शाह एक पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी थे जो अपने शिष्य श्रेयस तलपड़े को क्रिकेट के गुर सिखाते हैं. फिल्म में एक ऐसे बच्चे को क्रिकेट सिखाकर जिसे बोलना नहीं आता था, टीचर ने एक अच्छा आदर्श स्थापित किया था.
हाल ही में “आरक्षण”, “पाठशाला” जैसी फिल्मों में भी गुरू और शिश्य की जोड़ी देखने को मिली.
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