पीके ऐसी फिल्म नहीं है जो पीने की वजह से लोकप्रिय हुई हो. दरअसल कई लोगों ने इस फिल्म के नाम को देखकर ऐसा अनुमान लगाया था कि इसमें जरूर शराब और शराबी संबंधित सीन होंगे जबकि इस फिल्म में ऐसा कुछ भी नहीं था. लेकिन बॉलीवुड ने सिनेमा जगत को ऐसी कई सारी फिल्में और हस्तियाँ दी है जो ‘पी के’ लोकप्रिय हो गये हैं. कईयों ने तो इन फिल्मों के सीन को देखकर ही पीना शुरू किया और कईयों ने अपने चहेते सितारों को फिल्मों में पीते देखकर उनकी असल ज़िंदगी में उनकी नकल करनी शुरू की. जानिए बॉलीवुड की उन लोकप्रिय फिल्मों और नामचीन हस्तियों के बारे में जिन्होंने पी के अपने आप को लोगों के ज़ेहन में उतार दिया और वो भी ऐसा कि समय बीतने के साथ उनकी यादें और मज़बूत होती जाती रही.
मीना कुमारी
मीना कुमारी की पाकीज़ा उस समय की मशहूर बॉलीवुड फिल्मों में से एक थी. शराब के नशे की लत के बावज़ूद इस फिल्म में मीना कुमारी के अभिनय ने जैसे जान डाल दी थी. इस फिल्म को बन कर प्रदर्शित होने में 14 साल लगे थे. मीना कुमारी और कमाल अमरोही की तलाक हो चुकी थी जिसके बाद मीना कुमारी शराब की लत के कारण अस्वस्थ रहती थी. लेकिन फिर भी इस फिल्म के लिए उनकी पहली पसंद मीना कुमारी ही थी. अंतत: मीना कुमारी ने भी इसे अधूरा छोड़ना उचित न समझा और उन्होंने उसमें अभिनय की.
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कुंदन लाल सहगल
कुंदन लाल सहगल को लोग के. एल सहगल के नाम से जानते हैं. करियर के शुरूआत में पेशे से सेल्समैन सहगल को गाने का शौक था. बहुत साधारण से देखने वाले सहगल के बारे में कहा जाता है कि वो पी के ही गाते थे. अब ये अफवाह हो या सच लेकिन दिलीप कुमार की फिल्म देवदास के लिए लिखे उनके गाने और संवाद ने उस फिल्म को सदा के लिए लोगों के दिल में उतार दिया. उनके गाये गानों में तन्हाई का दर्द महसूस किया जा सकता है. के. एल सहगल को दो ही चीज़ें पसंद थी संगीत और शराब. एक ने उन्हें बनाया और दूसरे ने उन्हें खत्म किया. ‘बाबूल मोरा नैहर ही छूटो जाय’ और ‘जब दिल ही टूट गया’ कुंदन लाल सहगल की लोकप्रियता का अंदाज़ा लगाने के लिए काफी कम हैं.
राजेश खन्ना
चिंगारी कोइ भड़के, तो सावन उसे बुझाये सावन जो अगन लगाये…..
ये जो मोहब्बत है, ये उनका हैं काम मेहबूब का जो बस लेते हुए नाम मर जाए…….
उपरोक्त गाना बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना पर फिलमाया गया है. इन गानों में जिस तरह से काका ने शराबी होने का अभिनय किया है वह सालों तक लोगों के दिलों में बरकरार रहा.
अमिताभ बच्चन
अमिताभ बच्चन की शराबी फिल्म का डायलॉग आपको याद होगा, “कोई पेट से दारु पीना सीख कर पैदा नहीं होता डैडी, हालात और अकेलापन उसे शाराब की ओर खिचकर ले जाते हैं. हां हां मैं शराबी हूं, मगर मुझे शराबी बनाया किसने? हालात ने!. शराबी फिल्म के इस डायलॉग ने अमिताभ की लोकप्रियता को और अधिक बढ़ा दिया था. वह स्टार तो पहले से ही थे इस फिल्म में उनकी हाजिर जवाबी ने उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में एक अलग ही पहचान दिलाई.
शाहरूख खान
पी के नाम कमाने वालों की सूची में शाहरूख़ खान भी एक हैं. देवदास में अपनी परेशानियों से आज़िज होकर बोला गया शाहरूख़ का यह संवाद ‘बाबूजी ने कहा, पारो को छोड़ दो, पारो ने कहा शराब को छोड़ दो, तुम कह रही हो घर छोड़ दो, एक दिन आयेगा जब वो कहेगा ये दुनिया छोड़ दो’ कई दिनों तक लोगों की जुबाँ पर से नहीं उतरा था…...Next
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