किसी भी फिल्म को पर्दे तक पहुँचाने के पीछे हजारों लोगों की दिन-रात की मेहनत होती है. इन सबके पीछे फिल्म प्रोडक्शन हाउस का भी योगदान होता है. भारतीय सिनेमा जगत को फिल्म प्रोडक्शन हाउस ने अंगिनत कालजई फिल्में दी है. इन प्रोडक्शन हाउस को दरकिनार कर कभी भी भारतीय सिनेमा के इतिहास का उल्लेख नहीं किया जा सकता है. जानिए भारत के सबसे चर्चित और लोकप्रिय प्रोडक्शन हाउस के साथ उनके बेहतरीन फिल्मों को…
गुरु दत्त मूवीज प्राइवेट लिमिटेड– यह प्रोडक्शन हाउस महान अभिनेता और निर्देशक गुरु दत्त के द्वारा स्थापित किया गया था. गुरु दत्त ने अपने प्रोडक्शन हाउस से भारतीय फिल्म जगत को कई यादगार फिल्में दिए हैं. 50 और 60 के दशक में इस प्रोडक्शन हाउस ने फिल्म जगत को कलात्मक फिल्में दी.गुरु दत्त मूवीज के बैनर तले बनी कुछ सदाबहार फिल्में हैं- आर-पार (1954), प्यासा (1957), कागज के फूल (1959), मिस्टर एंड मीसेज 55 (1955), सीआईडी (1956).
आरके फिल्म्स- भारतीय फिल्म उद्योग का सबसे लोगप्रिय बैनर आरके फिल्म्स को माना जाता है. 1948 में राजकपूर ने महज 24 साल की उम्र में आरके फिल्म्स को स्थापित किया था. इस बैनर तले राजकपूर ने आवारा, श्री 420, संगम, जागते रहो, राम तेरी गंगा मैली, बॉबी, सत्यम शिवम सुंदरम जैसी कई हिट फिल्में दी हैं. साल 1988 में राजकपूर की मौत के बाद आरके बैनर की जिम्मेदारी, रणधीर कपूर ने उठाई. साल 1991 में रणधीर कपूर ने हिना का निर्देशन किया था. साल 1999 में रिलीज फिल्म ‘आ अब लौट चले’ आरके बैनर तले बनी अंतिम फिल्म थी.
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राजश्री प्रोडक्शन- राजश्री प्रोडक्शन्स प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना 15 अगस्त 1947 को ताराचंद बड़जात्या ने की थी. राजश्री के बैनर तले बनी फिल्मों के गीत-संगीत एवं कहानियाँ दर्शकों के मन को मोह लेते हैं. इस बैनर ने फिल्म उद्योग को कई अच्छे कलाकार दिए हैं जैसे- राखी गुलजार, रामेश्वरी, साधना सिंह, सचिन, देवश्री राय, मुकेश खन्ना, आलोकनाथ आदि कलाकार शामिल है.राजश्री प्रोडक्शन की कुछ चुनिंदा फिल्में हैं- गीत गाता चल, अंखियों के झरोखों से, नदिया के पार, दोस्ती, हम आपके हैं कौन, चितचोर, सौदागर, सारांश, हम साथ-साथ हैं.
यश राज फिल्म्स- यश राज फिल्म्सको निर्माता-निर्देशक यश चोपड़ा द्वारा स्थापित किया गया. यश चोपड़ा पहले अपने भाई के प्रोडक्शन हाउस में काम करते थे, बाद में 1970 में खुद की प्रोडक्शन कंपनी खोली. यश राज फिल्म्स ने भारतीय सिनेमा को ‘प्यार’ की एक अलग ही परिभाषा दी. ऐसा कहा जाता है कि युवा यश राज फिल्म्स के दीवाने हैं. जब तक है जान, वीर-ज़ारा, दिल तो पागल है, सिलसिला, चांदनी, दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे, डर, दीवार आदि फिल्में हैं.
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धर्मा प्रोडक्शन- भारतीय फिल्म उद्योग में धर्मा प्रोडक्शन का नाम शीर्ष के प्रोडक्शन हाउस में लिया जाता है. इसकी स्थापना यश जोहर के द्वारा 1979 में किया गया था. यश जोहर की मृत्यु के बाद धर्मा प्रोडक्शन के बाग़-डोर की जिम्मेदारी उनके बेटे करण जोहर आ गई. धर्मा प्रोडक्शन के बैनर तले दोस्ताना, मुक़द्दर का सिकंदर, अग्निपथ, गुमराह, कुछ कुछ होता है, कभी खुशी कभी गम आदि.Next…
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