कभी-कभी ऐसा होता है कि किसी फिल्म को देखते-देखते हम इतना खो जाते हैं कि हमें याद ही नहीं रहता कि पर्दे पर हो रही घटनाएं काल्पनिक है. खासतौर पर किसी फिल्म में इमोशनल सीन को देखकर तो हम उसमें इतना खो जाते हैं कि कभी-कभी हमारी आंखों से आंसू तक छलक जाते हैं. ऐसे में जरा सोचिए, जब हम इन फिल्मों को एक पल के लिए हकीकत समझ लेते हैं तो किसी छोटे बच्चे के लिए तो ये फिल्में पूरी तरह हकीकत ही है.
ऐसे में जब इन फिल्मों की शूटिंग होती है तो कोई भी व्यक्ति इसे हकीकत समझ सकता है. ऐसा ही कुछ वाक्या पेश आया था मशहूर फिल्म अभिनेता शशि कपूर के साथ. हाल ही में प्रकाशित हुई किताब ‘शशि कपूर: द हाउसहोल्डर, द स्टार’ में शशि कपूर की जिदंगी से जुड़े कई यादगार लम्हों का जिक्र किया गया है. असीम छाबडा की लिखी इस किताब में सैफ की मां शर्मिला टैगोर ने बताया कि ‘पाप और पुण्य’ फिल्म की शूटिंग के लिए शशि और मैं जयपुर में थे.
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मेरा बेटा सैफ उस वक्त 2 साल का था. शशि की पत्नी और बच्चे भी वहां थे. कपूर परिवार के लोग मेरे बेटे के साथ खेल रहे थे और सैफ शशि कपूर को शशि अंकल कहने लगा. धीरे-धीरे सैफ को उनसे लगाव हो गया. किताब में आगे लिखा है कि एक दिन शशि एक दृश्य की शूटिंग कर रहे थे जिसमें एक विलेन को उन पर हमला करना था. सैफ को लगा कि यह व्यक्ति शशि अंकल से झगड़ा कर रहा है और वो किसी बड़ी मुसीबत में फंसने वाले हैं.
फिर सैफ ने उसके पैर में काट लिया. सैफ की इस हरकत को देखकर एक पल के लिए वहां मौजूद सभी लोगों के होश उड़ गए लेकिन कुछ ही देर में सभी को ये पूरा माजरा समझ आ गया. दरअसल, सैफ इतना छोटा था कि उसे पता नहीं चला कि ये सब रीयल में नहीं बल्कि रील लाइफ में हो रहा है…Next
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