‘बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है’ इस गाने को रिलीज हुए दशकों बीत चुके हैं, लेकिन न ही इस सदाबहार गाने को पसंद करने वाले लोग कम हुए हैं और न ही इस गाने को अपनी आवाज देने वाले गायक को भुलाया जा चुका है। सुरों की दुनिया के ऐसे बादशाह मोहम्मद रफी। जिनके नाम पर 28000 से ज्यादा गाने दर्ज हैं। आज वर्ल्ड म्यूजिक डे है, ऐसे में हम आपको संगीत के जादूगर मोहम्मद रफी के गानों से जुड़ी ऐसी दिलचस्प बात बता रहे हैं। कहते हैं कि उनके गानों और आवाज में वो जादू था कि तनाव को दूर करने के लिए लोग खासतौर से उनके गाने सुना करते थे। आज भी उनके गाने सदाबहार हैं।
म्यूजिक डायरेक्टर नौशाद की बॉयोग्राफी ‘नौशादनामा : द लाइफ एंड म्यूजिक ऑफ नौशाद’ में मोहम्मद रफी से जुड़ा एक बहुत ही रोचक किस्सा लिखा है।
‘ओ दुनिया के रखवाले’ गाने को गाते वक्त गले से आने लगा था खून
इस किताब में एक किस्सा है कि मोहम्मद रफी ने इस गाने को गाने में इतनी कड़ी मेहनत की थी कि कई दिनों तक और कई घंटों तक रियाज करने की वजह से उनके गले में कई परेशानियां हो गई थी। कई दिनों की लगातार मेहनत के बाद यह गाना पूरा हो पाया था और गाने के अंत में उनकी आवाज इतनी ऊंचे स्केल तक जाने की वजह से खराब हो गई थी और कई दिनों तक वह दूसरे गाने नहीं गा पाए थे। इतना ही नहीं यह भी बात पता चली थी कि फाइनल रिकॉर्डिंग के दौरान गाना खत्म होने पर उनके गले से खून भी आ गया था। हालांकि, इसकी उन्होंने नौशाद से कभी शिकायत नहीं की।
जब कैदी की आखिरी इच्छा थी मोहम्मद रफी का गाना सुनना
इस किताब के अलावा खुद नौशाद ने एक कार्यक्रम के दौरान मोहम्मद रफी से जुड़े एक और किस्से का जिक्र किया था ‘वो दुनिया के रखवाले’ गाना इतना मार्मिक और अपील करने वाला बन गया था कि एक कैदी जिसे फांसी की सजा हुई थी, उसने उस गाने को आखिरी ख्वाहिश के रूप में सुनने की फरमाइश की। बाद में जेल अधिकारियों ने कैदी की ख्वाहिश पूरी करने के लिए जेल में रिकॉर्डर बजाकर पूरा गाना सुनाया था और उसके बाद ही फांसी दी गई। इस दौरान वहां खड़े कई लोगों की आंखों से आसूं बह रहे थे।…Next
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