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क्रेजी नहीं चूजी हूं


प्रसिद्ध मुक्केबाज विजेंद्र सिंह कोई रातों-रात मशहूर नहीं हो गए, बल्कि इसके पीछे उनकी लगन और मेहनत का योगदान रहा है. मुक्केबाजी में अपनी पहचान बनाने के लिए उन्होंने नियमित रूप से अभ्यास के अलावा अपनी फिटनेस बरकरार रखने के लिए योग-ध्यान के साथ ही खान-पान को नियंत्रित किया है. यही वजह है कि वे ना सिर्फ मुक्केबाजी वरन ग्लैमर वर्ड के भी भाग बन सके हैं.

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मुक्केबाजी में ही नहीं, वह अब ग्लैमर व‌र्ल्ड में भी अपनी धमाकेदार पारी खेल रहे हैं. रैंप शो हो या कोई पेज थ्री पार्टी कोई भी उनके चुंबकीय आकर्षण से बच नहीं पाता. हाल ही में उन्हें एक जानी-मानी फैब्रिक कंपनी ने अपना ब्रांड एंबेसडर चुना है. यहां हम बात कर रहे हैं मुक्केबाज विजेंद्र सिंह की. आइए जानते हैं,उनकी कमाल की फिटनेस का राज, उन्हीं की जुबानी

मुझे बचपन से बॉक्सिंग का शौक है. इसलिए खुद को फिट रखने की अब आदत पड़ चुकी है. हालांकि मेरे कोच और फिटनेस एक्सपर्ट अक्सर मेरे साथ होते हैं. मेरी एक-एक गतिविधि पर उनका ध्यान होता हैं. मैं भी उनकी प्रत्येक सलाह का पालन करता हूं. मेरी फिटनेस के तीन मूलमंत्र हैं- पहला है कठिन परिश्रम. बेहतर होगा बॉक्सिंग के पंच लगाने की प्रैक्टिस सभी करें. दूसरा, चिकनाईयुक्त और मसालेदार खाद्य वस्तुओं से दूर रहें. कभी मन करे, तो इनका संयमित सेवन जरूरी है. तीसरा, योग और मेडिटेशन. इनसे फिटनेस को बरकरार रखने में काफी मदद मिलती है.

स्पाइसी फूड्स न बाबा, कभी नहीं

ज्यादातर लोग फिटनेस को लेकर क्रेजी होते हैं, पर मैं उनमें से नहीं हूं. चूंकि फिट रहना सभी के लिए जरूरी है और हम स्पो‌र्ट्स पर्सन के लिए कुछ ज्यादा जरूरी है. इसलिए फिटनेस को लेकर थोड़ा चूजी जरूर हूं. इसके लिए खान-पान पर थोड़ा नियंत्रण कर लेता हूं. जैसे, मुझे गुलाब जामुन बहुत पसंद है, लेकिन काफी संयम बरतता हूं. एक-दो कभी-कभार खा लेता हूं. इसी तरह, स्पाइसी और चटपटी खाद्य वस्तुओं को लेने का भी मन करता है, लेकिन फिटनेस भी और स्पाइसी फूड्स भी. न बाबा, कभी नहीं.

योग-मेडिटेशन

मेरी फिटनेस का एक राज योग भी है. हर रोज योग और मेडिटेशन करना कभी नहीं भूलता. फिट दिखने के लिए तन से ही नहीं बल्कि मन से भी फिट रहना जरूरी है. यह फिटनेस योग और मेडिटेशन से हासिल हो जाती है.

खान-पान

सुबह के नाश्ते में अंडे का सफेद भाग, कॉर्न-फ्लैक्स और दूध. कभी-कभी उबले अंडे के साथ खाली दूध का सेवन.

दोपहर के भोजन में पनीर, दाल, रोटियां और कभी-कभी कम मात्रा में चावल और सलाद.

शाम के वक्त एनर्जी ड्रिंक.

रात के भोजन में बहुत कम तेल-मसालों से तैयार चिकन और इसके साथ रोटी और दही का सेवन.

(साभार- जागरण याहू)

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