‘ऐ रिक्शा वाले…पैसा मत ले मैडम से भाभी है तुम्हारी’ ऐसी लाइन सुनकर आपको हंसी तो जरूर आई होगी और इतना ही नहीं ‘लंका दहन होना बाकी था, क्योंकि हमारा जवान होना अभी बाकी था’, ‘थप्पड़ से ज्यादा उसके गाल पर पप्पी का शौक था’, तथा ‘लड़की और रॉकेट आपको कहीं भी ले जा सकते हैं’ इन सभी लाइनों ने आपको फिल्म रांझना को देखते समय बहुत हंसाया होगा.
निर्देशक आनंद एल. राय की फिल्म रांझना एक लव स्टोरी है जिसमें बचपन में किए गए प्यार का महत्व दिखाया गया है. आनंद एल. राय की स्क्रिप्ट पर अच्छी पकड़ है. बनारस की रियल लोकेशन पर उन्होंने हर किरदार के साथ अच्छी मेहनत की है. इंटरवल के बाद कहानी की रफ्तार सुस्त पड़ती है, लेकिन आखिरी 10 मिनट की फिल्म का जवाब नहीं. आनंद की तारीफ करनी होगी कि उन्होंने हर किरदार को अच्छी फुटेज दी है. फिल्म रांझना की कामयाबी में उसके संगीत का सबसे बड़ा हाथ है. फिल्म का संगीत दर्शकों को फिल्म सिनेमाघरों में देखने के लिए आकर्षित कर रहा है. ए. आर. रहमान के संगीत का जादू दर्शकों पर छा गया है और गीतकार इरशाद कामिल ने भी फिल्म रांझना के संगीत में ए. आर. रहमान का अच्छा साथ निभाया है. साउथ से आए तमिल एक्टर धनुष और बॉलीवुड की हसीना सोनम कपूर की जोड़ी भी कमाल की रही हैं. फिल्म रांझना के कुछ खास डायलॉग रहे हैं जिन्होंने फिल्म को सुपरहिट बनाने के साथ-साथ चटपटी हिट लव स्टोरी बनाने में भी काफी खास मदद की है. जोया (सोनम कपूर) के प्यार में घायल कुंदन (धनुष) के प्यार से सजी फिल्म रांझना की कहानी के डायलॉग कुछ इस तरह हैं.
प्रेमिका को पिता के घर का दिया सहारा
फिल्म रांझना के टॉप डायलॉग:
1. हमें अपने गाल पर थप्पड़ से ज्यादा उसके गाल पर पप्पी का शौक था…
2. ऐ रिक्शा वाले…पैसा मत ले मैडम से, भाभी है तुम्हारी…
3. गली के लौंडों का प्यार अक्सर डॉक्टर और इंजीनियर ले जाते हैं…
4. हम खून बहाएं, तुम आंसू बहाओ. साला आशिकी न हो गई, लाठीचार्ज हो गया.
5. लंका दहन होना बाकी था, क्योंकि हमारा जवान होना अभी बाकी था.
6. एक बात मैं समझ गया हूं. लड़की और रॉकेट आपको कहीं भी ले जा सकते हैं.
7. तुम्हारा प्यार न हो गया, यूपीएससी का एग्जाम हो गया. 10 साल से क्लियर ही नहीं हो रहा.
8. नमाज में वो थी, पर ऐसा लगा कि दुआ हमारी कबूल हो गई.
9. मेरे पीछे स्कूटर पर बैठना पड़ेगा. मैं ब्रेक मारूंगा तुम्हें मुझ पे गिरना पड़ेगा. मेरे साथ नाचना-गाना पड़ेगा गर्लफ्रेंड न सही फील ही दे दे.
10. 180 रुपये किलो है सेब , विटामिन हमसे खाओ, आशिकी इनसे लड़ाओ.
11. साढ़े सात साल में तो शनीचर भी छोड़ देता है, पता नहीं ये कब छोड़ेगी.
Read Comments