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उदास लम्हों में न कोई याद रखना
तूफान में भी वजूद अपना संभाल कर रखना
किसी की जिंदगी की खुशी हो तुम,
यही सोच कर तुम अपना खयाल रखना
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मां-बाप की आंखों में दो बार आंसू आते हैं
लड़की घर छोड़े तब…
लड़का मुंह मोड़े तब…
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बेटी…
परियों का रूप है
पावन सी धूप है
बेटी…
एक ठंडी हवा का झोंका है
हर ताप को जिसने सोखा है
बेटी…
भोर का उजेरा है
चिड़ियों का बसेरा है
बेटी…
पंछी की चहचहाहट है
होठों की मुस्कराहट है
बेटी…
चंदा की चांदनी है
सूरज की रौशनी है
बेटी…
फूलों की बगिया है
बहती हुई नदियां है
बेटी…
स्नेह है प्यार है
मीठा सा दुलार है
बेटी…
मधुर सा संगीत है
खुशियों का गीत है
–मोनिका जैन पंछी
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माँ बहुत दर्द सह कर..
बहुत दर्द दे कर ..
तुझसे कुछ कहकर में जा रही हूँ .. ..
आज मेरी विदाई में जब सखियाँ आयेगी …..
सफेद जोड़े में देख सिसक-सिसक मर जायेंगी ..
लड़की होने का ख़ुद पे फ़िर वो अफ़सोस जतायेंगी ….
माँ तू उनसे इतना कह देना दरिन्दों की दुनियाँ में सम्भल कर रहना …
माँ राखी पर जब भईया की कलाई सूनी रह जायेगी ….
याद मुझे कर-कर जब उनकी आँख भर जायेगी ….
तिलक माथे पर करने को माँ रूह मेरी भी मचल जायेगी ….
माँ तू भईया को रोने ना देना …..
मैं साथ हूँ हर पल उनसे कह देना …..
माँ पापा भी छुप-छुप बहुत रोयेंगें ….¬
मैं कुछ न कर पाया ये कह कर खुदको कोसेंगें …
माँ दर्द उन्हें ये होने ना देना ..
इल्ज़ाम कोई लेने ना देना …
वो अभिमान है मेरा सम्मान हैं मेरा ..
तू उनसे इतना कह देना ..
माँ तेरे लिये अब क्या कहूँ ..
दर्द को तेरे शब्दों में कैसे बाँधूँ …
फिर से जीने का मौक़ा कैसे माँगूं …
माँ लोग तुझे सतायेंगें ….
मुझे आज़ादी देने का तुझपे इल्ज़ाम लगायेंगें ..
माँ सब सह लेना पर ये न कहना …..
“अगले जनम मोह़े बिटिया ना देना!
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मुबारक हो तुमको ! हो तुम को बधाई
नन्ही परी तेरी गोदी मे आई
इस कली की हिफाजत करना जतन से
सम्हाल कर रखना ये अमानत पराई
तिनका तिनका अब से जोड़ना होगा
अपनी चाहतो से मुह मोड़ना होगा
उसे देने के लिए बहुत कुछ
रोज अपना दिल तोड़ना होगा
जीवन भर की पूंजी का दान
बेटी की बिदाइ………….।
सब का मन भरमाएगी
वो इतना प्यार लुटाएगी
पापा का हर पल खयाल रखेगी
माँ का हाथ बटआएगी
दिल पर पत्थर रख कर सहना
दिल के टुकड़े की जुदाई………..।
घर घर ,दर दर
ढूँढना होगा सुयोग्य वर
ब्याह मे पीने होंगे कई अपमान के घूट भी
हंस कर सर झुका कर
पगड़ी का झुकना है डोली बैठाई………।
शिक्षा दोगे ,संस्कार दोगे
चरित्र दोगे ,सुविचार दोगे
दोगे जेवर ,कपड़े
पर क्या बेच कर कीमती कार दोगे
तेरी लाड़ली कैसे बचेगी जब उसकी बेटी गई है जलायी……….।
ये बेटे का नहीं बिटिया का जनम है
कुछ पल खुशी उम्र भर का गम है
दर्द,अपमान,विछोह है बेटियाँ
फिर उनके आने से खुश कैसे हम है?
कैसे मुबारक!कैसे बधाई ?
नन्ही परी तेरी गोदी मे आई
–अंशु प्रिया गुप्ता
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एक लड़की है..जो सुबह सी दिखती है
पलकों से जिसकी.. हर शाम फिसलती है
एक लड़की है..पल पल पल सी चलती है
पत्तों पे ..जैसे शबनम सरकती है
दूर खड़ी कोई शाम अकेली
ढूँढती हो जैसे कोई सहेली
एक लड़की है..जो छुपती निकलती रहती है
साँसों से धीमी आहट है उसकी
बूँदें पकड़ना चाहत है जिसकी
एक लड़की है..बारिश सी छम छम बरसती है
एक लड़की है..जो सुबह सी दिखती है
एक लड़की है..पल पल पल सी चलती है
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कन्या जनम पे न रोक लगाओ,
कन्या जनम का उत्सव मनाओ,
जब आए घर कन्या रत्न,
मन में प्रेम सदा हर्षाओ!
–प्रेम बख्शी ‘प्रेम’
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