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भले ही आप को नीदरलैंड की पोशाक का नारंगी रंग पसंद ना आए परन्तु जिस गति और तेज़ी के साथ वह खेलते हैं वह आपको ज़रूर पसंद आएगी. तभी तो उनको टोटल फुटबॉल टीम का दर्ज़ा भी प्राप्त है. 2010 विश्व कप के क्वालफाई राउन्ड में उन्होंने एक भी मैच नहीं गंवाया. वहीं डेनमार्क ने भी अभी तक अच्छा प्रदर्शन किया था और 2010 विश्व कप के क्वालफाई राउंड में सिर्फ एक बार हंगरी से हारे थे.
जहॉ नीदरलैंड की टीम में स्टार खिलाड़ियों की कमी नहीं है वहीं डेनमार्क की टीम में कोई बड़ा खिलाड़ी नहीं है परन्तु आपसी समानता और एकजुटता के कारण डेनमार्क की टीम किसी को भी हराने का माद्दा रखती है. विश्व कप के आरम्भ से पहले नीदरलैंड को बहुत बड़ा झटका लगा था जब उनकी टीम का सबसे खतरनाक खिलाड़ी रोबेन चोट के कारण शुरुआती मुक़ाबलों के लिए टीम से बाहर हो गया था. एक बात जो नीदरलैंड के बारे में कही जा सकती है वह यह है कि अगर उनके सभी खिलाड़ी अपने पिछले साल के प्रदर्शन को दोहरा लेते हैं तो शायद 11 जुलाई को सबसे बड़ी खुशी नीदरलैंड को हो.
अगर हम ग्रुप ई की बात करें तो नीदरलैंड और डेनमार्क के अलावा कैमरून और जापान ऐसी अन्य टीमें हैं और अंदाज़ा यह है कि नीदरलैंड के साथ इन तीनों टीमों के पास अगले दौर में पहुंचने का बराबर मौका है. अतः डेनमार्क यह मैच किसी भी हालत में गंवाना नहीं चाहता था. लेकिन क्या नीदरलैंड को रोकना इतना आसान होगा, क्या होगी डेनमार्क की नीति पर्सी और डर्क कुएत को रोकने की?
आगे का विवरण जानने के लिए देखिए स्लाइड शो: [videofile]http://mvp.marcellus.tv/player/1/player/waPlayer.swf?VideoID=http://cdn.marcellus.tv/2962/flv/18374650406162010162831.flv::thumb=http://cdn.marcellus.tv/2962/thumbs/&Style=5264′ type=’application/x-shockwave-flash[/videofile]
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