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राजनैतिक मैदान में टीम अन्ना – पूर्वनिश्चित पैंतरा या भ्रष्टाचार समाप्ति की तरफ अगला कदम ?

जागरण जंक्शन फोरम
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भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने गुरुवार को जंतर मंतर पर जब राजनीति में कूदने की बात कही तो भारतीय राजनीति सहित पूरे देश में हड़कंप मच गया। किसी ने अन्ना हजारे के इस निर्णय को सही करार दिया तो किसी ने आंदोलन के लिए इसे आत्मघाती बताया।


टीम अन्ना के राजनीति में आने के फैसले को सही बताते हुए टीम के वरिष्ठ सदस्य और देश के पूर्व विधि मंत्री शांति भूषण कहते हैं जब सरकार जनता की अपेक्षा पर खरी न उतरे और जन दबाव को भी न माने तो राजनीतिक विकल्प देने के अलावा कोई चारा नहीं है। इसके अलावा समाजशास्त्रीय और राजनैतिक विचारधाराओं पर समग्र रूप से काम करने वाले लोगों का अभिमत है कि अन्ना हजारे के नेतृत्व में टीम अन्ना ने भ्रष्टाचार के खिलाफ त्याग, समर्पण और नैष्ठिक कर्तव्यों की जो मिसाल कायम की है वह लोगों के दिलों में कई सालों याद रखी जाएगी। उनके सफल आंदोलन का ही नतीजा है कि आज उन्होंने भ्रष्ट-आचार के विरुद्ध एक सशक्त जनमत तैयार किया है। आज प्रत्यक्षतः न सही किंतु परोक्ष रूप से देश की अधिकांश आबादी इस मसले पर एक मत है कि भ्रष्टाचार और अन्य शासनिक बुराइयों का निर्मूलन होना ही चाहिए और यही बात टीम अन्ना के राजनीति में आकर एक मजबूत आंदोलन खड़ा करने के उद्देश्य को पूरा करती है।


वहीं टीम अन्ना के राजनीति में आने के फैसले का विरोध करने वाले लोग मानते है कि टीम अन्ना की सोच दोहरे मापदंड पर चल रही है। एक तरफ टीम अन्ना कहती है कि वह भ्रष्ट राजनीतिक पार्टियों के विरुद्ध लोगों को जागरुक करेगी वहीं दूसरी तरफ वह खुद ही उस भ्रष्ट राजनीति का हिस्सा बनने जा रही है। टीम अन्ना की सोच पहले दिन से ही राजनीति से प्रेरित थी। भ्रष्टाचार के खिलाफ उनका आंदोलन एक ढोंग था जिसे जनता पूरी तरह से समझ चुकी है। अन्ना आंदोलन का समर्थन करने वाले रामदेव और मेधा पाटकर भी टीम अन्ना के राजनीति में आने के फैसले से नाखुश बताए जा रहे हैं और टीम अन्ना को इस पर दोबारा विचार करने की बात भी कर रहे हैं।


उपरोक्त चर्चा के बाद इस मसले से जुड़े निम्नलिखित प्रश्न हमारे सामने आते हैं जिनका जवाब ढूंढ़ना बहुत जरूरी है, जैसे:


1. टीम अन्ना का राजनीति में प्रवेश आत्मघाती तो नहीं?

2. क्या टीम अन्ना का राजनीति में आने का फैसला देश की तकदीर बदलेगा?

3. राजनीति में स्वच्छ चरित्र वाले व्यक्तियों का प्रवेश होना चाहिए किंतु टीम अन्ना स्वयं स्वच्छ चरित्र की परिभाषा पर कितनी खरी उतरती है?

4. 2014 को देखते हुए टीम अन्ना के राजनीति में प्रवेश करने से कांग्रेस और भाजपा के मजबूत विकल्प की कितनी संभावना है?


आप उपरोक्त मुद्दे पर अपने विचार स्वतंत्र ब्लॉग या टिप्पणी लिख कर जाहिर कर सकते हैं।


नोट: 1. यदि आप उपरोक्त मुद्दे पर अपना ब्लॉग लिख रहे हों तो कृपया शीर्षक में अंग्रेजी में “Jagran Junction Forum” अवश्य लिखें। उदाहरण के तौर पर यदि आपका शीर्षक “टीम अन्ना की राजनीति” है तो इसे प्रकाशित करने के पूर्व टीम अन्ना की राजनीति – Jagran Junction Forum  लिख कर जारी कर सकते हैं।

2. पाठकों की सुविधा के लिए Junction Forum नामक नयी कैटगरी भी सृजित की गई है। आप प्रकाशित करने के पूर्व इस कैटगरी का भी चयन कर सकते हैं।


धन्यवाद

जागरण जंक्शन परिवार


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