Menu
blogid : 4920 postid : 304

अन्ना का कांग्रेस पर वार – सिद्धांत की लड़ाई या सियासी दांवपेंच

जागरण जंक्शन फोरम
जागरण जंक्शन फोरम
  • 157 Posts
  • 2979 Comments

भ्रष्टाचार के विरुद्ध जनलोकपाल कानून लाने की दिशा में अन्ना हजारे और उनकी टीम द्वारा गत कुछ माह से निरंतर आंदोलन चलाया जा रहा है। बढ़ते भ्रष्टाचार से परेशान आमजन ने उनकी इस मुहिम को खासा समर्थन प्रदान किया जिससे कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार को उनकी कुछ मांगों को मानने के लिए विवश होना पड़ा। लेकिन बदलते समीकरणों के कारण अन्ना को दिए गए आश्वासनों पर सरकार ने फिलहाल अस्पष्ट रुख जाहिर किया है जिसने अन्ना हजारे को यह महसूस कराया कि सरकार अपने वायदे से मुकर रही है।


लोकपाल मुद्दे पर सरकार के हालिया रुख को देखते हुए अन्ना हजारे ने सार्वजनिक रूप से ये घोषणा कर डाली कि वे हिसार में होने वाले चुनाव में कांग्रेस को मत ना देने की अपील करेंगे साथ ही उत्तर प्रदेश सहित अन्य सभी ऐसे राज्यों में जहां अगले कुछ माह में चुनाव होने हैं वहां भी जनता से कांग्रेस के उम्मीदवारों को मत ना देने को कहेंगे।


लेकिन अन्ना हजारे के इस वक्तव्य से जनता के बीच एक नए बहस की शुरुआत हो गई है। अन्ना के इस वक्तव्य को राजनीति प्रेरित मानते हुए कुछ लोग कहने लगे हैं कि इससे अन्ना और उनकी टीम की राजनीतिक महत्वाकांक्षा खुलकर सामने आ गई है और ये भी जाहिर हो गया है कि अन्ना शुरू से ही अपने आंदोलन को सत्ता संघर्ष के लिए एक सीढ़ी बना कर चल रहे हैं। विरोधियों का कहना है कि अन्ना ने जनता को भावनात्मक रूप से प्रभावित करने वाले मुद्दे “भ्रष्टाचार” को इसीलिए चुना क्योंकि यही वह मुद्दा है जिस पर समान रूप से सबका समर्थन हासिल हो सकता है।


किंतु वहीं ऐसे भी लोग हैं जिनको अन्ना के इस वक्तव्य से कोई परेशानी नहीं बल्कि वे मानते हैं कि कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दलों को सशक्त लोकपाल की दिशा में तभी प्रेरित किया जा सकता है जब उनमें भय जाग्रत हो जाए। समर्थक कहते हैं कि अन्ना हजारे ऐसा कहके सभी को एक चेतावनी जारी कर रहे हैं कि या तो भ्रष्टाचार मिटाओ या सत्ता से दूर हो जाओ।


उपरोक्त मुद्दे परजारी वाद-विवाद और बहस को देखते हुए कुछ अहम सवाल खड़े होते हैं, जैसे:


1. क्या अन्ना का कांग्रेस विरोधी वक्तव्य राजनीति प्रेरित है?

2. क्या अन्ना मूल मकसद से हटकर एक अनावश्यक विवाद पैदा कर रहे हैं?

3. क्या कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दलों के लिए अन्ना का यह कदम सबक देने जैसा है?

4. क्या अन्ना को सशक्त जनलोकपाल के लिए कांग्रेस के गठबंधन वाली सरकार पर भरोसा करके चलना चाहिए?


जागरण जंक्शन इस बार के फोरम मेंअपने पाठकों से इस बेहद महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दे पर विचार रखे जाने की अपेक्षा करता है। इस बार का मुद्दा है:


अन्ना का कांग्रेस पर वार – सिद्धांत की लड़ाई या सियासी दांवपेंच


आप उपरोक्त मुद्दे पर अपने विचार स्वतंत्र ब्लॉग या टिप्पणी लिख कर जाहिर कर सकते हैं।


नोट: 1.यदि आप उपरोक्त मुद्दे पर अपना ब्लॉग लिख रहे हों तो कृपया शीर्षक में अंग्रेजी में “Jagran Junction Forum” अवश्य लिखें। उदाहरण के तौर पर यदि आपका शीर्षक “अन्ना का कांग्रेस पर वार” है तो इसे प्रकाशित करने के पूर्व अन्ना का कांग्रेस पर वार – Jagran JunctionForum लिख कर जारी करें।

2.पाठकों की सुविधा के लिए Junction Forum नामक नयी कैटगरी भी सृजित की गई है। आप प्रकाशित करने के पूर्व इस कैटगरी का भी चयन कर सकते हैं।

धन्यवाद

जागरण जंक्शन परिवार


Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh