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सरकार से लाइसेंस प्राप्त करने के बाद मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र में डांस बार फिर से खोले जा सकते हैं – सुप्रीम कोर्ट
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में यह आदेश दिया है कि महाराष्ट्र में जिन डांस बारों को बंद कर दिया गया था उन्हें अब दोबारा खोला जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला जैसे ही मीडिया की सुर्खियां बना वैसे ही इस निर्णय को लेकर एक बहस शुरू हो गई है। आमजन समेत कई बुद्धिजीवी इस मसले पर वाद-विवाद कर रहे हैं, जिससे यह जाहिर होता है कि डांस बारों को फिर से खोलने जैसे निर्णय को कोई भी आसानी से नहीं पचा पा रहा है। जहां कुछ लोगों के अनुसार यह निर्णय नारी के शोषण को कम करने वाला है वहीं कुछ लोगों के लिए डांस बार वेश्यावृत्ति को बढ़ावा देने का एक अच्छा माध्यम बन सकते हैं।
वे लोग जो डांस बारों को कानूनी संरक्षण देने के विरोध में अपनी बात रख रहे हैं, उनका कहना है कि डांस बार में शराब के नशे में धुत्त पुरुष महिलाओं के साथ गंदी हरकत करते हैं, उन पर बुरी नजर रखते हैं। इससे ना सिर्फ महिलाओं के सम्मान और स्वाभिमान के साथ खिलवाड़ होता है बल्कि कहीं ना कहीं महिला अपनी ही नजरों में गिर भी जाती है। जीवनयापन करने के लिए अपनी देह की नुमाइश करना ही महिलाओं के पास अंतिम विकल्प नहीं होना चाहिए। इस वर्ग में शामिल लोगों का कहना है कि इस बात में भी कोई संदेह नहीं है कि बार में डांस करने के साथ-साथ महिलाओं को वेश्यावृत्ति भी करनी पड़ती है। जाहिर है डांस बार को कानूनी रूप से शुरू करने के बाद देह व्यापार को नियंत्रित कर पाना मुश्किल हो जाएगा।
वहीं दूसरी ओर बहुत से ऐसे लोग भी हैं जिनका मानना है कि डांस बार को फिर से खोलने से महिलाओं के शोषण में कमी आएगी। इन लोगों का तर्क है कि भले ही चोरी छिपे ही सही लेकिन अब तक मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र में डांस बार चलते हैं। और जबकि इन्हें गैर-कानूनी तरीके से चलाया जाता है इसीलिए डांस बार में काम करने वाली युवतियां अपने ऊपर होने वाले अत्याचारों की शिकायत भी नहीं कर पाती हैं। जिसके परिणामस्वरूप ग्राहक और डांस बार मालिक उनकी मजबूरी का मनचाहा फायदा उठाते हैं, कभी पुलिस की रेड पड़ जाए तो उन्हें जानवरों से भी बदतर हालातों में रखा जाता है। अब जब डांस बार को कानूनी तौर पर लागू करने का आदेश आ गया है तो यह बार डांसरों के लिए एक फायदे का सौदा साबित होगा।
डांस बार को खोलने से जुड़े पक्ष-विपक्ष पर गौर करने के बाद निम्नलिखित प्रश्न हमारे सामने उठते हैं, जैसे:
1. क्या वाकई डांस बार को फिर से खोलना वेश्यावृत्ति को बढ़ावा देगा?
2. बार डांसरों के प्रति होते व्यवहार को देखते हुए क्या डांस बारों को कानूनी तौर पर लागू करना सही नहीं है?
3. क्या गारंटी है कि डांस बार को कानूनी संरक्षण देने से बार मालिक महिलाओं की मजबूरी का फायदा नहीं उठाएंगे?
4. आपको क्या लगता है इस निर्णय से महिलाओं की दशा सुधरेगी या और बदतर हो जाएगी?
जागरण जंक्शन इस बार के फोरम में अपने पाठकों से इस बेहद महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दे पर विचार रखे जाने की अपेक्षा करता है। इस बार का मुद्दा है:
फिर से खुलेंगे डांस बार: स्त्री हित को बढ़ावा देगा यह निर्णय ?
आप उपरोक्त मुद्दे पर अपने विचार स्वतंत्र ब्लॉग या टिप्पणी लिख कर जाहिर कर सकते हैं।
नोट: 1. यदि आप उपरोक्त मुद्दे पर अपना ब्लॉग लिख रहे हैं तो कृपया शीर्षक में अंग्रेजी में “Jagran Junction Forum” अवश्य लिखें। उदाहरण के तौर पर यदि आपका शीर्षक “डांस बार का खुलना” है तो इसे प्रकाशित करने के पूर्व डांस बार का खुलना – Jagran Junction Forum लिख कर जारी कर सकते हैं।
2. पाठकों की सुविधा के लिए Junction Forum नामक कैटगरी भी सृजित की गई है। आप प्रकाशित करने के पूर्व इस कैटगरी का भी चयन कर सकते हैं।
धन्यवाद
जागरण जंक्शन परिवार
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