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अब देना होगा पाकिस्तान को जवाब या शांति वार्ता से निकलेगा हल ?

जागरण जंक्शन फोरम
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अमन की उम्मीदों पर फिर एक बार प्रहार करते हुए पाकिस्तान के जवानों ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ इलाके में तैनात भारतीय सैनिकों पर हमला किया जिसमें दो जवान शहीद हो गए। पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा सीज फायर का तो उल्लंघन हुआ ही साथ ही बर्बरता और नृशंस मानसिकता का परिचय देते हुए वह उन शहीद जवानों के सिर भी काटकर अपने साथ ले गए। इससे पहले भी पाकिस्तान द्वारा उड़ी सेक्टर में बिना किसी कारण गोलीबारी की गई थी। भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे इस तनाव के बीच पुंछ-रावलकोट बस सेवा भी रोक दी गई। पाक सैनिकों के इस कदम के बाद भारत-पाक सीमा पर भी तनाव बढ़ गया है।


इस घटना पर प्रतिक्रिया करते हुए विभिन्न बुद्धिजीवियों की पक्ष और विपक्ष में राय आ रही है। एक ओर वो लोग हैं जिनका कहना है कि एकाध छोटी-मोटी घटनाओं का असर भारत-पाकिस्तान के संबंध पर नहीं पड़ना चाहिए। यह मात्र उकसाने वाली कार्यवाहियां होती हैं जो कुछ शरारती तत्वों द्वारा अंजाम दी जाती हैं। कुछ उन्मादी तत्वों की कायरानापूर्ण हरकतें दो पड़ोसी देशों के आपसी संबंध को प्रभावित नहीं कर सकतीं। इसीलिए ऐसा कहना पूरी तरह फिजूल है कि इस घटना के बाद पाकिस्तान के साथ सारे संबंध तोड़कर सैनिक आक्रमण जैसी कार्यवाही की जाए। वैसे भी आज के परमाणु युग में जवाबी कार्यवाहियां विनाश को आमंत्रण देने वाली ही सिद्ध होंगी।


वहीं दूसरी ओर एक वर्ग ऐसा भी है जो इस बार जवाबी कार्यवाही करने को ही सही ठहरा रहा है। इस वर्ग में शामिल लोगों का कहना है कि आजादी के बाद से ही निरंतर पाकिस्तान की कायराना और पीठ पीछे वार करने जैसी प्रवृत्तियों में इजाफा ही हुआ है। भारत द्वारा कई बार शांति और मित्रता स्थापित करने के प्रयास किए गए, पाकिस्तान को “मोस्ट फेवर्ड नेशन” का दर्जा देने के साथ ही क्रिकेट कूटनीति जैसे पहलकदमियां की गईं, दोनों देशों के बीच आवागमन, वीजा, संस्कृतियों के आदान-प्रदान से संबंधों को मजबूत बनाने की चेष्टा की गई लेकिन पाकिस्तान ने बार-बार धोखा दिया। इसीलिए इस तात्कालिक निंदनीय कृत्य के बाद कड़ी सैनिक कार्यवाही ही एकमात्र विकल्प है।


पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा हाल ही में हुई हिंसा और उसके जवाब में भारत द्वारा सैनिक कार्यवाही करने से जुड़े दबाव जैसे पक्षों पर विचार करने के बाद निम्नलिखित प्रश्न हमारे सामने उठते हैं जिनका जवाब ढूंढ़ना नितांत आवश्यक है, जैसे:

1. क्या वाकई अब समय आ गया है पाकिस्तान पर कड़ी जवाबी कार्यवाही की जाए?

2. क्या सीमा पर हुई इस नृशंस घटना को कुछ शरारती तत्वों द्वारा की गई हरकत मानकर नजरंदाज किया जा सकता है?

3. क्या पाकिस्तान के साथ सभी प्रकार के कूटनीतिक संबंध खत्म कर उसे सबक सिखाया जा सकता है?

4. परमाणु युग में दो देशों के बीच की लड़ाई के दुष्प्रभाव बेहद खतरनाक हो सकते हैं, क्या ऐसे में शांति वार्ता के जरिए कुछ हल निकाला जा सकता है?

जागरण जंक्शन इस बार के फोरम में अपने पाठकों से इस बेहद महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दे पर विचार रखे जाने की अपेक्षा करता है। इस बार का मुद्दा है:


अब देना होगा पाकिस्तान को जवाब या शांति वार्ता से निकलेगा हल ?


आप उपरोक्त मुद्दे पर अपने विचार स्वतंत्र ब्लॉग या टिप्पणी लिख कर जाहिर कर सकते हैं।


नोट:1. यदि आप उपरोक्त मुद्दे पर अपना ब्लॉग लिख रहे हैं तो कृपया शीर्षक में अंग्रेजी में “Jagran Junction Forum” अवश्य लिखें। उदाहरण के तौर पर यदि आपका शीर्षक “पाकिस्तान की हरकत”  है तो इसे प्रकाशित करने के पूर्व पाकिस्तान की हरकत– Jagran Junction Forum लिख कर जारी कर सकते हैं।


2. पाठकों की सुविधा के लिए Junction Forum नामक नयी कैटगरी भी सृजित की गई है। आप प्रकाशित करने के पूर्व इस कैटगरी का भी चयन कर सकते हैं।


धन्यवाद

जागरण जंक्शन परिवार

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