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आईपीएल 5 में खिलाड़ियों का जोश ए जुनून – खेल भावना या पैसे का आकर्षण ?

जागरण जंक्शन फोरम
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इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) सीजन-5 का आगाज हो चुका है। खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन करने के लिए अपनी कमर कस चुके हैं। ठीक एक साल पहले भारत के क्रिकेट रणबांकुरे उम्दा प्रदर्शन करके विश्व कप में श्रीलंका को हराकर विश्व विजेता बने थे तब हर जगह यह उम्मीद की जाने लगी कि आने वाले भविष्य में भारतीय टीम अपने इस प्रदर्शन को बरकरार रखेगी।


लेकिन ठीक उसका उलटा हुआ। बीते एक साल में भारतीय क्रिकेट टीम ने जिस तरह से क्रिकेट खेला उसे देखकर कोई भी यकीन नहीं कर सकता कि यह वही टीम है जो 2011 के वर्ल्ड कप में विश्व विजेता बनी थी। इंग्लैण्ड से लेकर आस्ट्रेलिया तक और बीते दिनों एशिया कप में भारत का लचर और नाकाम प्रदर्शन जगजाहिर है।


अब जब कि आईपीएल के पांचवें संस्करण ने दस्तक दे दी है तब हर खिलाड़ी अपने आप को फिट तथा चुस्त-दुरुस्त रखने की होड़ में लग चुका है। विज्ञापन से लेकर मीडिया तक हर जगह उन खिलाडियों की चमक देखी जा सकती है जो कभी चोटिल और अनफिट हुआ करते थे।


ऐसे में कुछ वरिष्ठ खिलाडियों और खेल विशेषज्ञों का मानना है कि आईपीएल में खेलना एक तरह की खेल भावना है जिसे हम पैसे और बाजार के रूप में नहीं देख सकते। आईपीएल दुनिया के सबसे बेहतरीन टूर्नामेंटों में एक है। इसमें खेलना नए खिलाडियों को हर तरह से फायदा पहुंचाता है। विश्व के बड़े और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाडियों के साथ खेलने का मौका मिलता है। रही बात बुरे प्रदर्शन की तो वह समय-समय की बात है। आज टीम खराब खेल रही है तो कल अच्छा भी खेलेगी। इससे हम किसी खिलाड़ी की नीयत पर संदेह नहीं कर सकते।


जबकि इसके ठीक विपरीत कुछ आलोचकों का मानना है कि चकाचौंध और अकूत धन संपदा खिलाडियों को बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करती है। इस धन बरसाते क्रिकेट महाकुंभ में हर खिलाड़ी इतना पैसा कमा लेता है जितना कि वह कई टेस्ट और वनडे मैच खेलकर भी नहीं कमा सकता। इस खेल में खिलाड़ी कम परिश्रम करके अथाह पैसा कमा लेता है। ऐसे में जो खिलाड़ी अनफिट और चोटिल भी रहते हैं वह इस महांकुभ में फिट और तंदुरुस्त नजर आने लगते हैं।


उपरोक्त बहस को देखते हुए कुछ सवाल हमारे सामने उठते हैं जिन पर विचार-विमर्श करने की जरूरत है, जैसे:


1. किस कारण से एक साल से लगातार बुरा प्रदर्शन करते आ रहे खिलाड़ी अचानक आईपीएल के लिए चुस्त-दुरुस्त नजर आने लगे हैं?

2. क्या खिलाड़ी पैसे और ग्लैमर की चमक-दमक देखकर आईपीएल में खेलते हैं?

3. क्या सच में आईपीएल से नए खिलाडियों का भला होता है?

4. क्या आईपीएल ने क्रिकेट के मूल स्वरूप “टेस्ट मैच” के महत्व को खत्म कर दिया है?


जागरण जंक्शन इस बार के फोरम में अपने पाठकों से इस बेहद महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दे पर विचार रखे जाने की अपेक्षा करता है। इस बार का मुद्दा है:


आईपीएल 5 में खिलाड़ियों का जोश ए जुनून – खेल भावना या पैसे का आकर्षण?


आप उपरोक्त मुद्दे पर अपने विचार स्वतंत्र ब्लॉग या टिप्पणी लिख कर जाहिर कर सकते हैं।


नोट: 1. यदि आप उपरोक्त मुद्दे पर अपना ब्लॉग लिख रहे हों तो कृपया शीर्षक में अंग्रेजी में “Jagran Junction Forum” अवश्य लिखें। उदाहरण के तौर पर यदि आपका शीर्षक “आईपीएल 5: खेल भावना या पैसे का आकर्षण” है तो इसे प्रकाशित करने के पूर्व आईपीएल 5: खेल भावना या पैसे का आकर्षण – Jagran Junction Forum लिख कर जारी करें।

2. पाठकों की सुविधा के लिए Junction Forum नामक नयी कैटगरी भी सृजित की गई है। आप प्रकाशित करने के पूर्व इस कैटगरी का भी चयन कर सकते हैं।


धन्यवाद

जागरण जंक्शन परिवार


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