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बांग्लादेश की विवादित लेखिका तस्लीमा नसरीन का यह कहना है कि “जब आप पॉर्न स्टार को एक सेलेब्रिटी बनाते हैं, तो आप एक एस्ट्रानॉट, इंजीनियर या डॉक्टर बनाने की बजाय अपनी बेटियों को भी एक पार्न स्टार बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।” इंडो-कनाडियन मूल की पॉर्न फिल्म अभिनेत्री सनी लियोन को भारत में जो लोकप्रियता मिल रही है वह वाकई एक चिंता का विषय है। मीडिया द्वारा प्रचारित होने के बाद सनी लियोन को बिग-बॉस में शिरकत करने का अवसर मिला वहीं अब उनकी फिल्म भी रिलीज के लिए तैयार है।
पॉर्न फिल्मों की मशहूर अभिनेत्री सनी लियोन हों या न्यूड फोटोशूट करवाने वाली कैलेंडर गर्ल पूनम पांडेय, आज भारत के पारंपरिक और सांस्कृतिक समाज में ऐसी शख्सियतों को अत्याधिक लोकप्रियता मिलने लगी है। बहुत से लोगों का मानना है कि अगर अपनी परंपरागत और रुढ़िवादी छवि को नकारते हुए भारतीय समाज इन कलाकारों को स्वीकार्यता दे रहा है तो इसे एक सकारात्मक लक्षण ही कहा जाएगा। वैसे भी अभिव्यक्ति और काम करने की आजादी हमारे मौलिक अधिकारों में शामिल है। कोई भी व्यक्ति अपनी मर्जी से कोई भी काम कर सकता है और किसी भी रूप में अपनी भावनाएं जाहिर कर सकता है। यहां किसी भी तरह के विवाद का कोई औचित्य नहीं रह जाता। सनी लियोन की बढ़ती लोकप्रियता के पक्षधर लोगों का यह भी कहना है कि अगर भारत को भी वैश्वीकरण की धारा में शामिल होना है तो उसे अपनी संकुचित मानसिकताओं को त्यागना ही पड़ेगा।
वहीं दूसरी ओर ऐसे भी लोग हैं जो नग्नता और अश्लीलता के इस बाजार का घोर विरोध करते हैं। पोर्न स्टार को मिलने वाली ख्याति को भारतीय समाज के लिए घातक करार देने वाले विचारकों का मानना है कि भले ही हमें अभिव्यक्ति का अधिकार प्राप्त है लेकिन समाज के प्रति हमारी कुछ नैतिक जिम्मेदारी भी बनती है। अगर हम इन अभिनेत्रियों को सिलेब्रिटी बनाते हैं तो हो सकता है कल पॉर्न मार्केट और भी विस्तृत होकर भारत में भी खुले तौर पर प्रचारित होने लगे। इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि भविष्य में आसानी से पैसा और नाम कमाने के लालच में भारतीय युवतियां सनी लियोन के रास्ते पर ही चल पड़ें। भारतीय समाज बेहद सांस्कृतिक और अपनी परंपराओं के विषय में संजीदा है, जो इसकी एक सबसे बड़ी विशेषता है। मीडिया द्वारा पॉर्न सितारों को सिलेब्रिटी का दर्जा दिया जाना एक चिंताजनक तथ्य है।
इस विषय से जुड़े पहलुओं पर विचार करने के बाद कुछ बेहद चिंताजनक प्रश्न हमारे सामने प्रस्तुत होते हैं, जिनका जवाब ढूंढ़ना वर्तमान समय की जरूरत है, जैसे:
1. पॉर्न स्टार को मिलने वाली लोकप्रियता का विरोध करना क्या वाकई उसके अधिकारों पर हमला करने जैसा है?
2. अगर कोई व्यक्ति अपनी मर्जी से पॉर्न फिल्मों जैसे पेशे में आता है या न्यूड फोटोशूट करवाता है तो क्या इसे उसका व्यक्तिगत मसला नहीं समझा जाना चाहिए?
3. भारतीय समाज में ऐसी अभिनेत्रियों को लोकप्रियता दिलवाने में मीडिया की कहां तक जिम्मेदारी बनती है?
4. क्या पॉर्न फिल्मों और नग्नता का परचम लहराने वाली अभिनेत्रियों को भारतीय समाज में स्वीकार्यता देना वैश्विक धारा में शामिल होने के लिए जरूरी है?
जागरण जंक्शन इस बार के फोरम में अपने पाठकों से इस बेहद महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दे पर विचार रखे जाने की अपेक्षा करता है। इस बार का मुद्दा है:
पोर्न स्टार की बढ़ती लोकप्रियता – आधुनिक भारत की जरूरत या नैतिक हमला ?
आप उपरोक्त मुद्दे पर अपने विचार स्वतंत्र ब्लॉग या टिप्पणी लिख कर जाहिर कर सकते हैं।
नोट: 1. यदि आप उपरोक्त मुद्दे पर अपना ब्लॉग लिख रहे हों तो कृपया शीर्षक में अंग्रेजी में “Jagran Junction Forum” अवश्य लिखें। उदाहरण के तौर पर यदि आपका शीर्षक “नैतिक हमला है तो इसे प्रकाशित करने के पूर्व नैतिक हमला – Jagran Junction Forum लिख कर जारी करें।
2. पाठकों की सुविधा के लिए Junction Forum नामक कैटगरी भी सृजित की गई है। आप प्रकाशित करने के पूर्व इस कैटगरी का भी चयन कर सकते हैं।
धन्यवाद
जागरण जंक्शन परिवार
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