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अभी चुनावी परिणाम पूरी तरह आए भी नहीं थे कि उत्तर प्रदेश में गुंडों और अपराधियों ने अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया। समाजवादी पार्टी के समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने जीत का जश्न हिंसा और मारकाट तथा घरों को जलाकर मनाया। विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं और आम लोगों पर यह इस कदर बरसे कि मानों कई दिनों से अपने हिंसा रूपी चरित्र को दबाए हुए थे और चुनावी परिणाम का इंतजार कर रहे थे। समाजवादी पार्टी पहले भी अपने कृत्यों से पूरे देशभर में बदनाम रही है। अपनी अराजकता और गुंडाराज की वजह से इसी समाजवादी पार्टी ने 2007 में अपनी सत्ता गंवाई और लोगों के बीच अपने विश्वास को खोया।
इस मुद्दे पर कई राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि समाजवादी पार्टी एक गुंडों की पार्टी है। इस पार्टी में 50 फीसदी से अधिक ऐसे लोग हैं जो आपराधिक छवि के हैं और जिनके खिलाफ न्यायालय में गंभीर मुकदमा चल रहा है। कानून व्यवस्था और सुशासन से दूर यह पार्टी हर समय गुंडों को पनाह देती है। पिछले अनुभवों को देखकर पता चलता है कि इनके राज में माफिया और गुंडों की चांदी हो जाती है, हर तरह से इनके अवैध कारोबारों में कई गुना बढोत्तरी देखी जाती है। इसलिए विपक्षी दलों सहित कई राजनीतिक समीक्षकों का कहना है कि अपनी छवि के अनुरूप ही इस बार भी समाजवादी पार्टी जनता को डर और भय का शासन देगी।
लेकिन वहीं कुछ राजनीतिक पंडितों की राय है कि राज्य में हो रही हिंसक घटनाओं से यह नहीं मान लेना चाहिए भविष्य में भी ऐसा ही होगा. उनका मानना है कि समाजवादी पार्टी को मिला पूर्ण बहुमत यह दिखाता है कि जनता में अब भी पार्टी को लेकर विश्वास है। पार्टी के कर्ताधर्ता अखिलेश यादव ने पार्टी की छवि को सुधारने के लिए कई पढ़े-लिखे युवाओं को टिकट दिया है। इससे यह पता चलता है कि समाजवादी पार्टी युवा नेतृत्व और शांतिपूर्ण व्यवस्था में विश्वास करती है। राष्ट्रीय राजनीति में पार्टी का दायरा बढ़ाने के लिए अखिलेश ने आपराधिक छवि के लोगों को पार्टी से निकाल बाहर किया है। वह उत्तर प्रदेश की जनता को विकास पर आधारित एक बेहतर शासन देना चाहते हैं और शायद इसी बात को ध्यान में रखकर उत्तर प्रदेश की जनता ने उन्हें और उनकी पार्टी को पर्याप्त बहुमत दिया है।
इस संदर्भ में अगर हम पूरे घटनाक्रम पर नजर डालते हैं तो हमारे सामने कुछ महत्वपूर्ण सवाल उठकर सामने आ रहे हैं जिन पर विचार-विमर्श व बहस की भारी गुंजाइश है, जैसे:
1. क्या उत्तर प्रदेश में फिर से गुंडाराज का आगमन हो चुका है?
2. क्या समाजवादी पार्टी को गुंडों की पार्टी कहना सही है?
3. क्या समाजवादी पार्टी को पर्याप्त बहुमत एक शांतिपूर्ण शासन का संकेत है?
4. क्या उत्तर प्रदेश में अखिलेश की राजनीति गुंडों का सफाया कर देगी?
जागरण जंक्शन इस बार के फोरम में अपने पाठकों से इस बेहद महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दे पर विचार रखे जाने की अपेक्षा करता है। इस बार का मुद्दा है:
समाजवादी पार्टी की सरकार – बदलेगी छवि या फिर लौटेगा गुंडाराज?
आप उपरोक्त मुद्दे पर अपने विचार स्वतंत्र ब्लॉग या टिप्पणी लिख कर जाहिर कर सकते हैं।
नोट: 1. यदि आप उपरोक्त मुद्दे पर अपना ब्लॉग लिख रहे हों तो कृपया शीर्षक में अंग्रेजी में “Jagran Junction Forum” अवश्य लिखें। उदाहरण के तौर पर यदि आपका शीर्षक “समाजवादी पार्टी की सरकार” है तो इसे प्रकाशित करने के पूर्व समाजवादी पार्टी की सरकार – Jagran Junction Forum लिख कर जारी करें।
2. पाठकों की सुविधा के लिए Junction Forum नामक नयी कैटगरी भी सृजित की गई है। आप प्रकाशित करने के पूर्व इस कैटगरी का भी चयन कर सकते हैं।
धन्यवाद
जागरण जंक्शन परिवार
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