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अभी तक लोकपाल के मुद्दे पर कांग्रेस और सरकार टीम अन्ना के बेहद दबाव में दिख रही थी। लेकिन कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के एक बयान ने पूरी कांग्रेस की काया पलट दी। बेहद तीखे तेवरों में सोनिया गांधी ने कांग्रेस के 125 सालों के इतिहास का हवाला देकर अन्ना हजारे को साफ कर दिया है कि अब अगर अन्ना लोकपाल को लेकर कुछ बवाल करेंगे तो उनका हश्र अच्छा नहीं होगा। कांग्रेस ने अन्ना हजारे और उनकी टीम को मर्यादा तो याद दिलाई ही साथ में यह भी कहा कि 125 साल के इतिहास में पार्टी को ताकत दिखाने कई आए और आकर चले गए।
इसके तुरंत पश्चात देश में इस बात पर बहस छिड़ गई है और पक्ष व विपक्ष में अलग-अलग मत सामने आने लगे हैं। कांग्रेस और उसके समर्थकों का कहना है कि सरकार एक मजबूत लोकपाल के लिए संकल्पबद्ध है और जो भी लोग सरकार के इस कदम में बाधा डालेंगे उन्हें लोकतंत्र के लिए खतरनाक माना जाना चाहिए। कांग्रेस के समर्थक तो यहां तक कह रहे हैं कि टीम अन्ना धमकी की भाषा का प्रयोग कर सरकार को बंधक बनाना चाहती है और उसका मकसद सरकारी काम में अड़ंगा लगा कर शक्ति प्रदर्शन करना है।
वहीं ठीक इसके विपरीत ऐसे लोग भी हैं जो सोनिया गांधी व कांग्रेस के उक्त बयान को तानाशाही का दर्ज़ा दे रहे हैं और उनका मानना है कि सरकार कमजोर लोकपाल का गठन करके भ्रष्टाचार व भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देना चाहती है। अन्ना हज़ारे व उनकी टीम के लोग इस बयान को देश के लिए बुरा मानते हुए कहते हैं लोकतंत्र में जनता की आवाज को दबाने के किसी भी प्रयास को सही नहीं कहा जा सकता है व इसका हर हाल में विरोध होना चाहिए।
उपरोक्त के आलोक में कुछ ऐसे गंभीर प्रश्न राष्ट्र के समक्ष उत्पन्न होते हैं जिन पर जनता की राय सामने आनी चाहिए:
1. क्या लोकतंत्र में किसी जनांदोलन पर अंकुश लगाने के लिए धमकी की भाषा उचित है?
2. क्या कांग्रेस टीम अन्ना को नियंत्रण में लाने के लिए किसी भी सीमा तक जा सकती है?
3. क्या टीम अन्ना को सरकारी लोकपाल से सहमत हो जाना चाहिए?
जागरण जंक्शन इस बार के फोरम मेंअपने पाठकों से इस बेहद महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दे पर विचार रखे जाने की अपेक्षा करता है। इस बार का मुद्दा है:
लोकतंत्र में धमकी की भाषा कहां तक सही ?
आप उपरोक्त मुद्दे पर अपने विचार स्वतंत्र ब्लॉग या टिप्पणी लिख कर जाहिर कर सकते हैं।
नोट: 1.यदि आप उपरोक्त मुद्दे पर अपना ब्लॉग लिख रहे हों तो कृपया शीर्षक में अंग्रेजी में “Jagran Junction Forum” अवश्य लिखें। उदाहरण के तौर पर यदि आपका शीर्षक “लोकतंत्र में धमकी की भाषा” है तो इसे प्रकाशित करने के पूर्व लोकतंत्र में धमकी की भाषा – Jagran JunctionForum लिख कर जारी करें।
2.पाठकों की सुविधा के लिए Junction Forum नामक नयी कैटगरी भी सृजित की गई है। आप प्रकाशित करने के पूर्व इस कैटगरी का भी चयन कर सकते हैं।
धन्यवाद
जागरण जंक्शन परिवार
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