फिर वही हुआ जो होना लाज़िमी था, एक दिन घर लौटते ही छींकों की लड़ी ने आँख-नाक के सारे रास्ते खोल दिए, शरीर की टंकी में जमा पानी ऐसे बहने लगा जैसे किसी वाशर के खराब हो जाने पर नल से पानी टपकता रहता है
दिल्ली अपने पर्यावरण के कारण सदा ही चर्चा में रहती आई है। सही कहें तो उसने दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर होने का खिताब पाते ही, “बदनाम हुए तो क्या हुआ नाम तो हुआ” वाले मुहावरे को सही सिद्ध कर दिया। वर्षों-वर्ष बीत गए, चाहे कहीं भी रहूं, मुझ पर बदलता मौसम कभी भी अपना असर नहीं डाल पाया। ऐसा नहीं है कि कभी सर्दी-जुकाम हुआ ही ना हो पर बदलता मौसम कभी परेशान नहीं कर पाया। पर इस बार उसकी जीत हो ही गयी।
यूं तो दिल्ली का वातावरण, बरसात के कुछ दिनों को छोड़ सदा प्रदूषित ही रहता है। यहां के वाशिंदे इसके साथ रहने के, मजबूरीवश ही सही, आदी हो गए हैं। मौसम के करवट लेते ही आँखों में जलन, गले में खराश, सीने में घुटन, सर्दी-जुकाम-खांसी से लोग परेशान होने लगते हैं। मरीजों की अस्पतालों में लाइनें लग जाती हैं। कभी-कभी तो इसके संक्रामक स्वभाव के कारण बच्चों, अस्वस्थ, बुजुर्गों को घर में ही रहने की सलाह दी जाने लगती है। अघोषित आपातकाल सा लागू हो जाता है।
हर तरह के लाभ-हानि, सलाह-उपदेश, जोड़-घटाव के बावजूद मुझसे कभी सुबह की सैर का आंनद स्थाई तौर पर नहीं लिया जा सका। इसीलिए शाम के समय मैंने घूमने की आदत बना रखी थी जो इन दिनों भी जारी थी। इधर सूरज ढलते ही पार्कों में धूएं-धूल की मोटी परत का शामियाना तनने लग गया था। उसके संभावित खतरे के अंदेशे-अंदाजे के होने-लगने के बावजूद बाहर निकलना जारी रहा। फिर वही हुआ जो होना लाज़िमी था, एक दिन घर लौटते ही छींकों की लड़ी ने आँख-नाक के सारे रास्ते खोल दिए, शरीर की टंकी में जमा पानी ऐसे बहने लगा जैसे किसी वाशर के खराब हो जाने पर नल से पानी टपकता रहता है। अब रूमालों की जरुरत और नाक की हालत का हाल मत ही पूछिएगा !
जुकाम को कोई बिमारी ही नहीं मानता। पर जिसे जकड़ता है उसकी ऐसी की तैसी कर डालता है। पहले कहा जाता था कि इसके होने पर यदि डाक्टर के पास जायें तो यह तीन दिन में ठीक हो जाता है पर यदि कुछ ना भी करें तो यह अपने-आप 72 घंटे में ठीक हो जाता है। पर आजकल यह भी थोड़ा “ढीठ” हो गया है और अब कम से कम पांच दिन का अनचाहा मेहमान तो बन ही जाता है। तो इस अतिथि को पांच दिनों बाद विदा कर अब चैन की सांस ली है।
This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK
Read Comments