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पुरानी चीजों की तरह पुराने नाप-तौल भी चलन के बाहर होते चले गए। कभी-कभी मुहावरों में या किसी ख़ास खरीद फरोक्त वगैरह में उन्हें भले ही याद कर लिया जाता हो नहीं तो आज की पीढी को तो वे अजूबा ही लगते होंगे। चलिए एक बार उन्हें याद ही कर लेते हैं :-
पुराने भारतीय नाप-तौल :-
8 खसखस = 1 चावल,
8 चावल = 1 रत्ती,
8 रत्ती = 1 माशा,
4 माशा =1 टंक, 12 माशा = 1 तोला,
5 तोला = 1 छटांक,
4 छटांक = 20 तोला या 1 पाव,
8 छटांक या 40 तोला = 1 अधसेरा,
16 छटांक या 80 तोला = 1 सेर,
5 सेर = 1 पसेरी,
8 पसेरी = 40 सेर या 1 मन,
1 केजी = 86 तोला या 1 सेर 6/5 छटांक,
100 केजी = 1 क्विंटल या 2 मन 27 5/2 सेर।
विभिन्न प्रदेशों के जमीन के नाप :-
उत्तर प्रदेश –
1 लाठा = 99 इंच या 8 फुट 3 इंच।
20 अनवांसी = 1 कचवांसी,
20 कचवांसी = 1 बिस्वांसी,
20 बिस्वांसी = 1 बिस्वा,
20 बिस्वा = 1 बीघा या 3025 वर्गगज,
8 बीघा = 5 एकड़ या 24200 वर्गगज।
बंगाल –
1 वर्ग हाथ = 1 गण्ड़ा,
20 गण्ड़ा = 1 छटांक,
16 छटांक = 1 काठा = 80 वर्गगज,
20 काठा = 1 बीघा,
121 बीघा = 40 एकड़ ( 1 एकड़ = 3 बीघा 8 छटांक)
1936 बीघा = 1 वर्गमील,
पंजाब –
1 करम = 3 हाथ,
9 वर्ग करम या सरसांई = 1 मरला,
20 मरला = 1 कनाल,
4 कनाल = 1 बीघा,
2 बीघा = 1 घूमा या 3240 वर्गगज।
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