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शुक्र ग्रह को सामान्य रूप से प्रेम, सौंदर्य, कला, संगीत, काव्य, विशेष शैली और जहाँ नजाकत तथा कलात्मक स्पर्श है, उन सभी क्षेत्रों के साथ जोड़ा जाता है। गुरु और शनि जैसे बड़े ग्रहों के उपरांत शुक्र की अपनी विशेष गुणवत्ता और लाक्षणिकता रखती है।
सामान्य रूप से गुरु को एक दयालु ग्रह के रूप में पहचाना जाता है, जो सम्बंधित व्यक्ति के भाग्योदय की भूमिका निभाता है। गुरु के सकारात्मक प्रभावों से व्यक्ति धीरे-धीरे लगातार सफलता की सीढ़ी चढ़ता है। जन्म कुंडली में शनि भी यदि अच्छे भाव में बिराजमान हो तो व्यक्ति का भाग्योदय करता है। अच्छे स्थान में बैठा शनि व्यक्ति को रंक से राजा बना देने की क्षमता रखता है। भाग्य का अच्छा या बुरा परिवर्तन सामान्य रूप से शनि का आभारी होना माना जाता है। बलवान शनि व्यक्ति के भाग्य में अचानक परिवर्तन लाता है।
ऐसा होने पर भी आपको अपना भाग्य साथ देता हुआ नहीं लगेगा । कहीं भी आशा की किरण न दिखाई पड़ती हो, ऐसी स्थिति में शुक्र प्रगति की आशा जगाता है। प्रत्येक एकांतर वर्ष में शुक्र का निश्चित राशि में चार महीने की समयावधि तक गोचर भ्रमण होता है। इसी राशि में प्रत्येक आठवें वर्ष बाद शुक्र वक्र वनता है। इस तरह शुक्र प्रत्येक लग्न में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जबकि कुछ कुंडलियों में जहाँ शुक्र वक्र अथवा स्वगृही हो वहाँ भाग्य चमकाने में शुक्र द्वारा बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने की संभावना होती है। पुराणों में बताए अनुसार शुक्र मृत व्यक्तियों को जीवित बनाने की क्षमता रखता है। अर्थात् वह संजीवनी का कार्य करता है।
१ सितंबर २०१० से शुक्र उसकी अपनी राशि तुला में प्रवेश कर रहा है और वर्ष के अंत तक उसका गोचर भ्रमण रहेगा। जिसकी कुंडली में शुक्र शुभ स्थान में बैठा होगा उन हरेक लोगों को शुक्र का यह गोचर भ्रमण शुभ फल देगा। जहाँ कोई बचने या उबरने की आशा न हो वहाँ शुक्र अपना चमत्कार बताता है। शुभ स्थान में बैठा शुक्र नए अर्थपूर्ण सम्बंध विकसित करने में मदद करता है। जिसके कारण व्यक्ति का विकास और वृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है। आय के नए स्रोत खड़े होते हैं तथा व्यक्ति की ख्याति और प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है। इसलिए यदि आपको अपने प्रयासों में कहीं सफलता या प्रगति न दिखाई देती हो या विकट परिस्थिति में से बाहर निकलने का मार्ग न मिलता हो, आप निराश हो गये हों, तब शुक्र आपकी मदद करके आपको संकटकालीन स्थिति से बचा लेता है।
भरत ए. त्रिवेदी
गणेशास्पीक्स टीम
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