एक यदाकदा नेता, एक संकोची सेनापति, एक शांत रहने वाला राजनीतिक और न जाने कौन-कौन सी उपमा दी गयी नेहरु-गाँधी परिवार के लाल राहुल गाँधी को. दरअसल, राहुल गाँधी की फितरत और कार्यशैली आम जनता के समझ के परे है. लिहाजा, उपर्युक्त उपमा उनके लिए लाजिमी हैं. एटीएम से पैसा निकलना और कुछ समय के लिए चर्चा में छा जाना, दलित के घर रात गुजरना और मीडिया की सुर्ख़ियों में आना और फिर गायब हो जाना. ये तात्कालिक कदम राह
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