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रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने रेलकर्मियों से भारत में एक ऐसी ट्रेन विकसित किए जाने को कहा है जो विश्व के समकक्ष या सर्वश्रेष्ठ हो और जिसकी खूबियों की दुनिया नकल करे। उन्होंने कहा हमें ऐसे खुद के ऐसे मानक स्थापित करने का प्रयास करना चाहिए जिन्हें अपनाने को विकसित देश भी मजबूर हो जाएं। प्रभु चेन्नई के निकट पेरंबूर स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आइसीएफ) में निर्मित 50 हजारवीं कोच को रेल भवन से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए हरी झंडी दिखाने तथा फैक्ट्री की नई एलएचबी कोच निर्माण इकाई राष्ट्र को समर्पित करने के बाद रेलकर्मियों व मीडिया को संबोधित कर रहे थे | ( एक समाचार )
टिप्पणी – रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने भी प्रधानमंत्री की ऐनकेन प्रकारेण विश्व के समकक्ष या सर्वश्रेष्ठ का झूठा दिखावटी प्रमाण लेने के लिए सच्चाई को भूलाकर सारा जतन करने का इरादा व्यक्त किया है बुलटट्रेन सुपर फ़ास्ट ट्रेन चलाकर वे सच से दूर जा रहे है सच क्या है सच यह है कि हमारी आम जनता को ट्रेनो मे पैर रखने की जगह भी नही है एक सामान्य बोगी मे दो सौ से अधिक लोग सफ़र करने को मजबूर है, लोग पयदान पर बाथरूम मे यहां तक कि छत पर सफ़र करने को मजबूर है और आप है कि सच्चाई को देख्नना ही नही चाहते है आप एक बोगी मे 25 अमीर,अधिकारी,नेता या एन आर आई को
लेकर ट्रेनो को दौड़ाना चाहते है वह भी महानगर से महानगर और आने वाले दिनो मे स्मार्ट शहर से स्मार्ट शहर बीच के गांव शहर तो कोई मायने ही नही रखते यह गलत है देश के संसाधनो का भारी दुरूपयोग है नैतिक रूप से यह देश की जनता के साथ धोखा है आप विश्व के समकक्ष विकास करे खूब चकाचक परन्तु विकास बुनियाद से करे हवा मे महल खड़े करने का प्रयास ना करे |
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