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आर्थिक गणना कैसे करें ? भाग-2

Meri tanhayi
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अपने रजिस्टर में कालमों को व्यवस्थित ढंग से जगह छोड़कर लाइन खींचने के बाद पहले पेज में ऊपर की लाइन में उनका विवरण जरुर लिख लें ! जैसे पहले कॉलम “1- जनगणना मकान/ संरचना क्रमांक” को आप खुद के समझने वाली भाषा में संक्षिप्त में ” जनगणना क्र. ” लिख सकते हैं इसके नीचे कॉलम का नंबर जो की 1 है इसे भी डाल लें क्यूंकि सभी कॉलम लिखने जरुरी नहीं इसलिए आपने किस कॉलम की जानकारी ली है ये जानने के लिए हर कॉलम में उस कॉलम की क्रमसंख्या लिखनी जरुरी हो जाती है, साथ ही फार्म भरते समय गलती होने की सम्भावना भी कम हो जाती है ! रजिस्टर में कॉलम को ऊपर से 4 लाइन में ही बनाना होगा क्यूंकि आगे 2 1 से 2 4 के कॉलम ज्यादा लाइन में आएगी, इन कॉलम में उद्यम में कार्यरत व्यक्तियों की संख्या आएगी जो की वैतनिक व अवैतनिक दो भागों में होगी, यहाँ पर ये बात याद रखें कि वैतनिक का मतलब वेतनभोगी कर्मचारियों से है जिन्हें हर महीने एक निश्चित आमदनी दी जाती है चाहे वो सरकारी नौकरी में हो या प्राइवेट जॉब में ही क्यूँ न हों और उनकी पगार या वेतन भले ही हजार रुपये क्यूँ न हो ! अवैतनिक कर्मचारी वो होते हैं जिनको हर महीने कोई निश्चित आमदनी नहीं मिलती, जैसे उद्यम का मालिक हर महीने अपने उद्यम का पूरा फायदा खुद ही रखता है और वो फायदा कोई निश्चित नहीं होता कि हर महीने एक ही सामान हो ! उद्यम मालिक के परिवार वाले भी इसी श्रेणी में आयेंगे क्यूँकि वो भी फायदे में बराबर के हिस्सेदार होते हैं ! लेकिन अगर कोई मालिक अपने घर के किसी सदस्य को वेतन देकर अपने उद्यम में रखता है तो उसे वेतनभोगी यानि वैतनिक कर्मचारी में ही रखना चाहिए ! दिहाड़ी मजदूर यानि रोज-रोज कमाने वाले भी अवैतनिक कर्मचारी होते हैं क्यूंकि उनकी भी कोई निश्चित मासिक आय नहीं होती जैसे रिक्शे चलने वाले, फेरी वाले आदि लेकिन अगर ऐसे मजदूर फार्म में भरे जायेंगे तो वो अवैतनिक कर्मचारी में ही रखे जायेंगे लेकिन अगर वो किसी और के लिए हर महीने पगार लेकर काम करते हैं तो उद्यम वाले विवरण में उनकी जानकारी नहीं भरी जाएगी केवल परिवार के कुल सदस्य और कमाने वाले सदस्य की संख्या लिखनी होगी ! किसी दूकान के विवरण को भरते समय यदि उस दूकान में एक मालिक व उसके दूकान में एक पुरुष व एक महिला कर्मचारी काम करते हैं तो उसके कर्मचारियों को वैतनिक कर्मचारी में पुरुष व महिला वाले कॉलम में 1 व 1 की संख्या लिखकर भरेंगे जबकि मालिक को यदि वो पुरुष है तो अवैतनिक वाले कॉलम 2 3 में पुरुष में 1 की संख्या लिखकर भरेंगे ! (मार्दार्शिका के पेज 2 3 में इसे विस्तृत रूप से समझाया गया है फिर भी समझ ना आये तो आप अपने उच्चाधिकारी से स्पष्ट रूप से समझ सकते हैं )
अब ऐसी ही लाइनें रजिस्टर के कई पन्नों में खींचकर आप सर्वे में पूछने लायक मुख्य सवाल बना लीजिये! अगर आवासीय / खाली मकान / पशु शेड/ छोटे मंदिर व पूजाघर / बैठक/ जीर्ण शीर्ण मकान हों तो उसमे ज्यादा कुछ नहीं पूछना है न ही भरना है लेकिन उद्यम वाले मकानों के बारे में हर जानकारी पता करनी है चाहे वो व्यवसाय घर में ही क्यूँ न चल रहा हो ! कुछ सवाल ऐसे हो सकते हैं- जनगणना मकान में दिए व्यक्ति के घर में जाकर उससे पता करना है कि क्या इस घर के मुखिया का नाम यही है? यदि हाँ तो क्या वो इस समय हैं? यदि घर का मुखिया या परिवार बदल गया हो तो नए मुखिया का नाम लिखना होगा, फिर उस परिवार में कुल कितने सदस्य हैं? उनमे से कमाने वाले कितने हैं? कमाने वालों में से नौकरी या जॉब वाले कितने हैं और व्यवसाय वाले कितने सदस्य हैं? अगर कोई व्यवसाय घर से दूर किसी निश्चित ढाँचे में चल रहा हो तो उन व्यवसायों की कुल संख्या पूछ कर कॉलम “6 – निवास के बहार निश्चित ढाँचे वाले उद्यम” में भरेंगे लेकिन उस व्यवसाय से जुड़े व्यक्ति को कमाने वाले में नहीं दिखायेंगे क्यूँ कि उस व्यक्ति की गणना उस क्षेत्र में सर्वे करने वाला प्रगणक भर लेगा ! मतलब ये की अगर परिवार में कुल 5 सदस्य हैं और उनमे से एक नौकरी और एक व्यक्ति कही बाहर दूकान किया हुआ हो तो उन दोनों कमाने वालों को एक ही श्रेणी में नहीं रखेंगे, एक नौकरी करता है और दूसरा बिज़नेस तो ऐसे में नौकरी करने वाले को कॉलम “5 – परिवार में केवल मजदूरी/वेतन पाने वाले सदस्यों की संख्या” में 1 की संख्या लिखकर दिखाना है जबकि व्यवसाय वाले को कॉलम “6 – निवास के बहार निश्चित ढाँचे वाले उद्यम” में 1 की सख्या लिखकर दिखायेंगे ! इसको आप मार्गदर्शिका के पेज 1 5 में कॉलम “5 – परिवार में केवल मजदूरी/वेतन पाने वाले सदस्यों की संख्या” की जानकारी में पढ़ कर समझ सकते हैं ! और अगर उस घर से कोई व्यवसाय चल रहा हो तो उस व्यवसाय में किस तरह का कार्य होता है? उसे चलने वाले व्यक्ति का लिंग, धर्म, जाति पता करना होगा, वो व्यवसाय निजी है या सरकारी या किस प्रकार का है ? उसे शुरू करने के लिए पैसा कहाँ से आया- मतलब लोन तो नहीं लिया गया? अगर लोन लिया गया हो तो किससे ये भी जानकारी पता करनी होगी ! ये व्यवसाय पुरे साल चलने वाला है या मौसमी या कभी-2 ? इसमें कितने कर्मचारी काम करते हैं? यदि वह पर 8 या 8 से ज्यादा कर्मचारी हों तो उस व्यवसाय का पूरा नाम हिंदी व अंग्रेजी में डाक पते व पिन कोड सहित, मोबाइल न. , फैक्स न. ईमेल, पैन व टेन न. , उस उद्यम के शुरू होने का वर्ष, वह कंप्यूटर, इन्टरनेट, बिजली की सुविधा है या नहीं? यदि उसका कोई हेड ऑफिस हो तो उसका पूरा डाकपता टेन न. तक पता करना है फिर वो उद्यम रजिस्टर्ड है या नहीं? और किस श्रेणी में पंजीकृत है इसकी जानकारी पता करनी है ! साथ ही जब आप सर्वे के लिए अपने ब्लाक या फील्ड में निकलते समय अपना परिचय पत्र (अधिकारी के हस्ताक्षर व मोहर सहित हो ), आदेश पत्र , रजिस्टर, सभी H L बुकलेट, नक़्शे, मार्गदर्शिका, 2 पेन, मार्कर पेन, पेन्सिल आदि जरुरी सामान साथ में ही लेकर निकलें, आजकल बारिश का समय है तो प्लास्टिक का ऐसा थैला भी जरुर साथ में रखें जिसमे बारिश होने पर आपके सामान भीगे नहीं ! सबसे पहले नक़्शे में दिया हुआ एरिया समझें और उसे खोजें, अगर उसमे कोई प्रसिद्द सड़क, चौराहा, मंदिर, स्कूल, या अन्य कोई जगह हो तो उससे एरिया पता करने में बहुत आसानी हो जाती है! कुछ समझदार प्रगणकों ने अपने नक़्शे में पहले और आखरी मकान का डाक पता (मकान न.) भी दे दिया है उनके नक़्शे से एरिया खोजने में ज्यादा परेशानी नहीं होती लेकिन कुछ नक्शों में सिर्फ जनगणना मकान संख्या ही दिया है उनको खोजने में काफी परेशानी होती है ! आप H L ( House List ) में दिए नामो को उस एरिया के जानकार व्यक्तियों को पढ़कर सुना कर एक भी व्यक्ति मिलने पर उस घर की जानकारी ले कर वहाँ जाये और उसके आसपास के पडोसी लोगो के नाम पढ़ कर निश्चित कर लें कि ये वही व्यक्ति है जिसका नाम
H L में दिया गया है ! अगर ये वो व्यक्ति न हो जिसका नाम H L में दिया गया है तो फिर से दुसरे मोहल्ले में जाकर ऐसा ही करे जबतक आपको H L में दिए परिवार के मुखिया का नाम और उसके आसपास के नाम मिल नहीं जाते ! जनगणना में सर्वे मोहल्ले का एक कोन पकड़ कर उसी तरफ के घरों की गणना करते हुए की गयी थी, ऐसे में अगर H L में कोई घर, गली, हाता या मोहल्ला जनगणना में रह गया हो तो उसे शामिल जरुर करें ! अगर काफी कोशिश के बाद भी आपको आपका एरिया नहीं मिलता तो अपने सुपरवाइजर की मदद लें अगर वो भी मदद नहीं करपा रहा तो उस एरिया के सभासद या प्रधान से मदद ले सकते हैं ! फिर H L में दिया परिवार मिल जाने के बाद अपना सर्वे शुरू कर दें, सर्वे के साथ-साथ उन मकानों में मार्कर पेन से उस मकान का जनगणना क्रमांक भी लिख दें!

H L ( House List ) में दिए पहले जनगणना मकान क्रमांक में परिवार की गणना शुरू करने के बाद यदि आपको अपने एरिया में दुकान या कोई उद्यम मिलता है तो उसकी गणना में थोडा ज्यादा वक़्त देना होता है क्यूँ की उसकी पूरी जानकारी जुटानी होती है ! उद्यम की जानकारी कैसे भरी जाये ये आप मार्गदर्शिका के पेज 4 8 के बाद दिए गए भरे हुए 6 A फार्म को देखकर जान सकते हैं, पेज 4 8 में रामसिंह के उदाहरण में उसके घर का कोई सदस्य घर के बहार निश्चित ढांचे का उद्यम चलता है, उसके घर में दो लोग कमाने वाले हैं एक नौकरी करता है तो उसे कॉलम 5 में 1 संख्या दिखा कर लिखा गया है जबकि दूसरा बहार कही दुकान या कोई व्यवसाय कर रहा है तो उसे कॉलम 6 में 1 की संख्या दिखा कर लिखा गया है ! उस पेज में दूसरा जनगणना मकान क्रमांक
रिक्त या खाली मकान का दिया हुआ है तो उसे रिक्त लिखकर आगे के सारे कॉलम “-” (डैश) लिखकर भर दिया गया है! तीसरा मकान जॉय स्टील के उद्यम का है, ये पूर्ण व्यावसायिक मकान में आया है इसका कॉलम 2 का कोड इसलिए 1 लिखा हुआ है, जब भी कॉलम 2 में 1 की संख्या भरी जाएगी इसका मतलब वो आवासीय न होकर व्यावसायिक मकान की गणना है उसमे कॉलम 4 से 1 0 तक “-” लिखेंगे जबकि कॉलम 1 1 में उस व्यवसाय का मुख्य कार्य क्या है वो लिखर उसकी जानकारी देंगे, यहाँ पर जॉय स्टील का कार्य “स्टील स्ट्रिप्स बनाना” है तो वही लिखा गया है ऐसे ही आपको भी आपके एरिया के उद्यम के कार्य का विवरण देना होगा ! इनका कार्य विनिर्माण का है इसलिए कॉलम 1 2 में इसका कोड 0 6 आया है, ये हस्तशिल्प में नहीं आता क्यूँकि इसे बनाने में मशीन की सहायता ली जाती है अतः कॉलम 1 4 में 0 भरा गया है, लेकिन यही अगर कुम्हार का मिटटी के बर्तन बनाने का कार्य होता, लकड़ी के फर्नीचर, जूता, आभूषण, ताल चाभी या झाड़ू आदि बनाने का ऐसा कार्य होता जो हाथ से बनाया जाता है तो इसे हम हस्तशिल्प की श्रेणी में रखते! हस्तशिल्प में और कौन से कार्य आते हैं इसे आप मार्गदर्शिका के पेज 6 5 में देख सकते हैं ! फिर मकान न. 4 में शिवराम घर में ही कपडे सिलने का काम भी करता है तो उसे कॉलम दो में 3 का कोड देकर आवास सह व्यवसाय वाली श्रेणी में रखा गया है, ऐसे मकानों में घर के साथ ही उद्यम का विवरण भी भरा जायेगा ! शिवराम के परिवारमें एक उद्यम घर से चल रहा है तो उसे कॉलम 8 में 1 की संख्या में दिखाया गया है, कॉलम 9 में कॉलम 7 व 8 को जोड़ कर लिखना है, इसलिए वहाँ पर 1 ही दिखाया गया है और उस घर में एक से ज्यादा उद्यम नहीं है तो कॉलम 1 0 में भी एक की संख्या ही दिखाई गयी है ! शिवराम कपडे सिलाई का काम करता है तो उसका विवरण कॉलम 1 1 में टेलर शॉप लिख कर दिखाया गया है ! शिवराम सिलाई मशीन से कपडे सिलता है इसलिए उसे हस्तशिल्प में नहीं दिखाया गया अगर वो रफूगर होता तो उसे हस्तशिल्प में दिखाया जाता ! ऐसे ही मकान न. 5 में श्रीमती सीता भी घर से ही व्यवसाय करती हैं तो उनके घर के विवरण के साथ उनके घर में चल रहे दो तरह के उद्यम ब्यूटी पार्लर और कशीदाकारी को अलग-2 लाइन में दिखाया गया है, कशीदाकारी हस्तशिल्प में दिखाया गया है! मकान न. 6 में गिरजाघर की गणना है, लेकिन यहाँ एक बात ध्यान देने योग्य ये है कि अगर आपको अपने ब्लाक में छोटे मोटे पूजाघर की गणना मिलती है तो उनको कॉलम 2 में 9 की संख्या दिखाकर आगे “रिक्त” वाले मकान की तरह “-” लिख कर भर देंगे लेकिन अगर ऐसा मंदिर मिलता है जहाँ पर अच्छा खासा चढ़ावा चढ़ता हो तो उसे गिरजाघर के विवरण की तरह भरा जायेगा ! इसी तरह इस पेज 4 8 में की गयी गणना का सार फार्म 6 B में कैसे भरा जायेगा ये आप पेज 5 4 में उद्यम सार 6 B की पहली लाइन में उस पेज का विवरण भरा हुआ देखकर जान सकते हैं, साथ ही जॉय स्टील में 8 से ज्यादा कर्मचारी हैं तो उनका विवरण फार्म 6 C में कैसे भरा जाये ये आप पेज 5 6 में देख सकते हैं!
मार्गदर्शिका में किसी विद्यालय का विवरण नहीं दिया गया है, लेकिन आपको अपने ब्लाक की गणना में विद्यालय मिलेंगे तो आप उनको कॉलम 2 में 1 – व्यवसायिक दिखा कर उस विद्यालय का नाम लिख कर कॉलम 1 1 में “शिक्षा” लिख कर कॉलम 1 2 में उसका कोड 2 0 लिखेंगे, सरकारी विद्यालय होने की दशा में कॉलम -1 6 ,1 7 ,1 8 में “-” लिखेंगे क्यूंकि सरकार की कोई जाति , धर्म या लिंग नहीं होता , बाकी का सारा विवरण भरा जायेगा, कर्मचारियों में चाहे वो शिक्षामित्र हो, रसोइया हो या सफाई कर्मचारी हो सभी को शामिल करना होगा ! प्राइवेट स्कूल होने पर 1 6 ,1 7 ,1 8 में उसके मालिक का लिंग , जाति व धर्म लिखेंगे ! कॉलम 1 5 में प्राइवेट स्कूल किसी एक व्यक्ति का होने पर 2 (निजी मालिकाना ) भरेंगे, लेकिन अगर वो सरकारी हुआ तो 1 भरेंगे ! कॉलम 1 9 में थोडा ध्यान देने लायक बात ये है कि ऐसे उद्यम जो की बारहमासी यानि जो सालभर चलते हों उनको कोड 1 देकर भरना है, किसी विशेष मौसम में ही होने वाले व्यापार या उद्यम को कोड 2 लिखकर भरेंगे ! ऐसे उद्यम को कभी-2 ही विशेष अवसर पर या अचानक किये जाएँ उनको 9 कोड देंगे इसमें बाजार में अचानक उतार चढ़ाव होने पर कुछ लोगो द्वारा अवसर का लाभ उठाने के लिए व्यापार करना होता है ! अगर किसी व्यक्ति ने पैसा खुद लगाकर अपना उद्यम शुरू किया है तो उसे कॉलम 2 0 में 1 – स्ववित्तीय का कोड दिखायेंगे ! सरकारी उद्यम में यहाँ कोड 2 आएगा ! H L में कुछ मकान अंत में दिए गए हों तो उनकी गणना भी करनी है, अगर आप H L में अंत में दिए नाम को पेन्सिल से पहले के मकान न. के बीच में संकेत रूप में लिख लें की इस मकान के बाद इसकी गणना भी करनी है तो आपको परेशानी नहीं होगी ! लेकिन फार्म भरते समय विशेष ध्यान रखे कि अंत वाले मकान शामिल करने के बाद भी जनगणना मकान क्रमांक बिगड़े नहीं !

एक ब्लाक के फार्म 6 A भर जाने पर एक बार फिर से सरे फार्म व मकान क्रमांक आदि अच्छी तरह से जांच लें और सारा विवरण सफ़ेद बॉक्स के अन्दर ही भरे उस से बाहर अक्षर न भरें ! फार्म भरने के बाद सरे विवरण का योग फार्म में सबसे नीचे A से J तक में अंकों में भर कर सही होने पर इसका सार फार्म 6 B (गुलाबी फार्म ) में भरें ! A में कॉलम 2 में संकेतांक 1 यानि दुकान/ विद्यालय/ उद्यम/ फैक्ट्री आदि पूर्ण व्यावसायिक उपयोग में आये कुल मकानों की संख्या जोड़कर लिखनी है ! B में कॉलम 7 फेरी वाले उद्यम की कुल संख्या उस पेज में जितनी बार आई हो उनको जोड़ कर लिखना है, निवास के भीतर यानी जिनमे आवास के साथ कोई उद्यम चल रहा हो उनकी कुल संख्या C में जोड़ कर लिखी जाएगी ! D में उस पेज में कुल कितने हस्तशिल्प वाले उद्यम हैं उनका योग लिखा जायेगा ! इसी तरह 2 1 से 2 6 तक की संख्या जोड़कर लिखने के बाद ही आप फार्म 6 B भरेंगे ! फार्म 6 B में सिर्फ एक कॉलम 5 ही नया है बाकि तो फार्म 6 A से देखकर ही भरना है, कॉलम 5 में कॉलम 2 ,3 व 4 में आई संख्या को जोड़ कर लिखना है !
सारे फार्म 6 A, 6 B व 6 C भरने के बाद अपने पास एक पन्ने पर इसकी डिटेल बना लें कि किस-किस ब्लाक में कौन-२ से फार्म किस सीरियल न. से कहाँ तक इस्तेमाल किये गए हैं इसके लिए आप मार्गदर्शिका में पेज 3 1 पर दिए 3 .1 – पूर्णता प्रमाण पत्र में विवरण देखें कि किस तरह की जानकारी आपसे मांगी जा रही है, खाली और ख़राब हुए फार्म की डिटेल भी उस पन्ने पर बना ले जिससे बस्ता जमा करते समय आपके पास पूरी जानकारी पहले से मौजूद हो !

उम्मीद है कि मेरे इस लेख से आपको पूरी जानकारी न सही मगर थोड़ी बहुत सहायता अवश्य मिल गयी होगी ! अगर आपके संपर्क में कोई व्यक्ति ऐसा है जो अभी गणना का कार्य कर रहा हो और उसे जानकारी की आवश्यकता हो तो आप उसे ये लेख पढ़ा सकते हैं और देश सेवा का कार्य सुचारू रूप से पूर्ण होने में सहयोग कर सकते हैं ! एक विचार आया कि अगर सरकार ऐसी गणना करवाते समय बारकोड वाले फार्म न देकर साधारण फार्म ही प्रगणक को दे और फार्म भर कर जब वापस आये तो उसपर सीरियल से बारकोड के स्टीकर चिपका दिए जाये तो फार्म अगर ख़राब भी हुए हों तो उनका बारकोड का क्रम नहीं बिगड़ेगा ! वैसे मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है कि बारकोड के क्रम के बिगड़ने या सही होने से क्या फर्क पड़ता है इसलिए ये विचार आया लेकिन गणना सही ढंग से करवाने के लिए प्रगणक को पूरी जानकारी, गलती कहाँ-2 पर ज्यादा होती है ये बताना और उसका समाधान भी बताया जाये तो ज्यादा सही हो, साथ ही उनको वक़्त भी दिया जाये क्यूँकि कोई भी व्यक्ति 10 दिन में अपनी नौकरी के साथ ये कार्य सुचारू रूप से नहीं कर सकता ऐसे में उससे हड़बड़ी में गलतियों की संख्या बढ़ ही जाती है ! मैंने पूरी कोशिश की है कि सही जानकारी दे सकू फिर भी आप सबसे निवेदन है कि आप मार्गदर्शिका और अपने सुपरवाइजर से सलाह अवश्य ले लें उसके बाद ही गणना कार्य करें, कोई गलती हो या कोई बिंदु छूट गया हो तो कमेंट करके अवश्य बताएं , शुक्रिया !

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