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आर्थिक गणना कैसे करें ?

Meri tanhayi
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आजकल देशभर में “छठवीं आर्थिक गणना” (2 0 12 -2 0 13 ) चल रही है ! “जनगणना” के दो वर्ष बाद यह गणना कार्य आया है ! जिसका आधार 2 0 1 0 की जनगणना को ही बनाया गया है ! जिन्होंने 2 0 11 में जनगणना कार्य किया हुआ था उनके लिए तो आर्थिक गणना कोई ज्यादा कठिन काम नहीं है, मगर जो बिलकुल ही नए हैं उनके लिए काफी मुश्किलें आ रही हैं! मैंने अपने थोड़े से अनुभव से उन सभी की कठिनाई अपने इस लेख के माध्यम से दूर करने की सोची है, इसमें मैं कितना सफल या असफल हूँ ये तो आप सभी अपनी टिपण्णी से ही बता सकते हैं ! मेरा भरकस प्रयास है कि मैं आर्थिक गणना के ज्यादा से ज्यादा प्रगणक तक अपनी बात पंहुचा कर जितना हो सके उनकी मदद कर सकू, लेकिन ये भी हो सकता है कि मेरी भी जानकारी पूरी न हो. इसलिए आप सभी को मैं ये सलाह जरुर देना चाहूँगा कि आप मेरे इस लेख के साथ ही आपको दी गयी आर्थिक गणना मार्गदर्शिका नाम की नीले रंग की पुस्तक को ध्यान से अवश्य पढ़ ले, और मेरी तरफ से कोई बात रह गयी हो या गलती हुयी हो तो आप मुझे जरुर बताएं !
अगर आप प्रगणक हैं तो आपको तीन ब्लॉक (गणना खंड) दिए गए होंगे ! सबसे पहले आपको जो सभी फार्म (अनुसूची ) दिए गए हैं उन्हें सीरियल से क्रमानुसार बढ़ते क्रम में लगा लें ! क्योंकि फार्म 6 A (मकान एवं उद्यम अनुसूची 6 A यानी हरे वाले फार्म ) उलटे क्रम में रखे हुए मिलते हैं इसके लिए सभी 6 Aफार्म को उनकी साइड “A” से व्यवस्थित करके एक जगह रख लें ! ध्यान रहे कि इन शीटों (फार्म ) को मोड़ें नहीं , फटने न दें, इनका सार (डाटा ) कंप्यूटर में स्कैन होकर जायेगा यानी एक तरह से फोटोकॉपी होकर आपके भरे हुए फार्म सरकार तक पहुचेंगे, और गर फार्म मुड़े-तुड़े , फटे हुए या ओवर राइटिंग में, खराब राइटिंग में भरे हुए हो, या उनमे भरी हुयी संख्या, नंबर या अंक फार्म 6 A में नीचे दिए गए नंबरों की तरह न हुए तो हो सकता है कि आपका काम बढ़ जाये क्योंकि प्रगणक जल्दबाजी में फार्म जल्दी भरने के चक्कर में घसीटा राइटिंग में लिख देते हैं और उसे कोई और पढ़ ही नहीं सकता ऐसे में कंप्यूटर वो फार्म क्या पढ़ेगा? फिर यही जल्दबाजी बाद में उनपर भारी पड़ती है और सारा का सारा काम फिर से दोबारा करना पड़ता है साथ ही जल्दबाजी के चक्कर में बीच के मकान / दूकान या उद्यम छूट भी जाते हैं या उनका क्रम गलत हो जाता है, इसलिए इसे विशेष सावधानी से अपने उस ब्लॉक का सर्वे पूरा हो जाने के बाद ही भरें तो अच्छा रहेगा ! सभी 6 A फार्म को एक जगह रखने के बाद सबसे ऊपर वाले फार्म को “A ” वाली साइड ऊपर की तरफ करके अलग नीचे रखते जाएँ , फिर दुसरे फार्म को इसी तरह तीसरे और अन्य सभी को, ऐसे में सारे फार्म क्रमानुसार हो जायेंगे और जब आप 6 A फार्म भरना शुरू करेंगे तो फार्म का सीरियल नहीं बिगड़ेगा, आपको फार्म का सीरियल नंबर फार्म में सबसे ऊपर बायीं तरफ बार कोड के साथ दिख जायेगा, अगर पहले से सही क्रम से आपको फार्म मिले हैं तो ऐसा करने की जरुरत नहीं है. फार्म भरने में सबसे पहले तीनो दिए गए ब्लाक में से पहले वाले ब्लाक का काम सर्वे करने के बाद भरेंगे ! और हर फार्म को भरने में साइड A को पहले भरेंगे उसके बाद साइड B फिर पूरा पेज भर जाने के बाद उसके आगे के सीरियल नंबर वाला फार्म लेकर फिर से A साइड से भरना शुरू करेंगे ! प्रत्येक 6 A फार्म में एक साइड में कुल 8 लाइन हैं A और B साइड में कुल 1 6 आवास/ उद्यम/ दुकान की इंट्री हो सकती है ! साथ ही प्रत्येक पेज में ऊपर की तरफ पेज नंबर भी दोहरी संख्या में डालते रहेंगे जैसे – 0 1 , 0 2 आदि ! पहले A साइड में 6 A फार्म में 1 से 8 तक का “जनगणना मकान/ संरचना क्रमांक” आ जायेगा तो उसी फार्म में पीछे की तरफ साइड B में 9 से 1 6 तक की इंट्री आ जाएगी ! जनगणना करने में एक घर में कितने चूल्हे जलते हैं इस आधार पर परिवारों की गणना की गयी थी ऐसे में यदि एक घर में पिता के साथ दो पुत्र हों और तीनों अलग-अलग कमरे में उसी घर में रहते हों, उस घर में तीन चूल्हे जलते हों तो ऐसे में यदि वो उस ब्लाक का पहला मकान हो तो उसे जनगणना मकान क्रमांक- 1 देकर उस मकान को तीन हिस्सों में दिखा कर तीन मुखिया दिखाए गए थे, जैसे पिता के लिए मकान क्रम-1(1) दिया गया, और दोनों पुत्रों के लिए 1(2 ) एवं 1(3) ! और जब एक ब्लाक का 6 A फार्म भरने का पूरा काम समाप्त हो जाये तो दुसरे ब्लाक का काम शुरू करते समय नए 6 A फार्म को फिर से A साइड से शुरू करना होगा !

एक और बात जरुरी ध्यान में बताने योग्य आई कि प्रगणक “H L” (हाउस लिस्ट/ बुकलेट/ जनगणना मकान सार की फोटोकॉपी पुस्तिका ) में दिए किसी भी मकान को हटा नहीं सकता ! आप नए परिवार / दुकान की एंट्री तो उसे बढ़ाके कर सकते हैं लेकिन किसी परिवार द्वारा मकान / दुकान खाली करने, मकान / दुकान ध्वस्त होने पर उसे “खाली” या “रिक्त” लिखकर जरुर दर्शायें ! कुछ प्रगणक ये सोचकर “खाली, रिक्त, जीर्ण शीर्ण या पशुशेड” को अपनी बुद्धि से हटा देते हैं क्योंकि उन्हें ऐसा लगता है कि जिस मकान में कोई रहता ही नहीं उसकी गणना करने से सरकार और उनको क्या लाभ? तो ऐसा आलस करने वालों को दोबारा एक ही काम कई बार करना पड़ जाता है जिसे आप कदापि न दोहरायें ! दूसरी बड़ी गलती ये हो जाती है कि “H L” वाली बुकलेट का पहला क्रमांक जो की क्रम संख्या का है उसे प्रगणक “फार्म 6 A “(जनगणना मकान / संरचना क्रमांक) में “जनगणना मकान / संरचना क्रमांक” में भर देते हैं जबकि “H L” बुकलेट के चौथे कॉलम में जनगणना मकान क्रमांक दिया गया है ! इसी जनगणना मकान क्रमांक को आधार मानकर ही आप पूरा सर्वे कार्य करें और गलती करने से बचें !
यदि उस ब्लाक में सर्वे के समय आपको कोई नया परिवार / दुकान /मकान / उद्यम मिलता है तो आप उसे जिस मकान के बाद वो नया मकान आया है उसके बाद जरुर दिखाएँ, ऐसे में आप उसे “कोष्ठक ( )” में बाँट कर लिखें ! मान लीजिये रामप्रकाशका जनगणना मकान क्रमांक 16 है और उसके बाद मकान नंबर 17 पर हीरालाल का मकान है!
रामप्रकाश के घर में अब कोई नया किरायेदार आ गया हो या कोई नया मकान बन गया हो या किसी अन्य वजह से संजय सिंह का परिवार आकर बस गया हो तो आप उसे रामप्रकाश और हीरालाल के बीच में दर्शायें और इसके लिए रामप्रकाश के मकान का नंबर ही उसे दो भागों में बांटकर देंगे ! ऐसे में रामप्रकाश का मकान नंबर16 (1) करके संजय को 16 (2) में शामिल कर लेंगे ! यदि एक से ज्यादा परिवार किन्ही दो मकानों के बीच में आ गया हो तो उसे ..(1), ..(2), ..(3), ..(4) ….. इस तरह उनकी कुल संख्याओं में बांटकर उनके घरों के क्रमानुसार शामिल कर लेंगे, सर्वे में कोई दुकान /मकान / उद्यम को आप छोड़े नहीं, चाहे वो खाली ही क्यूँ न हो क्योंकि अगर आपके काम को अगर जांच टीम में जांचा और उसमे ऐसी गलती पाई गयी तो आपका किया हुआ पूरा काम बेकार हो सकता है अतः आप गंभीरता से इसे राष्ट्र की सेवा समझकर, अपना खुद का काम समझकर करें तभी इसे करने में मज़ा भी आएगा और ये सरल भी महसूस होगा ! जरुरी नहीं कि मैं अपने इस लेख में आपकी सारी समस्याओं / सवालों का हल दे सकूँ ! इसके लिए आप गणना कार्य में सहायता हेतु मिली नीले रंग की आर्थिक गणना “मार्गदर्शिका” को ध्यानपूर्वक जरुर पढ़ें उसमे आपके सारे सवालों के जवाब मिल सकते हैं, फिर भी समझ में न आये तो आप अपने सुपरवाइजर की सहायता ले सकते हैं, यदि वे इनकार करें या असमर्थता जताएं तो उनसे ऊपर के अधिकारी से पूछें लेकिन किसी भी दशा में गलत गणना न करें ! और कोशिश करें कि पहला 6 A फार्म पेन्सिल से हलके में अच्छी राइटिंग में पूरी तरह से भर कर अपने सुपरवाइजर को या जांच अधिकारी को दिखाएँ, गलती होने पर उसे सुधारें और यदि सही भरा हुआ हो तो आगे का काम पेन से फाइनल लिख कर पूरा करते जाएँ ! लेकिन यदि पहले फार्म में पूरे 16 मकान खाली या केवल आवासीय हो तो उसे दिखने का उतना महत्त्व न रहेगा क्योंकि “आर्थिक गणना ” मुख्य रूप से उद्यम (दुकान , व्यापार , उद्यम ) की गणना के लिए है, लोगों के परिवार तो पहले ही जनगणना में गिने जा चुके हैं, इसलिए अगर पहले 6 A फार्म में कोई उद्यम न हो तो आप 6 A फार्म की दोनों तरफ की एक फोटोकॉपी करवाके उस फोटोकॉपी पर अपनेब्लाक (गणना खंड) की 10 -1 5 अलग-अलग तरह के दुकानों / उद्यमों को भरकर जांच करवा लें की वो सही भरे गए हैं या नहीं ! आप इसके लिए परिवार वाले आवासीय मकान के साथ बने कुछ दूकान / उद्यम (आवास सह व्यवसाय ), केवल दूकान/ उद्योग/ व्यापर वाले कुछ मकान,
फेरी वाले कुछ व्यापार / उद्यम (इसमें 6A फार्म के कॉलम 7 में फेरी वाले व्यापारी आयेंगे जिसमे व्यक्ति घर के बहार जाकर बिना किसी निश्चित ढाँचे के दूकान/ मकान के बिना घूमकर या एक ही जगह रहकर अपना व्यापर करता है उनके व्यापार शामिल किये जायेंगे, इसमें सब्जी वाले , ठेला वाले , बिना क्लीनिक वाले जानवरों के डॉक्टर जो गाँव-गाँव घूमकर अपना काम करते हैं इस तरह के लोगों के उद्यम की गणना करनी है ) आप इस तरह के कुछ उद्यमों का विवरण भरकर उदाहरण के रूप में अपने सुपरवाइजर को दिखा सकते हैं ! साथ ही अपने सुपरवाइजर से स्पष्ट रूप में पूछ लें कि यदि उन्हें गणना की पूरी जानकारी हो तभी वो आपका कार्य जांचे अन्यथा किसी जानकार से आप अपना काम जांच करवा सकते हैं! अगर सुपरवाइजर को गणना की अधिक जानकारी न हो तो वो साफ़-2 अपने प्रगणक को कह सकता है कि इसे मार्गदर्शिका से देखकर या अपने ऊपर के किसी सक्षम अधिकारी से पता कर के बता दूंगा, जिस चीज़ की जानकारी न हो उसे प्रगणक पर “मुझे पूरा पता है ” ये कहकर उसकी गणना गलत करने से बचना चाहिए !

ये तो हो गयी वो बातें जहां अक्सर गलतियां पाई जाती हैं लेकिन एक बात मुझे ये जरुर कहनी है कि सरकार को ट्रेनिंग में प्रगणकों , सुपरवाईजरों को छोटी से छोटी बातें भी जरुर बतानी चाहिए,
क्योंकि जरुरी नहीं कि हर प्रगणक उसे पूरा या उसी भाव में समझे जिसमे समझाया गया हो !
6 A फार्म जी क्रमानुसार भरना, साइड A से फार्म भरना शुरू करना,
उसमे H L बुकलेट का चौथा कॉलम मकान नंबर में भरना,
एक ब्लाक का काम पूरा होने पर दुसरे ब्लाक का काम नए फार्म से भरना शुरू करना ये सब बहुत ही छोटी बाते हैं लेकिन इसमें ही ज्यादातर गलतियां होती हैं और यदि थोडा सा समय काम कैसे शुरू करें व फील्ड में जाकर घरों के सर्वे में क्या-क्या पूछें ये भी बता दिया जाये तो प्रगणकों को इतनी परेशानी न हो ! सरकार साथ ही हर जिले में एक हेल्प सेण्टर भी खोल सकती है या टोल फ्री नंबर भी शुरू कर सकती है जहां से प्रगणक अपनी परेशानी का हल पा सकें !

अब आते हैं काम कैसे शुरू करें? तो मैं अपने अनुभव आपको बताना चाहूँगा ! मैंने जनगणना, आर्थिक गणना के अलावा भी कई अन्य सर्वे किये हैं इसलिए अब इन कामों को थोडा समझने लगा हूँ! ऐसे सर्वे करने में आप आर्थिक गणना जैसे फार्म होने पर और उनमे सर्वे करने वालों के हस्ताक्षर न होने की दशा में फार्म घर पर ही रख कर जाएँ तो अच्छा होगा, साथ ही आजकल बरसात का मौसम चल रहा है ऐसे में बारिश में फार्म भीग गया तो खराब हो सकता है ! आप आप आर्थिक गणना का सर्वे करने के लिए एक रूलदार रजिस्टर खरीद लें, उसमे मुख्य कॉलम बनाकर “स्केल” (पटरी, फुटा) द्वारा लाइन खींच लें! रजिस्टर में आमने सामने के दोनों पन्नों को एक पेज का सर्वे करने लायक सही अनुपात में जगह देकर रेखाएं खींच लें!
पहला कॉलम “1- जनगणना मकान/ संरचना क्रमांक ” का है, इसमें आप चौथाई अंक तक की संख्या लिखने लायक जगह से थोडा सा ज्यादा जगह छोड़कर सही अनुपात में लाइन खीच लें क्योंकि अगर मकान सं . 105 के कई भाग 1 से 16 तक हुए तो 105 (16) को लिखने लायक जगह छोड़ने पर ही उसे सही से लिख सकेंगे !
दूसरा कॉलम “2 – जनगणना मकान/ संरचना के उपयोग का संकेतांक ” को आप इकाई संख्या भरने लायक जगह छोड़कर बनायें, क्योंकि इसमें केवल 1 ,2 ,3 और 9 के अलावा कोई और संख्या नहीं भरी जाएगी !
तीसरा मुख्य कॉलम “3 – परिवार के मुखिया का नाम/ उद्यम का नाम यानी दूकान या उद्योग का पूरा नाम / दूकान का नाम न होने की दशा में उद्यम के मालिक का नाम” भरने का है, इसे थोडा ज्यादा जगह दें क्योंकि हो सकता है कि किसी व्यक्ति, विद्यालय या दुकान आदि का नाम बड़ा हो!
***
फिर कॉलम “4 – परिवार के सदस्यों की संख्या” (इसमें उस घर के मुखिया के साथ उस वर्तमान में रह रहे परिवार के कुल सदस्यों की संख्या भरी जाएगी ),
कॉलम “5 – परिवार में केवल मजदूरी/वेतन पाने वाले सदस्यों की संख्या” (इसमें उस परिवार में रह रहे कुल सदस्यों में से कितने कमाने वाले सदस्य हैं उनको वेतन/मजदूरी पाने वाले अलग और व्यापार करने वालो को अलग संख्या में लिखा जायेगा ),
कॉलम “6 – निवास के बहार निश्चित ढाँचे वाले उद्यम” (इसमें घर के बाहर होने वाले व्यापार या उद्यम की संख्या भरी जाएगी ),
कॉलम “7 – निवास के बहार बिना निश्चित ढाँचे वाले उद्यम” (इसमें फेरी वाले, ठेला लगाने वाले आदि उद्यम भरे जायेंगे ),
कॉलम ” 8 – निवास के भीतर वाले उद्यम” ( इसमें निवास के अन्दर या निवास से जुड़े हुए उद्यम आयेंगे !
आप 4 से 8 तक के सभी कॉलम के लिए दहाई अंक लिखने लायक जगह छोड़ कर लाइन खीच लें !
कॉलम 9 व 10 को सर्वे करने वाले रजिस्टर में उतरना उतना जरुरी नहीं क्यूंकि इन्हें आप फार्म 6 A भरते समय भी लिख सकते हैं ! अगर कॉलम 7 व 8 में जोड़कर या अकेले ही 1 से ज्यादा उद्यम आ रहे हों तो फार्म 6 A भरते समय उनको बिना जनगणना मकान संख्या लिखे उसी मकान के विवरण के नीचे वाली लाइन में उस मकान के अन्य उद्यमों का पूरा विवरण भर लेंगे ! कॉलम 10 को फार्म 6 A भरते समय कॉलम 9 में जितने भी उद्यम दिखाए गए हों यदि वे एक से ज्यादा हैं तो एक के बाद एक नीचे की लाइन में लिखते जायेंगे ! (देखें मार्गदर्शिका में पेज नंबर 50 पर जनगणना क्रमांक -16 सोनू सोलंकी या पेज न. 48 का ज .क्र. 5 श्रीमती सीता का उदाहरण )
इसके बाद कॉलम “1 1 – उद्यम के प्रमुख क्रियाकलाप का विवरण ” के लिए कॉलम 3 की तरह ही इतनी जगह छोड़ें कि उसमे उद्यम / व्यापार के क्रियाकलाप को आप लिख सकें कि उस उद्यम के अंतर्गत किस तरह का कार्य होता है? इस कॉलम में यदि कोई कुम्हार है और वो घर पर मिटटी के बर्तन बनता है तो उसको कॉलम 11 में “मिटटी के बर्तन बनाना ” लिखकर उसके कार्य के विवरण का प्रकार बताएँगे या किसी विद्यालय की गणना करते समय इसमें “शिक्षा ” भरेंगे क्यूंकि विद्यालय में शिक्षा का कार्य होता है ! कई उद्योगों / दुकानों या उद्यमों के कार्य को उनके फर्म के नाम से नहीं जाना जा सकता अतः यहाँ पर उसका विवरण देने से उस उद्यम की पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी !
जैसे जूते की अगर दो तरह की दुकाने हैं जिसमे एक उद्यमी तो जूता खरीदकर बेचता है लेकिन दूसरा उद्यमी खुद जूता बनाकर बेचता है तो इसमें जूता खरीदकर बेचने वाले को इस कॉलम में जूता बिक्री लिखकर उसे कॉलम 12 में खुदरा व्यापर का संकेतांक (कोड) “12” देंगे क्यूंकि वो सिर्फ खरीद कर बेच रहा है लेकिन दूसरे उद्यमी को इस कॉलम में “जूता बनाना” लिखकर कॉलम 12 में विनिर्माण वाला कोड “06” भरेंगे क्यूंकि वो जूता बनाकर बेच रहा है ! (अधिक जानकारी के लिए मार्गदर्शिका में पेज न. 38 में ऊपर की पहली लाइन पढ़ें)

फिर आता है कॉलम “12 – वृहद गतिविधि संकेतांक” यानि उस उद्यम या व्यापार का संकेतांक या कोड ” (ये सभी कोड आपको फार्म 6A में नीचे दिए हुए मिल जायेंगे एवं विस्तृत रूप में मार्गदर्शिका में पेज न. 36 से 42 में मिल जायेंगे )
आप मार्गदर्शिका के पेज संख्या -17 व 18 में मुख्य उद्यमों के कोड देख सकते हैं लेकिन पेज 18 में दिए हुए कोड को ध्यान से देखिएगा क्यूंकि उसमे कोड तो बाद में दिए गए हैं इसके पहले बायीं तरफ शुरू में क्रम संख्या को “सरल क्रमांक ” देकर दर्शाया गया है, सरल क्रमांक को न चुनकर “वृहद गतिविधि संकेतांक” वाले कोड को ही संकेतांक में भरें! कॉलम न. 12 में केवल दहाई अंकों की संख्या लिखने लायक जगह छोड़कर ही लाइन खींचे क्यूंकि इसमें “0 1 ” से “9 9 ” तक की संख्या वाले कोड ही भरे जाने हैं और इसे घर पर ही आकर उद्यम के अनुरूप कोड खोजकर भारियेगा फील्ड (क्षेत्र या गणना हेतु दिया गया ब्लाक) में नहीं, क्यूंकि जल्दबाजी में गलत कोड भी भर सकते हैं और सर्वे करते समय वक़्त की बर्बादी भी होगी, अच्छा तो यही रहेगा कि आप उस उद्यम/ दुकान के क्रियाकलाप का विवरण ( कॉलम “11 ” में )सही ढंग से विस्तारपुर्वक भर लें जिससे आपको उसे समझने और भरने में आसानी रहे ! बाद में फार्म 6A भरते समय उस क्रियाकलाप के विवरण को संक्षिप्त करके गणना के अनुरूप शुद्ध भाषा में भरें! जैसे कोई फेरी वाला ठेले में सब्जी बेचता है तो आप उसे कॉलम “7 ” में भरने के बाद कॉलम “11” में अपने रजिस्टर में भले ही अपनी सुविधानुसार “ठेले में सब्जी बेचना ” लिखे हों लेकिन जब उसका विवरण फार्म 6A में भरेंगे तो “सब्जी विक्रय” लिखेंगे !
कॉलम “13” को खाली छोड़ देना है तो उसे आप रजिस्टर में न बनायें !
कॉलम “14 ” से “20 ” के लिए इकाई संख्या लिखने लायक जगह छोड़कर लाइन खींचना पर्याप्त होगा ! फिर उस मकान के उद्यम में कार्यरत व्यक्तियों की कुल संख्या को पहले वैतनिक व अवैतनिक में बांटकर लिखना है उसके बाद इन दोनों कॉलम को पुरुष व महिला में बाँट कर लिखने हैं इसमें आप अपने ब्लाक की उद्यमों के अनुसार व्यकित्यों की संख्या लायक जगह छोड़ कर लाइन खीच लें !
जगह हो तो इन चारों कॉलम में आये व्यक्तियों की संख्या के योग का कॉलम बना लें अन्यथा रहने दें, जब फार्म भरें तब उनका योग कर के लिख दे, इसके बाद की जगह को मोबाइल न. या डाक पते के लिए छोड़ दें ! कई बार उद्यमों या परिवारों की कुछ जानकारी बाकी रह जाने पर छोटी मोती जानकारी मोबाइल से संपर्क कर के मांगी जा सकती है और उनका डाक का पता होने पर जनगणना मकान क्रमांक की सही स्थिति का पता चल जाता है ! उदाहरण के लिए आप मार्गदर्शिका में पेज न. 49 के बाद भरे हुए फार्म 6A का तरीका देख कर काफी कुछ समझ सकते हैं कि फार्म कैसे भरा जाये !

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