Menu
blogid : 8098 postid : 1370617

खुन्नस-टुन्नस !

युवामंच
युवामंच
  • 69 Posts
  • 19 Comments

आदरणीय मित्रों ,….सादर प्रणाम !

बीते दिनों तीन मिलेजुले महत्वपूर्ण घटनाक्रम देखने को मिले !…..ऊपरी तौर पर इनमें कोई सम्बन्ध नहीं दिखता लेकिन भीतरी सम्बन्ध गहरा लगता है !……पहला कश्मीर शान्ति के लिए केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त वार्ताकार श्रीमान दिनेश्वर शर्मा जी का कार्यारम्भ !…….दूसरा श्री राम जन्म भूमि मामले पर शिया वक्फ बोर्ड और श्री श्री रविशंकर जी का शान्तिपूर्ण सर्वमान्य समाधान का प्रयास !……तीसरा धुर कट्टर सुन्नी इस्लामिक देश सऊदी अरब का चोला बदलने का सार्थक लगता प्रयास !……

पहला ,…गोली गाली से इतर भटकी कश्मीरियत को गले लगाने की प्रधानमंत्रीजी की पवित्र इच्छा के फलस्वरूप श्री दिनेश्वर शर्माजी कश्मीर के स्वतंत्र वार्ताकार नियुक्त हुए !……उन्हें किसी से कोई भी बात करने की पूरी स्वतंत्रता दी गयी !…….पहले कश्मीर दौरे में उन्होंने कई पक्षों से बातचीत की ,…..लेकिन …. नापाक पापों में डूबे अमानवीय अलगाववादियों ने उनसे दूरी बनाकर रखी !……..कुत्सित कुटिलताओं से भारत भूमि को बहुत पीड़ा हुई है ,……इसका सर्वाधिक दर्द भोगने वालों में कश्मीर प्रमुख है !…… अब जबकि श्रेष्ठ सरकार सत्यनिष्ठा से कश्मीर पर सर्वोत्तम प्रयास कर रही है तो …आम कश्मीरी अवाम में सार्थक चेतना का जागरण हुआ है ,….आतंक से लड़ने वाले पुण्यात्माओं को मानवता सदैव नमन करती है !…..कश्मीर कश्मीरी और कश्मीरियत आतंकवादी क्रूरता से जूझ रहे हैं !…….लम्बे भयानक काल के बाद सुखद शान्ति की आहट सी आई है ,….तो ….. कट्टर जाहिल आतंकपरस्त क्रूर इस्लामियत के पालतू आदमखोर पुनः मानवता के प्रबल विरोधी सिद्ध हुए हैं !…….कुछ लोग शायद कभी समझ नहीं पायेंगे कि परिवर्तन ही प्रकृति का सबसे स्थायी नियम है !…………..घोर अहंकारी जड़ अमानुषी इंसान भी अपने पापों महापापों को लादकर मिट्टी में मिल जाएगा !……. सिर्फ उसकी बदनीयती बदनामी बचेगी !………आतंकपरस्त अहंकारी खुन्नस टुन्नस से दर्दनाक बर्बादी ही हासिल होगी !…….जड़तावादी आतंकपरस्त इस्लाम का पूर्ण पतन प्रकृति की अवश्यम्भावी प्रक्रिया है !……..बुद्धिमानी जड़ पापी अहंकार के त्याग में है !…..

दूसरा ,…..श्री राम जन्मभूमि पर सार्थक वार्ता का प्रयास सुन्नी मौलाना विफल कर रहे हैं !……..शिया समुदाय पूरी सत्यनिष्ठा से वहां भव्य श्रीराम मंदिर बनाने का प्रबल पक्षधर है !…..शिया वक्फ बोर्ड का पैगाम-ए-अमन प्रस्ताव सादर अभिनन्दन के योग्य हैं !……हम उनके पवित्र प्रस्ताव को आभारपूर्वक सादर स्वीकार करते हैं !………तमाम शिया सुन्नी सब आम भारतीय मुसलमान शांतिपूर्ण सत्यनिष्ठा से पवित्र जन्मभूमि पर भव्य श्रीराम मंदिर के प्रबल समर्थक हैं !……..लेकिन ,….खुन्नस-टुन्नस में फंसे  उच्च पदस्थ सुन्नी रहनुमा शायद कदापि शान्ति नहीं चाहते हैं !…….पढ़ा लिखा समझदार मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड मानवता की नजर में एक खौफनाक मजाक जैसा लगता है !……..परिवर्तन के इस महान दौर में मुसलमानों की सबसे बड़ी संगठित मुसीबत उनका पर्सनल ला बोर्ड है !…..यह जाहिल कठमुल्लाशाही का औपचारिक संगठन बना है !…….ऐसा नहीं है कि सुन्नी बुद्धिजीवी सत्य से अनभिज्ञ होंगे ,……लेकिन वही कट्टर अहंकार विचार परिवर्तन के आड़े आ रहा है !……..कुछ लोग बड़ी मासूमियत से कहते हैं कि वो न्यायालय का निर्णय ही मानेंगे !……….शायद उनको इल्म नहीं है कि इस उदारता का परिणाम भी भीषण हो सकता हैं !……..अयोध्या मथुरा काशी तीनों पवित्र स्थलों से नाजायज इस्लामिक कब्ज़ा हटने और,….. देश में सामान नागरिक संहिता लगने पर ही .. इस देश में पूर्ण स्थायी शान्ति आ सकती है !……. मुस्लिम समुदाय यदि स्वयं आगे बढ़कर सत्यनिष्ठा का अभिनन्दन करे तो सम्पूर्ण शान्ति का उदय अवश्यम्भावी है !……….सम्पूर्ण मानवता की वास्तविक उन्नति के लिए स्थायी शान्ति ही उर्वर आधारभूमि होती है !……….इस मुद्दे पर श्री श्री रविशंकर जी के प्रारंभिक प्रयासों को भी सार्थकता से देखना चाहिए !………कुछ अखाड़ों संतों नेताओं के बीच अहंकार राजनीति भी दिखी है !……कुछ संघर्षशील लोग यह कहते सुने गए कि श्री श्री रविशंकर जी इस मामले से नहीं जुड़े हैं !…..हमें समझना चाहिए कि ,..देश को उलझे मुद्दों का सार्थक समाधान चाहिए ,…..हमेशा व्यक्ति ही महत्वपूर्ण नहीं होता है !……….हमें पुनः पुनः समझना होगा कि ……..सच्चा सनातनी हिंदुत्व अत्यंत उदार बहुमुखी शौर्यवान तत्व युक्त है !…….हिंदुत्व के लिए स्वाभिमानी मानवता ही सर्वोपरि है !……मानवता की रक्षा के लिए हिंदुत्व बार बार बलिदान होता रहा है !……..आवश्यकता पड़ने पर वह एक बार में अहंकारी असुरत्व का सर्वनाश भी कर सकता है !………हम सबको अपनी गुप्त प्रत्यक्ष खुन्नस टुन्नस छोड़कर सत्य के प्रति प्रबल उदार होना चाहिए !……हम सबको अपना मिथ्याभिमान अहंकार छोड़कर सत्य के लिए समर्पित होना चाहिए !………एकमात्र सत्य की विजय में सबकी निजी विजयें समाहित रहती हैं !……..एक सत्य बात भी कही गयी है कि मध्यस्थता में अब देर हो चुकी है !……..अवश्य ही यह काम पहले प्रारम्भ होना चाहिए था ,….लेकिन ….अब भी हमें यह विश्चास रखना चाहिए कि सतपथ पर चलने के लिए कभी देर नहीं होती है ,…..सभी पक्ष यदि शान्ति चाहेंगे तो हम मिलकर दौड़ भी लगा सकते हैं !….समय की देरी तीव्रता से पाटी जा सकती है !……भगवान् श्रीराम की जन्मभूमि पर भव्यतम मंदिर बनकर रहेगा !……हमारा तरीका अधिकतम शांतिपूर्ण होने में मानवता की भलाई है !…….सौहार्दपूर्ण समझौते से सम्पूर्ण शान्ति का मार्ग प्रशस्त होगा ,…और … माननीय उच्चतम न्यायलय संभावित समझौते को वैधानिक पूर्णता प्रदान कर देगा !…………इससे आतंकपरस्ती को निर्णायक पराजय भी मिलेगी !……हमारे अन्दर पल रही खुन्नस टुन्नस पर कठोर कुठाराघात होगा !….

तीसरा विषय सऊदी अरब का है !……….वहां के नए शासक इस्लाम में सार्थक परिवर्तन के सारथी बनकर उभर रहे हैं ,……यद्यपि उनका भ्रष्टाचार विरोधी कठोर अभियान कुछ सवालों के घेरे में है ,… एक महत्वपूर्ण उच्च पदाधिकारी की हेलीकाप्टर दुर्घटना में मौत अधिक संदेह पैदा कर रही है !…….लेकिन ….समग्र मानवता के लिए उनका उदार दृष्टिकोण सराहनीय है ,……जड़ पापी टुन्नस छोड़कर उन्होंने परिवर्तन पथ पर चलने का साहस किया है ,…..उन्होंने मुस्लिम महिलाओं को पर्याप्त अधिकार देने की शुरुआत की है !…..उन्होंने पवित्र योग को गन्दी धार्मिक धमाचौकड़ी से मुक्त करने का महान प्रयास किया है !……..हमारे परमपूज्य योगऋषि स्वामी रामदेव जी हमेशा योग को पंथनिरपेक्ष कहते और सिद्ध करते आये हैं !………प्राचीन भारत में जन्मा और फलाफूला योग सम्पूर्ण मानवता के लिए महानतम वरदान है !…..हमारे पूज्य प्रधानमंत्री जी के महान प्रयासों से पूरे विश्व ने इसे औपचारिक महत्त्व देकर अपनाया है !……हम सऊदी अरब को योगयुक्त होने और मानवता के साथ चलने की हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं !…….हम समर्थ सम्बंधित अरब देशों से यमन में मानवता के प्रति कोमलता दिखाने का निवेदन भी करते हैं !……..इस्लामिक जन्मभूमि में परिवर्तन के उलट भारत में एक मुस्लिम महिला को योग करने पर कठमुल्लों द्वारा प्रताड़ित किया गया है !…….हम मोहतरमा राफिया जी और योग अपनाने वाली उन्नतिशाली मानवता का भी हार्दिक अभिनन्दन करते हैं !……इस अवसर पर हम अपने भारतीय मुसलमानों से घर वापसी का पुनः आत्मीय आग्रह करते हैं !………इस्लामिक प्रसार के बर्बर तरीके ने बहुत पहले खुद ही अपनी नियति लिख दी थी !……..मानवता उस इतिहास को कदापि दोहराना नहीं चाहेगी ,….लेकिन फिलहाल हम नियति को मजबूर करते हुए भी दिख रहे हैं !……..हमें पुनः याद करना चाहिए कि नियति निष्ठुर नियमों से बद्ध है !……हम अपने पवित्र चैतन्य प्रयासों से नियति को सुखदायी नर्मी दिखाने के लिए कुछ बाध्य कर सकते हैं !……..प्रत्येक परिस्थिति में अंतिम परिणाम परिवर्तन ही होगा ,…प्रत्येक पथ की अपनी उलझन पीड़ा होती है ,….सार्थक परिणाम से अंततः सुखानुभूति होती है !…… …..सीमित विधि का चुनाव अनंत विधि ने हमारे हाथों में ही सौंपी है !…..

अंततः !…….परिवर्तन सनातन सर्वसिद्ध नियम है !…….परिवर्तन के दौर में अहंकारी अकड़ें मिट ही जाती है !…….निःसंदेह यह महान परिवर्तनों का दौर है !…….हमारे सामने दो ही विकल्प हैं ,….या तो अपने अहंकार को नमनीयता से परिमार्जित कर लें ,…..या फिर अज्ञानयुक्त खुन्नस टुन्नस में अपने अहंकारी अस्तित्व को ही मिटाने के लिए तैयार रहें !…….मिथ्याचार से मोहब्बत के लिए अपना अनमोल अस्तित्व मिटाना मूर्खता ही है !………बहत्तर हूरें कहीं नहीं मिलने वाली हैं !…….हमारी अनंत यात्रा रूहानी ही है ,..लेकिन …यात्रा की प्रगति जीवन में ही संभव है !……हमारा महान जीवंत अस्तित्व अत्यंत लचीला सामंजस्ययुक्त है ,……हमें अपने खुन्नस टुन्नस भरे बौद्धिक वैचारिक मानसिक अस्तित्व को भी कुसंस्कारी कठोर मिथ्याभिमान से मुक्त करना चाहिए !……. सत्य के सामने समर्पण से हमारा बड़प्पन ही सिद्ध होगा !…….हम कुछ भी हों लेकिन सत्य तो सबके लिए एक ही है !……..तमाम लोभी अडचनों के बावजूद अधिकाँश भारतीय मुसलमान दिल दिमाग आत्मा से भारतीय संस्कृति के बहुत निकट हैं ,….उच्च अरबी लोग भारतीय मुसलमानों को अत्यंत हीन दृष्टि से देखते हैं !……हिंदुत्व विशालतम वटवृक्ष है ,…..इसमें उपासना के साथ सामान्य जीवनशैली के सभी संभावित साधनों की समावेशी स्वतंत्रता है !…..बहरहाल ….. हिन्दुओं मुसलमानों छोटों बड़ों सबके लिए सत्यनिष्ठ आत्ममंथन अत्यंत आवश्यक है !…….…..ॐ शान्ति !…….भारत माता की जय !!………….वन्दे मातरम् !!!

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply