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निंदा धर्म !

युवामंच
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आदरणीय मित्रों ,…सादर प्रणाम

आधुनिक मानव समाज में कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं जिनकी यथोचित निंदा भर्त्सना करना असंभव होता है !…………….गुरुग्राम के एक बड़े धंधेबाज स्कूल में मासूम प्रद्युम्न की निर्मम हत्या ऐसी ही घटना है !…………..जब लाखों की फीस लेने वाले नामी स्कूलों में हमारे बच्चे सुरक्षित नहीं हैं तो कहने को क्या बचता है !……………हमारी इंसानियत दीमक से अधिक बौनी और बिच्छू से अधिक विषैली दिखने लगती है !……..इस मामले में एक आरोपी बस कंडक्टर के साथ स्कूल के कुछ अधिकारी गिरफ्तार हुए हैं ,…….शिक्षकों कर्मचारियों से पूछतांछ जारी है ,…….ताजा समाचार मिलने तक हरियाणा सरकार ने जांच सीबीआई के हवाले कर दी है !………साधारण पुलिस की निष्पक्ष कार्यक्षमता पर हमें भरोसा नहीं है !…..हममें से कोई भी प्रद्युम्न के माता पिता परिवार को समुचित सांत्वना देने की स्थिति में नहीं है ,…..फिर भी प्रयास तो होने ही चाहिए ,…….दोषी को कठोरतम दंड मिलने पर ही पीड़ित मानव मन को कुछ सांत्वना मिल सकती है !………रेयान पब्लिक स्कूल और उन जैसे तमाम धंधेबाज विद्या मालिकों पर कठोर नियंत्रण समय की आवश्यकता है !………मोहक तेजधारी प्रद्युम की मृत्यु हमारे लिए सदमे से अधिक है !…… आज स्कूलों से मानवता को शर्मशार करने वाली घटनाएं सामने आती हैं !………….कम से कम शिक्षा मंदिरों को कुत्सित काम कुंठाओं से मुक्त रखना हमारा विशेषकर सरकारों का अत्यावश्यक दायित्व है !……..

हमारी भोगी मानवता कामकुंठा से ग्रस्त है !………सनातन पवित्र भारतीय भूमि पर छल कपट बलात यौन शोषण के आपवादिक प्रसंग पुराने भी हैं ,…….लेकिन ……बाल यौनशोषण और सामूहिक बलात्कार के लगातार होते कुत्सित अपराध यह सिद्ध करते हैं कि,…. क्रूर लोभी आक्रान्ताओं के भयानक गंदे विकार कदाचित हममें बस चुके हैं !…………..वासना मुक्ति का मार्ग सम्पूर्ण सुशिक्षा के साथ अपराधियों को कठोर दंड लगता है !…..सुशिक्षा के लिए मैकाले की कुटिल शिक्षा पद्धति को शीघ्र बदलना होगा !…….भारतीय शिक्षा पद्धति सनातन सर्वोत्तम सिद्ध है !……इसकी शीघ्र पुनःस्थापना अतिआवश्यक है !………उचित समय पर प्रत्येक नर नारी को समुचित कामज्ञान और सतत संयमज्ञान देना भी आवश्यक है !…….

…. आज कामकुंठा का सबसे बड़ा प्रतीक राम रहीम है !……..उसने प्राप्त ताकत के बूते नित्य बलात्कार किये ,….उसने नित्य मनुजता को रौंदा मारा है !…………..प्रत्येक समस्या का समाधान उसकी तीव्रता के अनुपात में होना चाहिए !……..राम रहीम को विशेष दंड देकर हम मानवता को सही प्रभावी सन्देश दे सकते हैं !……वैसे तो अदृश्य सत्ता के अमोघ नियम निश्चित हैं ,…..किन्तु दृश्यमान संसार में दृढ़ सद्कर्मी भावना स्थापित करना सम्पूर्ण व्यवस्था का दायित्व है !……..स्वयं को धर्म का पहुंचा प्रतिनिधि बताकर अधर्म की पराकाष्ठा तक महापापी कुकर्म करने वाले को हम ऐतिहासिक उदाहरण बना सकते हैं !……..ब्लॉग लेखक का अपनी पत्नी से कई दौर का विमर्श हुआ ,..लेकिन …..यथोचित दंड पर हम अंतिम निर्णय नहीं कर सके !………एक मानसिक धारा वीभत्स मृत्युदंड चाहती है तो दूसरी उसके गुप्तांगों को काटकर अपराधी का नग्न सार्वजनिक प्रदर्शन चाहती है !………मानव मन को दोनों ही अपर्याप्त लगते हैं !…….संभवतः सत्व में स्थित मन दोनो दंड चाहता है ,……..कुछ वर्षों तक दुर्दांत निष्ठुर अपराधी का जीवंत प्रदर्शन हो … फिर उसे भयानक सार्वजनिक मृत्यु दी जाय !………यद्यपि धर्म कहता है कि ‘पाप से घृणा करो पापी से नहीं’ लेकिन ,…. निष्पाप आत्माओं को पाप के मोहजाल से बचाने के लिए हमें फिलहाल पाप और पापी दोनों से घृणा करनी चाहिए !……..तब यौन शोषण के आदी अमानुषों का दूषित मनोबल मिटने की संभावना प्रबल होगी !……..पुलिस और न्याय नियम प्रणाली में समुचित सुधार समय की महान आवश्यकता है !…..

….सुधार की आवश्यकता तो सबको है !……..वास्तविक योगियों के सिवा प्रत्येक आत्मा मलिनता के अत्याचार का शिकार है !……..निष्पक्ष क्रियाशील न्यायवादी परमपिता परमात्मा का अनूठा खेल संसार है ,……….हम उनसे पुनः पुनः प्रार्थना करते हैं कि हमारे सद्साधकों में तीव्र संवेग भरें ,…..उनके माध्यम से स्वयं को अभिव्यक्त करें ,……मलिन हो चुकी मानवता में पुनः पवित्र प्रकाश भरें !……तभी प्रत्येक कुकर्मों कुंठाओं पर पूर्ण विजय प्राप्त होगी !….

निंदा धर्म को कुछ आगे बढाते हैं !………पिछले दिनों बेंगलुरु में एक प्रसिद्ध पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या हो गयी !……उनको घर में घुसते समय अपराधियों ने गोली मारी ,…..राज्य सरकार के तथाकथित प्रयासों के बावजूद अब तक अपराधियों का कोई सुराग नहीं लगा !…….इस घटना की चंहुओर निंदा हुई ,…. पत्रकार जगत से जुड़े लोग कई दिनों तक प्रदर्शन करते रहे ,……..हिंसा हत्या की निंदा ही होनी चाहिए ,…..लेकिन गौरी लंकेश की हत्या शायद इसलिए अतिनिन्दित हुई क्योंकि वो प्रसिद्ध थी और पोंगापंथी हिंदुत्व की वैचारिक विरोधी भी थी !……..अन्यथा कितने बेचारे पत्रकार मारे गए और कुछ भी नहीं हुआ !……..ज्यादा दिन नहीं बीते जब उत्तरप्रदेश के एक गुंडे मंत्री ने एक साहसी पत्रकार को जिन्दा जलवा दिया था ,…..उनका मृत्युपूर्व बयान सुनकर कौन आत्मा नहीं रोई होगी !……..हमारी आत्माएं अक्सर उभरकर रोती हैं ,…फिर भोगी मन इन्द्रियों ,वासनाग्रस्त प्राण के बोझ तले बेहोश हो जाती हैं !

गौरी लंकेश की हत्या निंदनीय होने के साथ विचारणीय भी है !………हत्या के बाद सदैव मस्त लेट लतीफ़ रहने वाले कांग्रेसी युवराज का शीघ्रकथन स्पष्ट आशंका पैदा करता है !………. घटिया से भी अत्यधिक घटिया नेता का पत्रकार हत्या में संघ भाजपा का हाथ बताना ,..घटित हो चुकी कुटिल कुत्सितता का पुष्ट प्रमाण है !……संघ भाजपा ने सदैव मानवता को जोड़ने का कार्य किया है ,….विचारशील सत्योंमुख संघ समरसता सद्भावना फैलाने का संघर्षशील कार्य सतत करता है !…….निःस्वार्थ स्वयंसेवक संघ में दूसरों से अधिक अपनी कमियां देखने का सच्चा साहस है !………और …..सत्यनिष्ठ संघ की साधना शक्ति इतनी प्रबल स्थायी व्यापक है कि कोई भी अधकचरी विचारधारा, कोई भी शक्ति इसको हिला नहीं सकती है !……..राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने राष्ट्रनिर्माण के महान कार्य में अपने अनेकों सक्षम कार्यकर्ता खोये हैं !…..बदमाश बामपंथ की स्थापित मूल हिंसक प्रवित्ति से लोहा लेते हुए संघ के अनेकों शूरवीर शहीद हुए हैं !……..हमें बार बार याद रखना चाहिए कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस मौजूदा संसार में संभवतः सबसे नीच गन्दा घिनौना कुत्सित राजदल है !……आतंकियों के लिए रोने वाली भ्रष्टतम सोनियानीत सरकार के दौर में संघ को गिराने मिटाने के अनेकों कुटिल प्रयास हुए थे !…….पाकिस्तानी आतंकियों को छोड़कर कांग्रेस सरकार ने देशभक्त हिन्दुओं को जबरन जेल में डाला था !………….मुंबई हमला कांग्रेस आइएसआई का मिश्रित प्रयास था !……तब पाकिस्तानी आतंकियों ने लाल कलावा जैसे हिन्दू प्रतीकों को पहनकर हमला किया था ,…..यदि कसाब जिन्दा न पकड़ा गया होता तो शायद नीचता अपनी विजय मनाती !………कांग्रेस सरकार द्वारा हमारे अतिसम्मानीय संघप्रमुख को आपराधिक मामले में फंसाने का पुरजोर किन्तु निष्फल प्रयत्न भी हुए थे !…….प्रत्येक अस्तित्व को यह समझ लेना चाहिए कि सत्य में हजार ऐरावत हाथियों का बल होता है ,……जिसे लाखों करोड़ों कुत्ते मिलकर भी परास्त नहीं कर सकते हैं !…….गौरी लंकेश की हत्या पर भावपूर्ण विलाप करने वाले बुद्धिमान पत्रकारों की नकली निष्पक्षता पर हम हंस सकते हैं,… फिलहाल उनको उनके हाल पर छोड़ना ही उचित है !……..अल्पज्ञ बुद्धिजीवियों को समझना चाहिए कि सत्य कोई ईंट पत्थर भवन वस्तु व्यक्ति गाड़ी नहीं है ,….सत्य तो भावना से भी अत्यधिक सूक्ष्म शक्तिमान सत्ता है !……उसे पाने के लिए स्वयं को खोना ही पड़ता है !

खैर ….. खानदानी कांग्रेस अपने आदि मध्य अंत में भारतद्रोही थी, है और स्वभावतः रहेगी !……….लोकतंत्र में दिखाने वाले लोकहितैषी कार्य करने ही पड़ते हैं !………कांग्रेस का पूर्ण अंत बहुत ही निकट दिखता है ,…….अगले आम चुनाव में कांग्रेस दहाई आंकड़ा पार करे तो बड़ा आश्चर्य होगा !……कर्नाटक से भी इनकी विदाई तय है !………हमारी प्रबल आशंका है कि कर्नाटक में राजनैतिक लाभ लेने के लिए पस्त पापी कांग्रेस ने ही गौरी की हत्या करवाई है !…….गौरी जी बहके नक्सलियों को सुधारने का काम भी तन्मयता से करती थी ,……..उनकी हत्या से वास्तविक लाभ किसको है !……पारिवारिक विवाद के प्रमाणित विवाद भी सामने आये हैं !….क्या उनकी हत्या कांग्रेस वामपंथियों नक्सलियों ने मिलकर की है ?…..या फिर उनकी संपत्ति के लिए सुपारी किलर जुटाए गए !……….कर्नाटक पुलिस सरकार से निष्पक्ष जांच की उम्मीद कदापि नहीं है !………एक विद्रोही मानसिकता वाली दृढ़ निश्चयी महिला पत्रकार अतिकुत्सितों के घातक लोभ का शिकार हो गयी !……….कांग्रेस वामपंथियों द्वारा संघ भाजपा दक्षिणपंथ को बदनाम करने के और उपक्रम हो सकते हैं ,……..कुछ उद्दंड अनियंत्रित अयोग्य दक्षिणपंथी तत्व भी कांग्रेसी औजार बने हैं या बन सकते हैं ,…..राष्ट्रद्रोही कांग्रेस का डर्टी ट्रिक डिपार्टमेंट क्रियाशील सच्चाई है ,……लेकिन सत्य यही है कि पूर्ण विजय पवित्र पुरुषार्थ की ही होती है !…….प्राकृतिक नियम कहता है कि अनुपयोगी विषैले बदबूदार मलिन मल/जैव पदार्थ भी धरा के लिए उपजाऊ खाद बन जाते हैं !………….हमें प्रत्येक प्रक्रिया का सहज सक्रिय सहयोगी बनना और बने रहना चाहिए !…..कुकर्मी स्वयं अपनी दुर्गति पायेंगे !……..राष्ट्रसेवी संघ की सरलता, सत्यनिष्ठा, परोपकारिता, समरसता, पवित्र प्रतिबद्धता पर कोई कीचड़ नहीं टिक सकता है !………भारतवादी संघ सदैव संवाद का इच्छुक रहता है !……..शांतिपूर्ण संवाद ही समाधान का अंतिम माध्यम होता है !…………..यदि सौहार्दिक संवाद अनिवार्य प्रथम प्रक्रिया बन जाय तो मानव मन से हिंसा मिट सकती है ,….इसके लिए हमें बहुत साधना करनी होगी !

अंततः … हम मासूम प्रिय प्रद्युम्न और बुद्धिमान प्रिय गौरी के साथ सभी हत्याओं हिंसाओं कुकर्मों की पुनः घोर निंदा करते हैं !………मात्र निंदाधर्म के पालन से समाधान संभव नहीं है ,….स्वच्छ स्वस्थ समाधान के लिए हमें अपने आपको साधना की पवित्र भट्ठी में झोकना होगा !……..कहाँ हो भारतवर्ष के महान साधकों आचार्यों ‘गुरुदेव’ ‘प्रभु हरिओम’ !!!…….आओ …… इस मलिन अस्तित्व को अपने साथ उत्तम साधना में लगा लो !……सत्य के जिज्ञासु मूर्ख अस्तित्व को सत्यजित महात्माओं के पवित्र सानिध्य सेवा से ही प्रखर सत्यज्ञान प्राप्त हो सकता है !…….कभी किसी बोझिल आत्मा ने अनजाने में एक घटिया प्रण लिया था कि उच्चतर मानवता को उसे इसी रूप में अपनाना होगा !……उस मोहग्रस्त निम्नतर प्रणपूर्ति का दायित्व हम आपकी उच्चतम सह्रदयता को सौंपते हैं !……कृपा करके अपना लो प्रभु !……..आपका पवित्र प्रण सर्वोत्तम ही होगा ,…लेकिन ….मानवता के लिए जड़तम मलिनता का उद्धार भी करना पड़ेगा ! … ॐ शान्ति !…………भारत माता की जय !!…………..वन्देमातरम !

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