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भारत माता की जय !

युवामंच
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आदरणीय मित्रों ,..सादर प्रणाम

अद्भुत विडंबना है ,…भारत में ‘भारत माता की जय’ न कहने के लिए फ़तवा आता है ,….कहीं भारत माँ को नेहरू जी के दिए घाव इतनी पीड़ा देते हैं कि लोगबाग उपचार को भी गलत समझने की गलती करते हैं !…मजबूरी इतनी कि भगवान् ही भला करे !..खैर ,…किसी गली मोहल्ले के ओवैशी साहब का मजमून मामूली मान सकते हैं ,…लेकिन मान्यवर दारुल उलूम का फ़तवा बहुत बड़ी बात है ,…पूर्ण कुंठितों की जनसँख्या हमारी समझ से अधिक लगती है ,…वैसे मात्र जयकारे से भारत का प्रत्यक्ष भला होता नहीं दिखता किन्तु इससे भाव अवश्य ही शुद्ध होता है ,…भाव शुद्धता से कर्मशुद्धता बढती है …कर्मशुद्धता से सबकुछ दिव्य है !….संघ प्रमुख का जय बोलने की आदत डालने का आव्हान इसी भाव का प्रकटीकरण है ,.वैसे ..मातभूमि की जय बोलने में कोई जबान लडखडाये तो उसका मौन ही बेहतर है ,..अतः मोहन भागवत जी ने जबरन जय कहलाने को भी गलत माना ,…लेकिन किसी भी व्यक्ति संस्था को यह अधिकार कदापि नहीं है कि वो जय न बोलने का आग्रह एलान आदेश करे !…यह साफ़ तौर पर भारतद्रोह है ,…यह पापी आतंकवाद का पुष्टिकरण है !….आतंक की कुत्सित मिशालें लिखने का कोई लाभ नहीं ,..आतंकवाद मानवता पर महान खतरा है !…पूरी दुनिया इसकी खौफनाक गिरफ्त में है ,…हम पुराने पीड़ित हैं ,……..किराए की फर्जी अकड़ में बर्बाद पाकिस्तान की नापाकी भारत में गहरी जड़ें जमाये लगती है !…….अब इंसानियत के शत्रु हर जगह छुपे लगते हैं ,….यहाँ हर आम मुसलमान पहले हिन्दुस्तानी है ,..लेकिन कुछ खासों की जिम्मेदारी ही भारतद्रोह है !…….कुछ कमीनों ने मिलकर काफी मासूमों का दिमाग साफ़ किया लगता है !…..स्थिति बहुत खौफनाक लगती है ,….भारत समेत दुनिया के तमाम राजदल आतंकवाद के साथ हैं !…बुद्धिजीवी ज्ञानी विज्ञानी शिक्षक कलाकारों पत्रकारों के आवरण में भी आतंकी मौजूद लगते हैं ,……. हर हाल में वोट की जरूरत लोकतंत्र का सामान्य किन्तु अहम् साइड इफेक्ट है ,…सहिष्णु आम भारतीय क्या करे ?……हमारे सनातन धर्म ने प्राणी मात्र से प्रेम करना सिखाया है ,..लेकिन शैतानों को उनकी भाषा में उत्तर देना भी जरूरी है ,..इसे हम भूलते जा रहे हैं !…….जड़बुद्धि और कुंठित मानसिकता को ठीक ठीक उत्तर देने का काम कोई महान महात्मा ही कर सकता है !

स्वामीजी ने यही किया है !…….जिस इंसान ने देशहित मानवप्रेम में अपना पूरा अस्तित्व झोंक दिया हो ,..उससे भारत माँ का अपमान कैसे और कितना सहन होगा !…….माँ भारती के मान सम्मान उत्थान के लिए सर्वस्व समर्पित करने वाले को मानवता बार बार कोटिशः प्रणाम करती है ,……जिनका स्वभाव ही भौकना काटना हो उनको उनकी नियति ही मुबारक !….हर भारतवासी को राष्ट्रधर्म सर्वोपरि है ,..रहना ही चाहिए !…….हमारे लाखों या शायद करोड़ों पूर्वजों ने पंथनिष्ठा भूलकर राष्ट्रहित में आत्मबलिदान किया है ,….हमने हमेशा आपद धर्म का पालन किया है ,…..हमारे बलिदानी साधकों सन्यासियों ने समय पड़ने पर आतताइयों के सिर भी काटे हैं ,…..तभी घोर कलियुग में भी हमारी सनातन सत्यनिष्ठा सीना ताने खड़ी है !..

हमें फिर सोचना होगा ,….आतंकवाद मानवता पर बड़ी आपदा है ,….अब पूर्ण पथभ्रष्टों को सुधरना होगा या अपने झूठ अहंकार हिंसा पाप का परिणाम भुगतना होगा ,……संसारभर के सत्यप्रेमी जिस शक्ति का सम्मान करते हैं ,..उसका स्रोत भारतीय ज्ञान ,त्याग , तपस्या , सेवा , सत्यनिष्ठा में है !…..स्वामी रामदेवजी उसके प्रत्यक्ष प्रतीक हैं !……पूर्ण आस्तिक ,नित्य शांतिपाठी, निमित्त कर्मयोगी का पीड़ित आक्रोश संसार को समझना ही चाहिए !…..

किसी हालत में युद्ध का अनुमोदन नहीं किया जा सकता ,..लेकिन मानवता के रक्षार्थ आतंकवाद को जड़ से समाप्त करना ही होगा !…….ये सम्पूर्ण विश्व की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए ,…. सम्पूर्ण एकता से यह काम सहज ही संभव है …..आज अलग अलग देश अपने लाभ हानि के अनुसार काम करते हैं ,…. यह सबके लिए अत्यंत घातक है !…सभी को मिलकर काम करना चाहिए ,..इसीलिए मोदीजी ने संयुक्त राष्ट्र को स्पष्ट दर्पण दिखाया है ,….हमें संयुक्त राष्ट्र से कुछ आशा अवश्य करनी चाहिए ….हमें मोदीजी से पूरी आशा है कि वो इस महती मुसीबत का सफल निदान करेंगे ……वो महान मानव हैं ,..घोर संघर्षों से तपकर निकले शुद्ध सोना हैं !…उनका मानवता के प्रति गहन प्रेम है !…..उनका मंत्रिमंडल भी योग्य महानुभावों से भरा है ,…उनके साथ अपार जनसमर्थन है !….अक्सर उनके धुर विरोधी भी प्रकट या गुप्त रूप से उनके कायल हो जाते हैं ,……..लेकिन किसी कीमत पर रोकना उनका धंधा है ,..इसलिए हर हाल में आलोचनाएँ करना उनका प्रथम कर्म है ,….मोदीजी व्यर्थ बकवास आलोचना पर कोई ध्यान नहीं देते हैं ,…सरलता से सबकी सुनकर अपने शुद्ध मन से समुचित काम करते हैं ….तभी संसार के हर भाषा पंथ वर्ग क्षेत्र में लोकप्रिय हैं ,..वो हर महात्मा की तरह मानवता का विकास चाहते हैं ,..मोदीजी ने पाकिस्तान से पूरी सहृदयता दिखाई है ,…..लेकिन पाकिस्तान बहुत ज्यादा बेहाल और शर्मनाक तरीके से बेशर्म है ,…..आम पाकिस्तानी अवाम फौजी बूटों तले कराहती है !…..असली हुक्मरान आतंक बढाने के तौर तरीके खोजते हैं ,…….दया क्षमा सनातन धर्म की मूल शक्ति है ,….लेकिन …किसी महाग्रंथ में लिखा है ‘शठता के साथ समुचित व्यवहार ही होना चाहिए !….अब विषलहर सिर के ऊपर पहुँच चुकी है !……

यहाँ की बात ही करते हैं …..अब असहिष्णुता के नकली नाटक का असली अर्थ भी समझ आने लगा है !…..महान मानवता सेवी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को गरियाने का कारण भी समझ आने लगा है ,……काली कान्ग्रेसियत और शिकारी बामपंथ आतंकवाद के खिलाफ प्रत्येक कार्यवाही का विरोध ही करेगी ,….अनेकों बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ भी पक्की भारत विरोधी हैं !…ये विरोध में कुछ भी कर सकते हैं ,……संघ समेत हर भारतभक्त मानवभक्त संगठन व्यक्ति को हर बात पर गरियाने वालों की मजबूरी है ,…….देशद्रोही ताकतें भारतीय अस्मिता एकता को छिन्न भिन्न करना चाहती हैं !….लेकिन हमें इन कुटिलताओं के बीच सही रास्ता अपनाना होगा !……..यहाँ यह ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है कि हर भारतीय मुसलमान जानता है कि उसे मजबूरी में इस्लाम अपनाना पड़ा !…..अँधेरी राह में खड़े आदमखोर भेड़ियों के चलते घर वापसी बहुत आसान नहीं लगती लेकिन राष्ट्रीय एकता अवश्य ही संभव है !…हम इसे बार बार बहुत बार दिखा चुके हैं ….तमाम मुसलमान अपने मुसल्लम ईमान से भारत माता की जय ही चाहते हैं !…किसी भी अन्य मानवीय प्रतिद्वंदिता या पापी भूत का प्रतिकार हमें त्यागना ही होगा !..

आज से कई दशक पहले श्रीमाँ मीरा अल्फांसा की लिखी बात प्रासंगिक लगती है …..हमारे अकर्मण्यता भरे दुर्भाग्य से आज तक वही परिस्थिति जिन्दा है …

“हम इस समय फिर एक बार पृथ्वी के इतिहास में एक निर्णायक मोड़ पर हैं !…सब ओर से लोग मुझसे पूँछ रहे हैं : ‘अब क्या होने वाला है ?’ ..इसका उत्तर बस एक ही है : “ यदि मानव आध्यात्मिक होने के लिए बस तैयार हो जाए !”

शायद इतना पर्याप्त हो कि कुछ व्यक्ति शुद्ध सोना बन जाएँ, क्योंकि यह उदाहरण घटना-चक्र को बदलने के लिए काफी होगा …यह आवश्यकता बहुत प्रबल रूप में हमारे सामने है !

वह साहस और वह वीरता,जिसकी भगवान् हमसे अपेक्षा रखते हैं, उसका उपयोग हम अपनी कठिनाइयों,अपूर्णताओं और मलिनताओं के विरुद्ध लड़ने में क्यों न करें ? हम आंतरिक शुद्धि की भट्ठी का सामना वीरता-पूर्वक क्यों न करें ताकि फिर एक बार उस भयानक और आसुरिक विनाश में से गुजरने की आवश्यकता ही न पड़े जो सारी सभ्यता को अन्धकार में डुबो देगा !

यही समस्या आज हमारे सामने है !..हममें से प्रत्येक को इसे अपने ढंग से हल करना है !..”

हमें विश्वास है कि संसार की तमाम शुद्ध आत्माएं इस महान प्रयोजन में जुटी हैं ,…सभी को प्रत्येक मानव का आन्तरिक प्रणाम है ,..उनको परमेश्वर का वरदान है !….भारत माँ की शक्तिशाली आत्मा उनकी सफलता हेतु दिनरात शुभकामनाएं प्रेषित करती है !…..परमपिता परमेश्वर अपने शुभसंकल्पों को शीघ्र सुफलित करें !

ॐ शांति

भारत माता की जय !

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