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शांति युद्ध !

युवामंच
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आदरणीय मित्रों ,…सादर प्रणाम

पापी पाकिस्तानी फ़ौज ने आत्महत्या का आखिरी मार्ग ही चुना लगता है ,….समुचित भारतीय प्रतिउत्तर से वो और आक्रामक हो गयी है ,…….वो इस्लाम के नाम पर भारत में आतंकी गतिविधियाँ और बढाने के पुरजोर प्रयास में है ,…..हमारे सक्षम सुरक्षाबल भी पूर्णतया मुस्तैद हैं ,…हमारे प्रधानमंत्रीजी का आह्वान बहुत मायने रखता है ,….यदि हर भारतवासी सतर्क जागृत रहे तो कुप्रयासों को रोका जा सकता है !…भारत से शत्रुता रखकर पाकिस्तान एकदिन खुद को ही मिटा लेगा !…… पाकिस्तान खुद अपना शत्रु है !…..क्रूर कट्टर कठमुल्लई अंततः खुद को ही खाएगी !…..फिलहाल पाकिस्तान पूरी दुनिया के लिए गंभीर खतरा है !

कम उम्र में ही पाकिस्तान बहुत बहुत बहुत ज्यादा पाप कर चुका है ,…..उसके पापों का विपाक हो चला है ,..वहां आतंक को हमेशा बढ़ाया गया है ,……वहां अल्पसंख्यक अन्यपन्थक बहुत सताए मारे जाते हैं ,…….खुल्लम खुल्ला जबरन धर्मांतरण होता है ,…पाकिस्तान आतंकियों कठमुल्लों के सिवा किसी के लिए सुरक्षित नहीं है ,…..वहां का गैरमजहबी लुंज लुटेरा शासन क़त्ल बलात्कार लूट कब्जे को जायज जैसा मानता है !…..प्रत्यक्ष या परोक्ष फौजी हुकूमत में सच के लिए वहां कोई जगह  ही नहीं है !……नापाक मंसूबे आवश्यकतावश छद्मवेश धरने में नहीं हिचकिचाते हैं !

वैसे तो पूरे पाकिस्तान में जन सामान्य सताया हुआ है ,..लेकिन ..बलूचिस्तान में पाकिस्तानी पाप ने चरमबिन्दु पा लिया है ,…कई अन्य प्रदेशों में भी पापी घड़ा बहने लगा है ,………नापाक फ़ौज के जुल्म सुनकर ही इंसानियत रोने लगती है ,……..अपनों पर लडाकू जहाजों बमों मिसाइलों तोपों बंदूकों सभी का खुला प्रयोग करने वाला एकमात्र देश पाकिस्तान ही होगा !…वहां हजारों या शायद लाखों लोग मार दिए गए ,..मासूमों को अंतिम संस्कार तक नसीब न हुआ !,….तमाम समर्थ विद्वान् बलूचों को भागकर विदेशों में पनाह लेनी पड़ी !…आज भी बेहिसाब जुल्म जारी है ,……तेजस्वी बुजुर्ग नेता नवाब बुगती को मारने वाले कुकर्मी अभी जिन्दा गवाह हैं !…….अपने कर्मों का फल सबको कभी न कभी,कहीं न कहीं ,किसी न किसी रूप में भुगतना ही पड़ता है ,…खैर …..अब बलूचिस्तान का स्वतंत्र अस्तित्व समय की बहुत जरूरी मांग है !……बलूचिस्तान महान अखंड भारत का महान हिस्सा था ,..वहां अत्यधिक अत्याचार से भारतीय आत्मा बहुत पीड़ित होती है ,……मानवतावादी दुनिया को मिलकर सही जरूरी काम करना ही होगा !……हम यदि नियति के भरोसे रहे तो वो सबसे बदला लेगी !….हमारे प्रधानमंत्री जी ने यह मुद्दा दुनिया के सामने रखा है ,….हमें मिलकर मासूम विरल बलूचों को पापिस्तान से मुक्त करवाना ही चाहिए !……..यहाँ संयुक्त राष्ट्र संघ के इकबाल पर फिर गहरे सवाल हैं ,….उसे कायम करना दुनिया के लिए बहुत जरूरी है !…………पाकिस्तान दुनिया के लिए चुनौती है ,..उससे जितनी जल्दी निपटा जाए उतना ही अच्छा है ,….जितनी देर होगी उतना ही घातक परिणाम हो सकता है !….पाक इस्लामिक स्टेट का सुरक्षित पनाहगार भी है ,……पापिस्तानी फौजी सेवा समाप्ति के बाद भी आतंकियों को प्रशिक्षण देते हैं !…..पाकिस्तानी फ़ौज की शक्तिहीनता अत्यंत ही आवश्यक है !…. पापिस्तान का अंत करके ही एशिया में स्थायी शान्ति आ सकती है !….एशिया की शान्ति पूरी धरती पर आनंदवर्षा कर सकती है ,…भारतीय जनता इसके लिए हर बलिदान पुरुषार्थ को तैयार है !

पाकिस्तान की ताकत क्या है ?……उसकी वैचारिक खुराक वहाबी इस्लाम है ..जो दुनिया पर अपनी अमानवीय सत्ता कायम करना चाहती है ,……उसे मुख्य आर्थिक सामरिक खुराक अमेरिका और चीन से मिलती है ,…..चुस्त चतुर अमेरिका वस्तुस्थित समझते हुए बदलाव ला सकता है ,….लाना ही चाहिए ….कुछ परिवर्तन दिख भी रहा है !…..लेकिन वास्तविकता यही है कि …सबने अपने हितसाधन हेतु उसे अपना मोहरा बनाया हैं ,….इसीलिए वहां की मनमानी फ़ौज जुल्मी ,…राजनीतिज्ञ बिकाऊ ,..मुल्ला मस्त और जाहिलियत से जूझती जनता अत्यंत पीड़ित है !…सभी पडोसी उससे बहुत पीड़ित हैं !…..

विस्तारवादी चीनी सत्ता पूर्णतया नास्तिक घमंडी और अतिक्रूर है !…..तिब्बत में उसके जुल्मों की हद दुनिया की निगाह से कुछ दूर ही रही !….वो अपने दरवाजे पूरा खोल ही नहीं सकता ,.क्योंकि चीन की आन्तरिक स्थित एक विशालकाय मजबूत जेल फैक्ट्री है ,…जहाँ सिर्फ उत्पादन कमाई से मतलब है ,….वहां आम मानवों पर बहुविधि क्रूरता होती है ,…..बहरहाल हर जुल्मी जेल को देर सबेर ढहना ही है !…..चीन पापिस्तानी हुकूमत और क्रूर सनकी उत्तरकोरियाई तानाशाह को हरसंभव बढ़ावा देता है ,….मानवता सब जगह कुचली जाती है ,…..नियम कानून से परे अपने हर पडोसी को डराना धमकाना दबाना घातक चीनी नीति है ,..वो कोई सहायता भी केवल अपने हितसाधन के लिए लेता देता है !. …भारत चीनी बदमाशी का पुराना गवाह है ,..जब हिंदी चीनी भाई भाई का नारा लगाते हुए हमपर हमला कर दिया गया !…हमारे वीरों ने कम साधन के बावजूद भी उनके मंसूबे पर पानी फेरा ,..फिरभी हमने काफी कुछ गंवाया था !……..क्योंकि तब हमारे हुक्मरान झूठे भोगी चरित्रहीन थे !

यदि यही हाल कुछ वर्षों तक और बना रहा तो पाकिस्तान चीनी उपनिवेश ही होगा ,…बहरहाल …चीन कितनी भी आर्थिक ,सामरिक ,वैज्ञानिक उन्नति कर ले ,..विश्वमानस में उसकी विश्वसनीयता भस्मासुर से अधिक कैसे हो सकती है !……….अब भी चीन के पास समय है यदि वो जल्दी अपने रवैय्ये में सच्चा और स्थाई बदलाव लाये !…..अन्यथा चीन की अपूरणीय क्षति होनी नियति निश्चित है !…वो मानवता की हानि का जिम्मेदार भी होगा ,…..सबको समझना होगा कि संसार महज मशीनों से नहीं चलता है ,…और न सिर्फ बुद्धि से ,…उसे चलाने वाला कोई और भी है !…..उसे यदि मशीन ही माना जाय तो भी वो सर्वसमर्थ है ,..  कोई ताकत उसका मुकाबला नहीं कर सकती है !…

विशाल ताकतवर रूस के वीर पुरुषार्थी राष्ट्रपति ने तृतीय विश्वयुद्ध की घोर आशंका व्यक्त की है ,….हमारे लोभ अहंकार के कारण यह सच निकट लगता है ,….लेकिन यदि रूस चाहे तो धरती पर से घोर विनाश की आशंका समाप्त हो सकती है ,…धरती के जिम्मेदार मानवों को यह समझना चाहिए कि  हर स्थिति में दांव पेंच काम नहीं आते ,….मानव सत्ता का सामना सच से अवश्यम्भावी है ,…हमें और सच्चा मानवीय होना चाहिए ,…..मात्र अपने हित हेतु किसी को आतंकी और अन्यत्र उसके हमराह को राजनीतिक लड़ाका कहना मानवता से अपराध जैसा है !…..शक्तिशालियों से भगवान न्याय सत्य दया उदारता की अपेक्षा अधिक करते हैं !

मिलने वाले सहयोग के लिए भारत सभी देशों का कृतज्ञ है ,………आने वाला मानव समाज यह जानना चाहेगा कि कब कौन क्यों कहाँ क्या कर रहा था !………भारतीय सत्यनिष्ठां ,धैर्य ,साहस, पराक्रम ,ज्ञान ,मानवता सनातन अतुलनीय है !….संसार को हमेशा भारत से प्रकाश ही मिला है !….हम जरा गहराई से देखें तो तमाम आधुनिक प्रकाश के मूल में भारतीय ऊर्जा मिलेगी !……भारत सदैव सर्वसुख शान्ति की कामना रखता है ,……फिलहाल हम यही समझते हैं कि महाविनाश रोकने के लिए कारगर अल्पयुद्ध भी उचित और आवश्यक है !…..लेकिन जनपीड़ा का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है !…….रूस अमेरिका की रंजिश में मानवता की और बलि नहीं चढ़नी चाहिए ,……..यदि संयुक्त राष्ट्र संघ सच्चाई से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सके तो सबसे अच्छा होगा !…विश्वव्यापी संस्थाओं से विश्व और बड़ी उम्मीदें करता है ,….सभी संस्थाओं को और मजबूत कारगर विश्वसनीय सच्ची बनाना होगा ,……पाकिस्तान, चीन, उत्तर कोरिया को उनके जुल्मी अमानवीय गैरजिम्मेदार राक्षसी शासनों से मुक्त करना होगा ,…..सुधरने तक इन देशों पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाने होंगे !….या कुछ युद्ध लड़ने होंगे !….हमें हर हालत के लिए तैयार होना होगा !…हम कब तक अतीती गुनाहों की लाशें ढ़ोते रहेंगे ….हम कब तक अपने अहंकारवश मानवता को मिटाते रहेंगे ,….पृथ्वी पर आपसी शत्रुता से बड़े मुद्दे भी हैं जो हमारे अस्तित्व से जुड़े हैं !……हमारे सामने मानवता के उत्थान का पावन लक्ष्य होना चाहिए !…..हम कोई भी हों ..कैसे भी हों !!….हमारा लक्ष्य संसार में पूर्ण शान्ति आनंद ही है !…..एकदिन यह लक्ष्य पूरा होकर ही रहेगा !…सजीव सुन्दर संसार को लक्ष्य मिले तो कुछ और बात होगी !….लक्ष्य मिलने पर सबकुछ सुन्दर सजीव ही होगा !…...ॐ शान्ति !……वन्देमातरम !……भारत माता की जय !

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