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सद्कामनाएं !

युवामंच
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आदरणीय मित्रों ,सादर प्रणाम !

देश में मुद्रा परिवर्तन प्रारंभ हुए बारह दिन हो गए ,…….मुस्काते सुस्ताते हालात दिलचस्प फरेबी हैं !…….मुसीबत जैसी परेशानियों से गुजरने के बावजूद हर तबके फिकरे का आम आदमी प्रसन्न उत्सुक उत्साहित धैर्यवान है ,……….हम लाइनों में लगकर खेलों फिल्मों का टिकट लेते हैं ,……नए फोन सिम के लिए भी लम्बी लाइनों में लगते हैं …………राष्ट्रनिर्माण में कतार लगाना हमारा सौभाग्य है !……इस सरकार ने हमें रसोई गैस की नित्य थकाऊ उबाऊ लाइनों से आजाद किया है !…..करोड़ों घरों गृहणियों को धुंवे से आजादी मिली है !……..बैंक कतारों के माध्यम से बेपटरी देश सही रास्ते पर आएगा !……….इसी कतार में लगकर देशभक्त जनता जनहित में अपना बहुमूल्य छुट्टा धन भी जमा करती है ,……… बच्चे अपनी गोलक खोलकर देशसेवा कर रहे हैं ,…….कहीं शांत कतारबद्ध जनता को चाय बिस्कुट फल पूड़ी जलपान सेवा सहायता मिलती है !……..कहीं किसान अपनी सब्जियों को सहर्ष दान देते हैं ,……दुकानदार सहर्ष उधार देते हैं ,….कहीं नकदी के बजाय अन्नादि द्वारा नित्य प्रयोग वस्तु विनिमय होता है ,….. खाद बीज का संकट भी आपसी विश्वास समझदारी से पस्त हो रहा है ,….नकदी रहित व्यापार लगातार बढ़ रहा है ,….मानवीय दक्षता तकनीकी सहायता से परिवर्तन आसान सरल हुआ है !……..हर भारतीय इस महान क्रान्ति में भागीदार है ,…सेवानिवृत्त कर्मचारी अधिकारी बैंकों में स्वयंसेवा कर रहे हैं !……..शिक्षित जनता अशिक्षित भाइयों बहनों के बैंक फ़ार्म भर रही है !……एक अद्भुत उत्सव जैसा माहौल है ,……मानवता सभी देशभक्तों की कृतज्ञ है !….हमें आगामी समय में इस स्वच्छता अभियान का महान सुफल मिलेगा ,…. हमारी आगामी पीढ़ियाँ हमपर गर्व करेंगी !……..

..जबकि ….

..मालदार कालिख के गुलाम इंसान हर हाल में सर्वदुखदायी जहर जारी रखने पर आमादा हैं !…..यह काफी कुछ आत्महत्या जैसी घटिया जिद है !……राजनीतिक स्थिति काफी कुछ साफ़ है ,……..जहर बनाते खाते अधिकाँश राजनीति जहर की आदी हो गयी है !…………….तमाम कालिखी चेहरों ने अपना सफ़ेद मुखौटा खुद उतार दिया है ,…… विरोधियों की कारगुजारियां उनकी गहरी कालिख लोभलिप्सा साबित करती हैं !…….कुशल कर्मठता के प्रतिमूर्ति सच्चे प्रधानमंत्री पर गंदे प्रहार कर उनका ध्यान भटकाने बहकाने दबाने के भरपूर प्रयास जारी है !…..सनातन कांग्रेसी कुत्सितता चरम पर है !…..उनकी असफलता दुर्दशा नियति निश्चित है ! ………. विरोधी दल जनसमस्याओं की आड़ लेकर अपना और साथी आतंकियों अपराधियों का जहरीला धन बचाना चाहते हैं !……..कुटिल विषैले जनशत्रु पवित्र अभियान में अडंगा डालना चाहते हैं ,……..यदि ये दल/नेता जनता के जरा भी हितैषी होते तो आज ये स्थिति नहीं आती !……..कुछ पत्रकारिता भी देशहित को तिलांजलि देकर नकारात्मक ख़बरों को ही बढाचढाकर दिखाती है !……..कुछ लोगों में गुलामी की पुरानी लत बहुत मजबूत है ,….भगवान सबका भला करें !…..लेकिन .. आलोचना जब एकपक्षीय अज्ञानजनक हो तो यात्रारत राष्ट्र की पीड़ा और बढ़ती है !……तमाम पत्रकारिता को देश का प्रणाम है !…….विशेष परिस्थिति में सकारात्मक ज्ञान देना हमारा कर्तव्य है !….कुछ को सिर्फ मोदी विरोध ही विशेष लाभकारी दिखे तो उसका इलाज समय ही कर सकता है !……….बहरहाल .. सबको समझना चाहिए कि भारत विषैली गन्दगी से बहुत बेचैन था ,..उसे हर हाल में मुक्ति चाहिए !……मोदीजी में हमको मुक्तिदाता मिला है !…… हर तरफ उनका यशगान सुनाई पड़ता है !…..अज्ञानियों को तुच्छ अहंकार त्यागकर राष्ट्रसेवा करनी चाहिए !…….कुपथिकों को समझना चाहिए ….भारत की आवाज अनसुनी करने की कीमत बहुत भारी पड़ेगी !…….हमें बहकाने भटकाने के सभी प्रयास स्वयं बह जायेंगे !……..हमारे पूज्यनीय प्रधानमंत्री जी हमारी आवाज के सच्चे वाहक हैं !…..तमाम कुटिलताओं दबावों साजिशों के बीच श्री मोदीजी भारतवर्ष के उत्थान के लिए पूर्ण प्रतिबद्ध हैं !…..कमीनों की गालियाँ उनको वरदान समान लगती हैं !……उनके महान कदम किसी हालत में भी पीछे हटना तो दूर ..रुक भी नहीं सकते हैं !……..भारी बेईमानी से कमाई गयी अकूत बेनामी संपत्तियों पर भी कठोर कार्यवाही चालू हो गयी है !……भारतवर्ष अपनी सच्ची सरकार को साष्टांग प्रणाम सलाम करता है !……..अपने सच्चे समर्थ प्रधान सेवक पर हमको गर्व है !…….मानवता के सेवक मोदीजी हमको हर मुसीबत से भरसक बचाते हुए स्वच्छ लक्ष्य तक पहुंचाएंगे !……..यात्रा में कष्ट स्वाभाविक है !…..हम सहर्ष सबकुछ सहने करने को तैयार हैं !

थोड़ा और वस्तुस्थिति देखते हैं ,.…..कुछ अपवादों शैतानियों के सिवा मुद्रा परिवर्तन सुचारू तीव्रता से हो रहा है ,……देशभक्त कर्मियों की महान सेवा और सत्यनिष्ठ सरकार की कुशल सक्रियता से जन मुसीबतें कम हो रही हैं ! ……लेकिन छोटी नकदी की जमाखोरी जारी है ,………सरकार सतत निगरानी में जुटी है ,….आवश्यकतानुसार त्वरित जागरूक निर्णयों से समस्याएं सिमट रही हैं …..फिरभी अभी बहुत काम शेष है !………ग्राम्यांचलों में नकदी कम पहुँचती है ,….ग्रामीण एटीएम खुलने शेष हैं !……..हमारे कुछ काम अटके भी हैं ……हम पर्याप्त धैर्यवान हैं किन्तु कभी कहीं कोई अधीरता भी हावी हो जाती है ,…..लेकिन हम घबराते नहीं है !………..कुछ ही दिनों में हम पूर्ण स्वच्छ मुद्रा से युक्त होंगे !….नए नोट की ख़ुशी पाकर कतारबद्ध समस्याएं लुप्त हो जाती हैं !……….हमारे समतावादी समाज के उज्जवल भविष्य की आधारशिला रखी जा रही है !….ये काम भारत के शत्रुओं को कैसे सुहाएगा !……लाइनें कम हो रही हैं ,..लेकिन सरकार की जिम्मेदारियां बहुत बढ़ी हैं !..

….पाकिस्तानी हुकूमत?? बार बार हर बार अपनी नापाकी साबित करती है !….भीतर आतंकी नक्सली अपराधी बेचैन हैं !…….ऐसे में परमआवश्यक महान साहसिक निर्णय छप्पन इंच का सीना ही कर सकता है !………..हमारी राजनीतिक निष्ठा बंटी हो सकती है लेकिन मानवीय राष्ट्रीय दृष्टिकोण से श्री मोदीजी में हमारी पूर्ण निष्ठा विश्वास है !……हमारा प्रधानमंत्री गरीबी और हर समस्या को ठीक से समझने वाला सच्चा निदानकर्ता कर्मयोगी है !………माननीय महामहिम राष्ट्रपति जी का आत्मीय आशीर्वाद पाकर वो और ज्यादा शक्तिशाली ऊर्जावान हुए होंगे !……..उनको ,… उनके पूरे दल बल को भारत पुनः पुनः प्रणाम करता है !……….जिसके निर्माता रक्षक प्रेरक विकासक प्रकाशक स्वयं परमात्मा हों ,…उसे किसका भय हो सकता है ,…..फिर भी …… हमारे पूर्वजों ने बताया है कि शत्रु को कभी कमजोर नहीं समझना चाहिए !………हमारे प्रधानमंत्री जी की सुरक्षा पूर्णतम होनी ही चाहिए !….पूज्यपाद स्वामीजी की आशंका पुराने अनुभवों, ताजा हालातों पर आधारित है ,…….मोदीजी और स्वयं स्वामीजी हमारे अनमोल चैतन्य रत्न हैं !……उनका विश्वसनीय रक्षण प्रकृति माँ की जिम्मेदारी है ,…..हम सब प्रकृति के आधीन हैं !..

थोड़ा और मुद्रा परिवर्तन !…..कुछ चुनिन्दा बुजुर्ग बीमार बैंककर्मी अत्यधिक काम का दबाव झेलने में असमर्थ हैं ,…..वैसे इनमें कुछ रिश्वतखोर भी होंगे ,…..मोहपीड़ा अनिच्छुकता से व्याधि बढ़ती है ,…सबको व्याधिमुक्त तनावमुक्त रहना चाहिए !…..सबके जनक पालक संहारक परमात्मा हैं !…….सब हमारे हैं..हम जैसे हैं !…..किसी भी कदम से हम अपनी दिशा सार्थकता सुखशांति कर सकते हैं ,……राहत दिन प्रतिदिन आ रही है ,..फिर भी .. बीमारों बुजुर्गों को कुछ और राहत देना चाहिए !…….. हमारे अधिकाँश बैंककर्मी सक्षम जोशीले युवा हैं ……..हमें उनपर गर्व है !……सहकारी बैंक भी सहभागिता चाहते हैं लेकिन सरकार बहुत सुजान संतुलित है ,…..अधिकाँश सहकारी बैंक अकुशल हैं !…..स्वच्छता अभियान से पूर्ण भ्रष्टों का दूर रहना अधिक अच्छा है !

उधर …..आतंकियों अपराधियों अन्यायियों नक्सलियों की लंकाएं जल रही हैं ,..उनकी तीखी पीड़ा समझी जा सकती है ,…लेकिन कुकर्मों से कुफल ही मिलता है !………प्रायश्चित से पीड़ा कम हो सकती है .. किन्तु, अमानवीय मनुजता को यह राह जल्दी नहीं दिखती !…… सरकार द्वारा दिए गए पर्याप्त समय में काले कुबेर कालिख से मुक्ति पा सकते थे !…..अब भी लोभमुक्त होकर सहज बना जा सकता है !……धन जीवन का आवश्यक साधन है ,…..अतः इससे मोह स्वाभाविक है ,..महात्माओं ने कहा है मोहबंधन सबसे कठोर है ,…. मोह सभी व्याधियों पीडाओं का मूल भी है !…..तमाम मानवजाति ने साधन को ही पूर्णलक्ष्य मान लिया है !……..धनदासों का मृत्युतुल्य मोहपाश महसूस मात्र किया जा सकता है !……उनके लिए एकमात्र सुपथ सच्चा समर्पण है ,…..कुपथगामियों से कोई सहानुभूति रखनी मानवता से अपराध सरीखा है !….लेकिन हम उनसे भी सहानुभूति रखते हैं !…………..लोभी स्वर्ण कारोबारियों की गुप्त कालिख से समस्त जनता सदैव ठगी गयी है !………सोना श्रेष्ठतम ठोस मुद्रा है !…….इसकी शुद्धि भी अत्यंत आवश्यक है ,….सरकार को सभी ठोस तरल गुप्त शैतानियों पर सक्षम शिकंजा कसना है !…….श्रेष्ठ सरकार को इसके लिए भी हार्दिक शुभकामनाएं !

कुछ लालची लोग यह कहते हुए सरकार की आलोचना करते हैं कि ,… ‘पहले विदेशी कालाधन लाते फिर देशी मिटाते’ !…………उनका तर्क कहता है .. ‘पहले चौथी मंजिल बनाते फिर नींव खोदते’

हमें जरा और गहरे विचार करना है !……..कालाधन किनका है ?……कौन परेशान है ?….और किनके कुकर्मों से देश को परेशान होना पड़ा ? ….किनकी फैलाई काली बीमारी के कारण आज हमें भी सर्जरी की पीड़ा से गुजरना पड़ा ?………..वो आतंकी हैं ,…नक्सली हैं ,….तस्कर हैं ,…रिश्वतखोर हैं ,…मिलावटखोर हैं ,..जमाखोर हैं ,…..हरामखोर हैं ,…..माफिया हैं ,….अपराधी हैं ,….सूदखोर हैं ,…चोर डाकू ठग धूर्त बेईमान कसाई हैं !…………..भटका मानव भगवत्ता मानवता से विमुख होकर असुरता के दलदल में फंसा है ,……इनमें हमारे राजनीतिज्ञ नौकरशाह न्यायाधीश भी शामिल है !…….न्यायतंत्र में भारी भ्रष्टाचार सर्वाधिक दुखदायी है !…………..बहरहाल कालिख के सरपरस्तों को भगवान भी शायद ही क्षमा कर सकते होंगे !…………समर्थकों के पास शायद अब भी समय होगा ,….सबको बेशर्त सर्वसुखकारी मुख्यधारा में शामिल होना चाहिए ,….अन्यथा उनका मालिक कोई कामचलाऊ भगवान अल्लाह गॉड भी नही हो सकता है !……….कुछ लोग जुगाड़ जतन में जुटे हैं ,…….लेकिन अब सिर्फ सच का सहज सामना ही सार्थक है !………..जितने भी जुगाड़ लगेंगे ,…पीड़ा उतनी ही ज्यादा मिलेगी !

पीड़ा संक्रामक भी होती है ,…पीड़ित पीड़ा फैलाता है ,…..स्वयं में रहस्य संसार के अनेकों रहस्यों की तरह इसका आदि अंत भी रहस्य है ,…. लेकिन … इसे रोकना और सार्थक दिशा की प्रेरणा देना आज के समस्त ज्ञानियों महापुरुषों शक्तियों विचारों दलों की सामूहिक जिम्मेदारी है !……….राष्ट्रद्रोह सबसे बड़ा अपराध है ,…इसका निर्धारण कोई अपराधी मनुष्य भी अपने ह्रदय में कर सकता है !…..किसी के कहने मात्र से कोई राष्ट्रद्रोही या राष्ट्रभक्त नहीं हो जाता अपितु उसके कर्म जगत में स्वयंसिद्ध प्रमाण होते हैं !

पूर्ण विपथगामी आतंकी नक्सली मिल चुके होंगे !…… मलाईखोर नेता अधिकारी ठग ठेकेदार सेठ चोर तस्कर व्यापारी अपराधी भी एक हैं !…….इन दोनों का मिलन अत्यंत खतरनाक हो सकता है !………..हमें हरपल सावधान रहना होगा !…….मलाईखोरी का अपराध राष्ट्रद्रोह के सामने अत्यंत तुच्छ है !……प्रत्येक धर्म अपने राष्ट्र का गुणगान करता है ,……..राष्ट्रहित सर्वोपरि सबकी मुख्य धारणा है !……वतनपरस्त ही किसी जन्नत में जा सकता है !……..लालच में अंधे अपराधी तंत्र को पूर्णरूपेण देशद्रोह से अतिदूर रहना चाहिए !…………हम जो देंगे वही मिलना प्रकृति का प्रभावी नियम है !…….हमारे अपराधी भी हमारे ही हैं ,..हम सबसे प्रकाशपूर्ण परिवर्तन की आशा अवश्य कर सकते हैं !…..लेकिन पूर्ण कुंठित आतंकी का सुधरना बदलना दूर लगता है ,….आतंकी अपराधी गठजोड़ बनने से पहले रोकना समय की आवश्यकता है !…….आतंकियों के स्लीपर सेल बहुत दिन से बहुत जगह लगभग सब जगह हैं ,…….. हमारे समर्थ सुरक्षाबलों ने उनको बहुत हानि पहुंचाई है ,…फिर भी वो यत्र तत्र सर्वत्र मौजूद हैं !………. मृतप्राय विषाणु भी मौसम परिवर्तन पर हमलावर हो जाते हैं !……..यहाँ तो सुखद राष्ट्रीय परिवर्तन की बेकरार बयार है !……विषाणुओं की सक्रियता से पहले उनको निष्प्रभावी करना हमारी महान सफलता होगी !

हमें और सतर्कता सजगता बरतनी चाहिए ,……इस परिवर्तन से तमाम मठों मंदिरों मस्जिदों मदरसों गिरजाघरों मिशनरियों पर करारी चोट हुई है ,….अधिकांश जगह कुटिलता ही हावी है ,….पूर्ण भ्रष्ट कुटिल राजनीति भ्रष्ट आर्थिक धार्मिक आपराधिक गठजोड़ बनाती है !………..खैर ,……जारी अर्थयुद्ध में पीड़ित पापियों के संभावित प्रतिप्रहार से हमें बचाना हमारी सरकार की जिम्मेदारी है !……..भूखे होते भेड़िये मानवता नोचने के लिए धार्मिक उन्माद भड़काकर हमें लड़ा भी सकते हैं !…………शायद तैयारी भी कर रहे हों !……उनसे सक्षमता से निपटना हमारी महती जिम्मेदारी है ,…….स्वच्छता अभियान में आर्थिक हानि उठाने वाले अपनी हालत के खुद जिम्मेदार हैं !…..उनका धन ही गया है या जाएगा ,…लेकिन उन्हें प्रसन्नता हो सकती है ,.. क्योंकि,.. ये धन देश के काम आएगा !……..उनका शरीर सलामत जीवित है ,…वो बुद्धिमान भी हैं ,..सच्चाई अपनाकर कुछ भी कर सकते हैं !………आम आदमी को बिगड़े बड़ों के जाल उकसावे से बचना चाहिए !……..वैसे तो पूरा देश ही इनका जाल बना है ,…लेकिन …… बंगाल ,बिहार ,उत्तर प्रदेश, दिल्ली में विशेष खतरा लगता है ,…..यह नकली नोटों का रास्ता भी था ,…..कई राज्य सत्ताएं गुंडा तत्व से युक्त लिप्त लगभग लाचार हैं ,….. हमारी राष्ट्रीय सरकार पूर्ण समर्थ है ,….बैंकों,राजमार्गों,रेलमार्गों,बाजारों,प्रतिष्ठानों को सम्पूर्ण सुरक्षा देना बहुत बड़ी चुनौती है !…….आवश्यकतानुसार कहीं भी केन्द्रीय सुरक्षा तैनात करना उनकी महान जिम्मेदारी है ,…कुटिल राजनीति अब राष्ट्रनीतिक सरकार से दूर रहे तो सबके लिए अच्छा है !……….राष्ट्रहित में हर काम होना चाहिए और होगा !……हर तरह के धरने प्रदर्शन विरोध पर राष्ट्रव्यापी रोक लगनी चाहिए ,….. आवश्यकता अनुसार देश में ‘विशेष काल’ घोषित हो सकता है !……..भौचक चरमपंथियों को अपनी कुचेष्टाएं त्याग देनी चाहिए !………..अहंकारी निजस्वार्थ में अधर्मी बगावत की सोच रखने वालों को बचने की हर उम्मीद छोड़ देनी चाहिए !…..आत्महत्या से कुछ भी नहीं मिलता है !……सत्यपथ पर चलना पूरी मानवजाति की निम्मेदारी है !……..खुदको बड़ा समझने वालों को बड़ी जिम्मेदारी लेनी चाहिए !………हमें अनेकों अवसर मिलते हैं ,…जब चाहें लोभमुक्त होकर सुख शान्ति अपना सकते हैं ……अब विशेष अवसर है !……..हमें विवेकयुक्त होकर परमात्मा पर पूरा भरोसा रखना होगा !……विवेक की अनुपस्थिति में भरोसा अदृढ हो सकता है ,… भ्रम बढ़ सकता है !…..तब सच्चों से समझ सलाह ले लेनी चाहिए !……..परमात्मा से प्रार्थना उनकी आराधना करनी चाहिए !……भ्रमित भयानक तत्वों से खुद को अलग रखना चाहिए ,…..सच्ची सरकार सबका साथ सबका विकास ही चाहती है !……. कर्तव्यनिष्ठा से अपने श्रेष्ठ नेतृत्व पर हरहाल में पूरा भरोसा रखना हमारा दायित्व है !…… यह दायित्व ही निभाकर हम देशभक्त सिद्ध होंगे !……..इस सिद्धि में अनेकों पुण्यफल व्याप्त हैं !….परमपिता अनंत हैं ,….प्रत्येक मानव परमेश्वर की अनंत सम्भावनायुक्त रचना है ,…..हमारे सामने अनंत संभावनाएं हैं ,…..सर्वहितकारी सद्कामनाओं को संभव करना सबका धर्म है !……..राष्ट्रधर्म ही सर्वोपरि है/होना चाहिए !……..मुद्रा परिवर्तन सर्वसुखदायी सद्कामना है !……धरती की समस्त सद्शक्तियाँ सद्कामना की सहयोगी होती हैं !…..हम सबका हार्दिक आवाहन अभिनन्दन करते हैं !……..ॐ शांति !…..भारत माता की जय !……..वन्देमातरम !!

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