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मेहनतकशों को हज़ारों सलाम ! 04.01.2014.
दोस्तो, आज जब करोड़ों लोग नये साल में “सप्ताहांत”(Week end) का जश्न मना रहे हैं I
वहीं लाखों, मेहनतकश मज़दूर, तकनीशियन और इंजिनियर कपकंपाती सर्दी में भी देश की इंजिनियरिंग, विनिर्माण, परिवहन, संप्रेषण, तेल, गैस, अक्षय ऊर्जा, रक्षा, प्रौद्यौगिकी उन्नयन, पारेषण, विद्युत और ऊर्जा क्षमता आदि की बढोत्तरी के लिये निर्माण के कार्य में ख़ामोशी से लगे हैं I
एक निर्माण कार्य पूरा होगा, नेता और अधिकारी आयेंगे, उदघाटन करेंगे, वाहवाही लूटेंगे I अधिकारी पदोन्नत हो जायेंगे, नेता सत्ता पायेंगे I
यह गुमनाम ही रहेंगे और चुपचाप दूसरे निर्माण कार्य के लिये देश के किसी अन्य क्षेत्र में चले जायेंगे I
निर्माण के दौरान अक्सर मेहनतकशों को दुर्घटना में अपाहिज होते और जान गंवाते देखा है, उसके पश्चात उनकी और उनके परिवार की दुर्गत भी.
कोई नेता, कोई अधिकारी और खेद के साथ लिखना पड़ रहा है, कोई क़ानून सुध नहीं लेता.
सब आगे बढ जाते हैं और यह वहीं खड़े नहीं बल्कि पड़े रह जाते हैं.
ऐसे ही गुमनाम नींव के पत्थरों को, जो ख़ामोशी से देश और समाज की उन्नति और समृध्दि के लिये निरंतर, बिना थके और रुके हुऐ कार्य कर रहे हैं – सलाम करने की आज दिल की चाहत है I
क्या आप साथ देंगे?
अगर हां, तो कहिये, दिल से – मेहनतकशों को हज़ारों सलाम !
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