- 62 Posts
- 43 Comments
दिनांक : २९.०८.२०१६. राष्ट्रीय खेल दिवस – दद्दा का जन्मदिन !
सभी देशवासियों और विशेष कर झांसीवासियों को हार्दिक बधाई !!
सोचें, क्या ! दद्दा ध्यानचन्द भारत रत्न के सच्चे हक़दार नहीं?
मेजर ध्यानचन्द एक ऐसा नाम जिसे सुनकर हर हाकी प्रेमी, हर हिन्दुस्तानी और विशेष कर हर झांसी वासी ख़ुशी से झूम उठता है. क्योंकि हाकी के इस जादूगर का खेल कौशल जहां सभी को आश्चर्य चकित करता है, वहीं इनकी देशभक्ति की ख़ुश्बू अपने वतन की ज़मीन और वतनवालों को हमेशा महकाती है.
हम उन्हें प्यार और आदर से ‘दद्दा’ कहते हैं.
‘सचिन तेन्दुलकर’ या आज के अन्य किसी खिलाडी से ‘दद्दा’ की तुलना बेमानी है. सचिन या कोई और ‘दद्दा’ के सामने बच्चे हैं.
जहां अज़ीम शख़्सियत ‘दद्दा’ ने तमाम प्रलोभनों से ऊपर उठकर, बिना किसी सुख सुविधा, संसाधन और सुरक्षा उपकरण के, सिर्फ और सिर्फ देश का नाम रोशन करने के लिये, अपने खेल के जौहर दिखाये और हाकी के जादूगर कहलाये.
वहीं सचिन ने या आज के अन्य किसी खिलाडी ने तमाम सुख सुविधाओं, संसाधनों और सुरक्षा उपकरणों के साथ, अपने प्रायोजकों के हितों की रक्षा करते हुए देश के लिये भी खेला है और मोटी रक़म वसूली है.
हम हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचन्द के साथ हुऐ पक्षपात से दु:खी हैं और नाराज़ भी. पिछली सरकार द्वारा लोक सभा चुनाव में वोटों के लिये सचिन को “भारत रत्न” और ‘दद्दा’ की उपेक्षा कर मुंह की खाई थी और निर्विवाद रूप से आलोचना की हक़दार बनी. तब प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार श्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘दद्दा’ को भारत रत्न दिये जाने की मांग का समर्थन किया गया था. लेकिन दो साल बाद भी कोई निर्णय न लेने से लगता है कि यह भी वोटों की राजनीति के अतिरिक्त कुछ नहीं था.
सचिन या आज के अन्य खिलाडी महान हो सकते हैं लेकिन हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचन्द और हमारे ‘दद्दा’ सर्वकालिक महान हैं.
रानी लक्ष्मी बाई के बाद ‘दद्दा’ के नाम से ही दुनिया में झांसी की पहचान है. इन दोनों अज़ीम शख़्सियतों ने हमें दुनिया के सामने गर्व से सिर उठाने का सर्वकालिक अवसर दिया है. हमें झांसी वासी होने पर गर्व है. झांसी की अज़ीम शख़्सियतों को दिल की गहराईयों से हज़ारों सलाम!
देशवासियों और सरकार को दिल की गहराईयों में जाकर सोचना चाहिए कि क्या ह्क़ीक़त में दद्दा ध्यानचन्द, भारत रत्न के सच्चे हक़दार नहीं?
क्या इस अलंकरण में देर नहीं हो रही?
झांसी का इक़बाल हमेशा बुलन्द रहे, इसी संकल्प के साथ-हम ‘दद्दा’ को भारत रत्न दिये जाने की पुरज़ोर मांग करते हैं.
आप से भी गुज़ारिश है कि आप भी समर्थन करें.
सैय्यद शहनशाह हैदर आब्दी
समाजवादी चिंतक
निवास-“काशाना-ए-हैदर” 291-लक्ष्मन गंज – झांसी (उ0प्र0)
मो.न.09415943454.
Read Comments