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बहुत उदास हूँ मैं

make your critical life easier
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प्रिय मित्रो,

आप में जो भी मुझे पढ़ रहे है मैं उन सबका आभारी हूँ. मेरा प्रयास है की ज़िन्दगी के कुछ नए पहलुओं पर आपका ध्यान आकर्षित करता रहूँ. आशा है मेरा ये प्रयास सार्थक होगा. अवसाद, depression , या उदासी आजकल बड़ी सामान्य सी बात हो गयी है. जिसे देखो वही उदास है. खुशियों भरे चेहरे तो अब दुर्लभ हो चले है. हंसी मजाक, ठिठोली, चुटकुले बगैरह तो अब अतीत कि बात हो गए है. अब चारो और सिर्फ उदास चेहरे नज़र आते है. जीवन के बिना जीवित लोग हमारे चारो तरफ है. माथे पर चिंता कि लकीरें खिंची हुई, कंधे गुरुत्वाकर्षण से झुके हुए, कुछ ऐसा ही नज़ारा है जो हम देख रहे है. कुछ युवा वर्ग ही हँसता खेलता नज़र आता है वरना तो सब उदास ही है. उदास चेहरे माहौल को भी उदास बना देते है. उदासी के उस आयन में जो भी आता है वो भी उदास हो जाता है. बाप रे!

आखिर हम उदास क्यों होते है? आत्मविश्वास कि कमी, असफलताएं, असुरक्षा कि भावना (आर्थिक या सामजिक) या फिर कई और कारण हो सकते है जो हमें उदास होने पर मजबूर करते हों. वैसे ये बिलकुल प्राकृतिक है. अन्तरिक्ष में उपस्थित सूक्ष्म तरंगे जो सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित करती है, हमें प्रभावित करती है. चूंकि पूरा वातावरण ही अधिकांशतः उदासी से भरा है तो नकारात्मक ऊर्जा का फैलाव ही ज्यादा होगा. यही नकारात्मक ऊर्जा हमें उदास करती है. आध्यात्म विज्ञानं के अनुसार हमारी सोच, शब्द और विचार स्वतंत्र नहीं है. ये सभी ब्रह्माण्ड में फैली विशाल ऊर्जा के नियंत्रण में है जिसमे समाहित है व्यापक शब्द, विचार और  ध्वनियाँ. हमारे कार्य पूर्वनिर्धारित है. यानी हमारा सब कुछ एक अदृश्य के वश में है जो हमारे नियंत्रण से बाहर है. हम पूर्ण रूप से ब्रह्मांडीय ऊर्जा से संचालित है.

इस उदासी से पार पाने कि कोशिशें जारी रहती है पर ये उदास व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वो क्या उपाय आजमाता है. उदासी पर नियंत्रण के लिए ऐसा भी किया जा सकता है. यथासंभव अपना ध्यान बांटने कि कोशिश करें और उदास पल के उस समय के कारण से दूर जाने कि कोशिश करें. कुछ गुजरी हुई अच्छी घटनाओ, पलों, यादों को समेटें और अपने को अतीत के उस सुनहरे पल में वापस ले जाएँ. इससे तुरंत राहत मिलेगी. उस स्थान को छोड़ दें. किसी दूसरे परिवेश में बैठें. दिमाग में नकारात्मक विचारों को आने से यथासंभव रोकें. कोई मन माफिक संगीत, फिल्म या नाटक देखें. अपने किसी प्रियजन से फोन पर बात करें. उसके साथ गुजारे हुए किसी टूर कि यादों पर चर्चा करें. मेरा विश्वास है कि इससे जरूर उदासी कम होगी. ध्यान दूसरी तरफ बांटने से ऊर्जा का प्रवाह भी बदल जाएगा.

अन्तरिक्ष से लगातार आने वाले शब्द और विचार हमारे विचारो को शक्ति देते रहते है चाहे वो नकारात्मक हो या सकारात्मक. इसलिए हमें अपने दिमाग में उपयोगी विचारों को ही स्थान देना चाहिए ताकि हम उनका लाभ ले सकें. उदासी का अत्यधिक आवेग अहितकारी होता है. व्यक्ति आत्महत्या जैसा कदम ऐसी ही स्थिति में उठाता है. इससे बचने का एक और भी अच्छा उपाय है सो जाना. नींद में आपके वो विचार जो उदासी के लिए जिम्मेदार है, दूर जा सकते है. मित्रों का समूह या पारिवारिक समूह भी आपकी उदासी दूर करने में सहायक है. ये सब भी नहीं तो खरीदारी के लिए बाज़ार में चले जाइए. मेरा सुझाव है कि जल्द से जल्द अपनी उदासी से छुटकारा पा लें इससे पहले कि उसके दुष्परिणाम सामने आये. शुभ कामनाओं सहित आपका – हरबंश शर्मा

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