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आओ 15 अगस्त मनाए (कविता)

jagate raho
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१४ अगस्त बरसात की रात, देश छोड़ भागे अंग्रेज !
शहीदों ने स्वर्ग में, अंग्रेजों के फाड़े पुस्तक पेज,
फाड़े पुस्तक पेज, १५ अगस्त सुबह तिरंगा लहराया,
लाल किले की प्राचीर पर तिरंगों ने स्थान पाया !
अमीर गरीब सभी धर्मों के लोगों ने जश्न मनाया,
शहीदों के लाल रक्त ने तिरंगे को रंगीन बनाया !!

हंसने वाले आरके जैन अग्निहोत्री मुस्कराते,
अनेजाजी शर्मा जी बीच बीच में ताली बजाते !
बीच बीच में ताली बजाते है गुप्ता जी टीचर भारी,
सीप की बाजी लेजाते बिना हंसे मुस्कराते !
आओ सब मिलकर जन मन गण गीत गांयें,
लंच यहीं है सबका फिर मिलकर भोग लगाएं !

आज होगए ७१ साल हमने क्या खोया क्या पाया,
आम आदमी आम रह गया, नेताओं ने तोंद बढ़ाया !
नेताओं ने तोंद बढ़ाया, समाज को वर्गों में बांटा,
और वोटर फ़साने के लिए फेंका जादूगरी काँटा !
कहे रावत कविराय जनता ने तिरंगा ऊंचा उठाया,
प्रधान मंत्री ने लाल किले से बधाई सन्देश सुनाया ! धन्यवाद

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