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विवाह समारोह से एक दिन पहले –

jagate raho
jagate raho
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श्रीगणेशायनम:
मंगलम भगवान् विष्णु, मंगलम गरुड़ ध्वजा,
मंगलम पुण्डरी कांक्षाया, मंगलाय तनो हरी !
सर्व मंगल मांगले, शिवे स्वार्थ साधिके,
शरणे त्रिअम्बिके गौरी, नारायणी नमस्तुते !
परिचय
छोटों को आशीष, बुज़ुर्गों को प्रणाम !
हरेंद्र रावत है इस बन्दे का नाम !!
इस बन्दे का नाम, नमन कमाल सिंह मखलोगाजी को,
परिवार के मुखिया हैं वे उनसे आशीष ले लो !
राजघराने के निकट रहा मखलोगा परिवार,
फोर्सेस व् हर विभाग में, हैं इनके सिपाहलासार,
डाइटेक्टर, पुलिस कमिशनर और घर में इतिहासकार,
नितिन खुद जर्मनी में, मखलोगों की जय जयकार !
नाम भी परिवार रिश्तेदारों के अगली पंक्ति में आते हैं,
अनिल, अजय, बृजेश, विजय, प्रेम और स्वर्ण
हुनर में नाम कमाते हैं !
हम भी तो किस्मत वाले हैं, इस परिवार से नाता है,
इन्ही के सम्पर्क में रहकर ये बन्दा कवि कहलाता है !

दिल में उपजे कुछ शब्द मेरे,
ये कविता जैसे लगते हैं,
रस अलंकारों के संग में आकर,
आपस में घुल मिलते हैं !
कविता ने स्वर बदला अपना,
समझ न मेरी आया,
मित्र मंडली का संगम है,
हमको है बुलाया !
माहौल बना रंगीन बड़ा,
लगता कुछ कुछ होता है,
बिना ब्रेक के हँसता कोई,
जाम ओंठो पे लगाके,
मजे से सोता है कोई !
अरे भई जागो सोने से,
ये सर्दी पीने की आदि है,
३ दिसम्बर रविवार को,
नितिन गुंजन की शादी है !
नाचो गाओ, खुशी मनाओ,
पिओ और पिलाओ,
फिर बरात में दुला के संग,
दुल्हन लेने जाओ !
दूल्हा दुल्हन के गण मिलते,
अंक विज्ञान बताता है,
सूर्य चंद्र की आँख मिचौनी,
अपना जलवा दिखलाता है !
वर वधु सुखी रहें, कृपा करें गणेश,
आशीर्वाद दे रहे, ब्रह्मा विष्णु महेश !
ब्रह्मा, विष्णु, महेश, मौसम बड़ा सुहाना,
कान खड़े सुनने को स्वर्णजी का गाना !
कहे रावत कविराय, जाम ने असर दिखाया,
सुस्त पड़े जिस्म में एक नयी ऊर्जा लाया ! धन्यवाद
हरेंद्र

सही कहें तो वे कपडे bada

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