Menu
blogid : 12455 postid : 1311294

हे सैनिक तेरी यही कहानी

jagate raho
jagate raho
  • 456 Posts
  • 1013 Comments

सैनिक फ़िल्मी ऐक्टर में है केवल भेद यही,
ऐक्टर कमाता नाम और पैसा,
सैनिक सीमा का प्रहरी है,
ऐक्टर अपने लिए ही जीता,
सैनिक राष्ट्र की मजबूत कड़ी है !

ऐक्टर पेट के खातिर ऐक्टिंग करता,
सैनिक अपने देश के खातिर,
अपनी जान गंवाता है,
ऐक्टर बन्दर सा स्टेज पर
उछल कूद मचाता है,
सैनिक सीमाओं पर,
अपने देश की लाज बचाता है !
ऐक्टर जनता की जेबों पर डाका डाले,
सैनिक जन धन की रक्षा पर अपनी जान गंवाता है,
पर रहता परदे के पीछे कभी नजर नहीं आता है !

अब नेता की बात करें,
जो निज कुटुंब की
उदर पूर्ती के लिए मरे,
झोला छाप अनजान ख़ास बन जाते है,
जब वे नेता की सफ़ेद लाल टोपी लगाते है !
विधान सभा या संसद में मंत्री बन जाते हैं,
जमाखोरी,घूस रिश्वत खोरी, कालाधन से नाम कमाते हैं,
मवेशी चारा चोर से लेकर गरीब का हिस्सा खा जाते हैं,
नकली हंसी चेहरे पर लाकर स्वयंभू मसीहा बन जाते हैं !

सैनिक देश पर कुर्वान होता,
मरणोपरांत कहीं चक्र मिलता,
लड़ाई में परमवीर, महावीर या वीर चक्र नाम है इनका,
अमन में अशोक, कीर्ति और सौर्य चक्र बन जाते हैं !
पर नेता/नेता के चमचे कुर्सी पर बैठे भारत रत्न ले लेते है,
ऐक्टर गीतकार, जनसेवक बनकर
परम विशिष्ट – विशिष्ट सेवा मैडल पा आर्थिक लाभ उठाते हैं !
दुष्कर्मी नेता मरने पर राष्ट्रीय नेता बन जाते हैं,
देवताओं जैसे धूप दीप से
न चाहने पर भी पूजे जाते हैं !
सैनिक दुश्मन से लड़कर मरते,
कुछ वर्फीली चटानों में दब जाते हैं,
देश के असली भक्त होने पर भी,
असली सम्मान नहीं पाते हैं !
हे सैनिक तेरी यही कहानी,
देश बचाने पर खो जाती जवानी,
बच्चों का प्यार दिल में
और आँखों में रहता है पानी !
हे सैनिक तेरी यही कहानी !! हरेन्द्र एक्श फौजी

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply