Menu
blogid : 2899 postid : 1268801

कहीं जनता ही न कर दे सर्जरी

Harish Bhatt
Harish Bhatt
  • 329 Posts
  • 1555 Comments

भारत में होने वाले आतंकी हमलों को लेकर केंद्र सरकार ने पहली बार सर्जिकल स्ट्राइक जैसा ठोस कदम उठाया है. इस संबंध में जहां आतंकी हमलों से ग्रस्त विश्व के शक्तिशाली देश भारत सरकार और भारतीय सेना के इस कदम का समर्थन कर रहे है, वहीं भारत के कुछ नेता सबूत मांग रहे है. आखिर यह नेता चर्चाओं में आने के लिए घटिया हथकंडों को अपनाना कब बंद करेंगे. फिल्मी पर्दे के नौटंकीबाजों को जैसे सांप ही सूंघ गया है. बात करते है कला के हनन की. अगर आतंकियों को पनाह देने वाले देश के कलाकारों के साथ काम नहीं करेंगे तो इनको मौत आ जाएगी. उरी हमले में 18 सैनिकों की मौत हो या कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाओं को लेकर अब आमिर खान की श्रीमती किरन राव को डर नहीं लग रहा हैै. अब उन्होंने आमिर से देश छोडने की बात क्यों नहीं की. आतंकियों की मौत से बौखलाए पाकिस्तान की धमकियों के बाद भी किसी साहित्यकार की अंतरात्मा नहीं जाग रही है. अब कोई अवार्ड क्यों नहीं लौटा रहा है. यह बातें दिल को चोट पहुंचाती है जिनको भारतीय जनता ने इतना मान-सम्मान दिया, रातों-रात स्टार बना दिया, वो हस्तियां जब आम इंसान के दिल पर हथौडा मारने जैसी बात करती है तो गुस्सा आना स्वभाविक है. वह भी जब बात पाकिस्तान की हो, जो यहां तक कहता हो कि कश्मीर का फैसला एक क्रिकेट मैच के जरिए कर लिया जाए. आप पूरा टूर्नामेंट हार जाइए कोई बात नहीं, बस पाकिस्तान से जीत जाइए. भावनाओं में विश्वास करने वाली जनता के साथ इतना बड़ा विश्वासघात यकीन करने लायक नहीं होता. भारतीय गर्ल्स के दिलों पर राज करने वाला मैंने प्यार किया के प्रेम हो या पुलिस के रोल में पांडे जी हो, बजंरगी भाई जान या फिर बेबी को बेस पसंद है वाले सलमान खान की न्यू रिलीज के लिए अपना पेट काटने वाले हो या अपना जेब खर्च बचाकर स्कूल गोइंग स्टूडेंट्स, हाउसफुल करने वाले पाकिस्तान नहीं भारत में ही बसते है. जब हर बात हर मामले में बात लाइन खींचने पर आ जाए तो फिर कलाकार अलग दुनिया से नहीं आते है, इनको इतनी सी बात समझ लेनी चाहिए. बात-बात पर सबूत मांगने वाले अरविंद केजरीवाल, जब अन्ना हजारे के कंधों पर चढ़कर राजनीति में शुचिता की बात करते थे, तब किसी ने उनसे उनकी ईमानदारी का सबूत मांग लिया होता तो आज भारतीय सेना और दिल्ली की जनता के साथ-साथ भारतीयों को यह दिन नहीं देखना पड़ता. ऐसा कैसे हो सकता है कि भारतीय राजनीति को एक नई दिशा देने वाला राजनेता पाकिस्तानी सेना की आंखों का सितारा बन जाए. सालों बाद भारत का नेतृत्व एक पॉवरफुल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे है और वह पॉवरफुल बने है भारतीय जनता के अपार समर्थन से. अब अगर वह आतंक का जवाब देने में सक्षम है तो किसी कोई क्या दिक्कत. भारतीय सीमाओं पर हाई वोल्टेज टेंशन और हम घरों में चैन से सो रहे है तो यह सेना का ही दम है. प्रधानमंत्री का फुल बैकअप और भारतीय सेना की सिर्फ एक सर्जिकल स्टाइक ने ही आतंकियों के साथ-साथ पाकिस्तान के होश पाख्ता कर दिए है तो किसी परेशानी क्यों हो रही है. एक बात और है सर्जिकल स्ट्राइक पर पाक सबूत मांग कर अपने गले फांस क्यों डालेगा. वह तो अमन पसंद देश है. राजनेताओं को भी समझ लेना चाहिए कि राजनीति करने के लिए कई अनसुलझे मुद्दे है, जिनका समाधान होना बाकी है. अगर यह नेता इस संबंध में कुछ अच्छा नहीं कर सकते तो अपना मुंह बंद रखना ही इनके लिए बेहतर होगा, क्योंकि यह पब्लिक है सब जानती है. अंदर क्या है- बाहर क्या है. और यह ताकत दी है उसे सोशल मीडिया ने. बदलते दौर में तेजी से बदलती टेक्नोलॉजी के चलते किसने कब क्या कहा, सब कुछ वायरल हो जाता है. ऐसे में देश विरोधी या जन विरोधी बयानबाजी करने वालों को ध्यान रखना होगा, कब, कहां, क्या और क्यों बोलना है. इनका नेताओं की थोड़ी नहीं बहुत जिम्मेदारी बनती है, क्योकि इनके साथ-साथ इनके समर्थकों से कहीं सौहार्दपूर्ण वातावरण दूषित न हो जाए. कम से कम देश के मामले में एक रहना इनको आना ही चाहिए. कहीं ऐसा ना अगले चुनाव में जनता इनकी ही सर्जरी न कर दे.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh